संसद के संयुक्त सत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बोले, रूस शांति चाहता है, यूक्रेन भी वार्ता के लिए तैयार

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि रूस शांति चाहता है तो यूक्रेन शांति वार्ता के लिए तैयार हो गया है। रूस से इस बात के मजबूत संकेत मिले हैं कि वह शांति के लिए तैयार है। जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने उन्हें पत्र लिखकर बताया है कि उनका देश वार्ता की मेज पर आने और खनिजों एवं सुरक्षा संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है। ट्रंप ने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के दौरान यह बात कही। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि बाइडेन अब तक के सबसे बेकार राष्ट्रपति रहे। बता दें कि व्हाइट हाउस में गत शुक्रवार को ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हुई थी। इसके बाद सोमवार को ट्रंप ने यूक्रेन के लिए सभी अमेरिकी सैन्य सहायता पर रोक लगा दी थी। ट्रंप के इस कदम को यूक्रेन पर दबाव बनाने के रूप में देखा गया। यह भाषण मेक्सिको, कनाडा और चीन पर ट्रंप के नए टैरिफ लगाने के एक दिन बाद आया.

संघर्ष को समाप्त कराने के लिए अथक प्रयास

ट्रंप ने संसद के संयुक्त सत्र में अपने पहले संबोधन में कहा, ‘मैं यूक्रेन में जारी भीषण संघर्ष को समाप्त कराने के लिए भी अथक प्रयास कर रहा हूं। इस भीषण और बर्बर संघर्ष में लाखों यूक्रेनी और रूसी बेवजह मारे गए या घायल हुए। इसका कोई अंत नजर नहीं आ रहा है।’ उन्होंने बताया कि उन्हें मंगलवार को जेलेंस्की का पत्र मिला, जिसमें उन्होंने कहा कि यूक्रेन स्थायी शांति के लिए जल्द से जल्द वार्ता की मेज पर आने के लिए तैयार है। यूक्रेन के लोग सबसे ज्यादा शांति चाहते हैं। ट्रंप ने बताया कि जेलेंस्की ने पत्र में लिखा है कि वह और उनकी टीम स्थायी शांति के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के मजबूत नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार हैं। हम यकीनन इस बात की सराहना करते हैं कि अमेरिका ने यूक्रेन की सहायता करने, उसकी संप्रभुता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए कितना कुछ किया है। खनिजों और सुरक्षा समझौते के संबंध में यूक्रेन किसी भी समय हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है, जो भी आपके लिए सुविधाजनक हो।

रूस के साथ गंभीर चर्चा

 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह पत्र की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने रूस के साथ गंभीर चर्चा की है और मुझे मजबूत संकेत मिले हैं कि वे शांति के लिए तैयार हैं। यह पागलपन रोकने का समय है। यह हत्या रोकने का समय है। यह निरर्थक युद्ध समाप्त करने का समय है। अगर आप युद्ध समाप्त करना चाहते हैं तो दोनों पक्षों को बात करनी होगी।’ ट्रंप के संबोधन के कुछ घंटे पहले ही जेलेंस्की ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह दीर्घकालिक शांति के लिए ट्रंप के मजबूत नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार हैं।

43 दिनों में पूर्व के प्रशासनों से ज्यादा काम किए

संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उनके प्रशासन ने महज 43 दिनों में इतना काम कर दिखाया है, जितना काम पूर्व के ज्यादातर प्रशासनों ने चार वर्ष या आठ वर्ष में भी नहीं कर पाया। यह तो अभी शुरुआत है। हमारा गौरव और हमारा आत्मविश्वास वापस आ गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने 20 जनवरी को शपथ ग्रहण किया था। व्हाइट हाउस में यह उनका दूसरा कार्यकाल है।

ट्रंप ने आगे कहा, ‘पिछले 6 हफ्तों में मैंने लगभग 100 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं. इसी के साथ 400 से अधिक कार्यकारी कार्रवाइयां की है जो हमारे अद्भुत देश में सामान्य ज्ञान, सुरक्षा, आशावाद और समृद्धि को बहाल करने का एक रिकॉर्ड है. लोगों ने मुझे इस काम के लिए चुना है और मैं इसे कर रहा हूं.’

