स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से दिया इस्तीफा, पूछा- मेरा बयान निजी कैसे

लखनऊ, BNM News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अपने बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी अध्यक्ष के लिए एक खत लिखकर अपने पद से इस्तीफा दिया है। पत्र में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का कारण बताया है।

कई लोगों के निशाने पर आए मौर्य

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ महीनों पहले रामायण पर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद वह कई लोगों के निशाने पर आ गए थे। उन्होंने अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि उनकी ही पार्टी के कुछ छुटभईये और कुछ बड़े नेताओं ने उनके बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह ‘मौर्य जी का निजी बयान है।’

इस्तीफे में स्वामी प्रसाद ने लिखा है कि उन्होंने लगातार कई सालों से समाजवादी पार्टी के लिए काम किया है और पार्टी के जनाधार को भी बढ़ाया है। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी किस तरह से सिकुड़ती जा रही थी लेकिन स्वामी की राजनीति और अथक प्रयासों के चलते 2022 में पार्टी के विधायकों की संख्या 110 हो गई.

दुखी हैं स्वामी प्रसाद

 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने पद से इस्तीफा देते हुए कई कारण गिनाए हैं। उन्होंने इस मामले मे दुख भी जाहिर किया है कि उनकी बातों पर अमल नहीं किया जा रहा है। मौर्य ने लिखा है कि उन्होंने जातिवार जनगणना, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ों के आरक्षण को बचाने, बेरोजगारी-महंगाई, किसानों की समस्या, लोकतंत्र और संविधान को बचाने और निजीकरण के खिलाफ प्रदेश स्तर पर यात्रा निकालने की सलाह दी थी। इस पर आश्वासन दिया गया लेकिन सकारात्मक परिणाम नहीं रहे इसकी वजह से स्वामी प्रसाद दुखी हैं।

दलितों-पिछड़ों के सम्मान को जगाया

मौर्य ने इस्तीफे में इस बात का भी जिक्र किया है कि उन्होंने उन दलित, पिछड़ों और आदिवासियों के हित की बात कही जो कि भाजपा के फैलाए जाल में फंस गए थे। उनके स्वाभिमान को जगाने का काम स्वामी प्रसाद ने किया है। स्वामी ने यह भी लिखा है कि उन्होंने ढोंग-पाखंड पर भी प्रहार किया। इस पर पार्टी के ही कई नेता उनके खिलाफ बात करते हुए नजर आए और उनके बयानों को निजी बयान बताया गया। हालांकि इसे भी उन्होंने अन्यथा नहीं लिया।

 

 

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