ट्रंप ने एक घंटे 40 मिनट किया संबोधित

ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में मंगलवार को पहली बार संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने एक घंटा 40 मिनट तक भाषण दिया। ट्रंप ने संयुक्त सत्र में सालाना राष्ट्रपति संबोधन के मामले में एक नया रिकार्ड बनाया है। इससे पहले 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने संसद के संयुक्त संत्र को एक घंटा 28 मिनट तक संबोधित किया था।

डेमोक्रेट सांसद ने किया हंगामा

ट्रंप के संबोधन के दौरान टेक्सास से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद अल ग्रीन ने हंगामा किया। ग्रीन ने ट्रंप की कुछ नीतियों के विरोध में नारे लगाए। इसके बाद स्पीकर ने उन्हें सदन से बाहर कर दिया। हालांकि ऐसा करने वाले वह पहले सांसद नहीं हैं, लेकिन हालिया समय में वह संभवत: पहले सांसद हैं, जिन्हें सदन से बाहर किया गया। इस दौरान स्पीकर माइक जॉनसन ने उन्हें चेतावनी दी! वहीं, रिपब्लिकन सांसद खड़े होकर डेमोक्रेट के एक विरोधी के सामने ‘यूएसए, यूएसए’ का नारा लगाने लगे।

अमेरिकी नियंत्रण में पनामा नहर!

ट्रंप ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के दौरान हांगकांग के समूह सीके हचिकन से अमेरिकी कंपनी ब्लैकराक के नेतृत्व में किए गए एक समझौते की सराहना की है। हांगकांग स्थित कंपनी सीके हचिकन ने अपनी अधिकांश हिस्सेदारी अमेरिकी कंपनी को बेच दी है। यह सौदा 22.8 अरब डालर में हुआ है। इससे पनामा नहर से जुड़े कई महत्वपूर्ण बंदरगाह भी अमेरिकी कंपनी के नियंत्रण में आ जाएंगे।

ग्रीनलैंड के पीएम बोले, बिकाऊ नहीं हैं द्वीप

 

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा हर कीमत पर ग्रीनलैंड पर कब्जा करने के इरादे जाहिर करने की घोषणा के कुछ घंटों बाद ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूटे बौरुप एगेडे ने कहा- ग्रीनलैंड हमारा है औऱ यह बिकाऊ नहीं है।

एगेडे ने बुधवार को फेसबुक पोस्ट में लिखा- कलाल्लित नुनात (ग्रीनलैंड) हमारा है। हम अमेरिकी नहीं बनना चाहते हैं और ना ही डेन्स। हम कलाल्लित हैं। अमेरिकियों और उनके नेता को यह जरूर समझना चाहिए। हम बिकाऊ नहीं हैं और आसानी से कब्जा नहीं किया जा सकता। हमारा भविष्य ग्रीनलैंड में हमारे द्वारा तय किया जाएगा।

गौरतलब है कि 20 जनवरी को राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप बार-बार खनिजों से समृद्ध ग्रीनलैंड पर कब्जा करने के बारे में कह चुके हैं। डेनमार्क के स्व-शासित स्थान ग्रीनलैंड की आबादी 56 हजार है और यह कनाडा के पूर्वोत्तर तट, वाशिंगटन डीसी से करीब है। ट्रंप ग्रीनलैंड के लोगों से भी सीधे अमेरिका का हिस्सा बनने की अपील कर चुके हैं और उन्हें सुरक्षित, अमीर और विकसित बनाने का वादा कर चुके हैं।

हमास के साथ अमेरिका की गुप्त वार्ता

 

उधर, ट्रंप प्रशासन गाजा में बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिकों को रिहा करने की संभावना पर उग्रवादी फलस्तीनी समूह हमास के साथ गुप्त वार्ता कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि बंधक मामलों के लिए अमेरिका के विशेष दूत एडम बोहलर ने हाल के सप्ताहों में कतर की राजधानी दोहा में हमास के साथ सीधी वार्ता की। इससे पहले अमेरिका ने इस इस्लामी समूह के साथ सीधे संपर्क से परहेज किया था।

हमास ने सात अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजराइल में सीमा पार से हमला किया था, जिससे विनाशकारी गाजा युद्ध शुरू हो गया था। इस तरह की बातचीत अमेरिका की उस नीति के विपरीत है, जो लंबे समय से चली आ रही है कि वाशिंगटन द्वारा विदेशी आतंकवादी संगठनों के रूप में सूचीबद्ध समूहों के साथ सीधे संपर्क नहीं किया जाना चाहिए। अमेरिकी विदेश विभाग ने 1997 में हमास को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। गाजा संघर्ष में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौते में मदद करने में अमेरिका की पिछली भूमिका इजरायल और कतर और मिस्र के मध्यस्थों के साथ काम करना रही है, लेकिन वाशिंगटन और हमास के बीच कोई प्रत्यक्ष बातचीत नहीं है।

 

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