Uttarkashi Tunnel Collapse: सुरंग से निकलने के बाद कैसे हैं मजदूर? श्रमिकों ने पीएम मोदी को सुनाई आपबीती

उत्तरकाशी, BNM News: Uttarkashi Tunnel Collapse उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से निकाले गए सभी 41 मजदूर अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टर उनकी निगरानी कर रहे हैं। सभी की हालात ठीक है। सभी अच्छे से रिस्पॉन्स कर रहे हैं। आज यानी बुधवार को सभी श्रमिको को अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। वे आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह घामी से मिलकर अपने घर जा सकते हैं।  उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी मजदूरों को 1-1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।  डॉक्टरों की सलाह के बाद ही मजदूरों के लिए आगे का फैसला लिया जाएगा।

 मजदूरों ने पीएम मोदी को सुनाई आपबीती

सिलक्यारा टनल से सुरक्षित रूप से बचाए गए 41 मजदूरों से पीएम मोदी ने फोन पर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए यह खुशी की बात है, जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता। आप लोगों ने बड़ी हिम्मत दिखाई और सबसे बड़ी बात ये है कि आप लोग एक दूसरे का हौसला बढ़ाते रहे। इस दौरान मजदूरों ने कहा टनल में हम लोग भाई की तरह रहते थे। हमें एक दिन भी ज्यादा चिंता नहीं हुई। हम सरकार का शुक्रिया अदा करेंगे। पीएम मोदी से बात करते हुए टनल में फंसे सबा नाम के एक युवक ने कहा कि टनल के अंदर हम सब मिलकर रहते थे। पीएम से बात करते हुए सबा अहमद ने कहा कि हम लोग इतने दिनों तक टनल में फंसे रहे, लेकिन हम लोगों को एक दिन भी ऐसा कुछ भी एहसास नहीं हुआ कि हम लोगों को कुछ ऐसी कमजोरी हो रही है या कोई घबराहट हो रही है। टनल के अंदर हमें ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहां 41 लोग थे, और सब भाई की तरह रहते थे। किसी को भी कुछ हो तो हम लोग एक साथ रहते थे। किसी को कोई दिक्कत नहीं होने दी। सबा अहमद ने कहा कि खाना आता था तो हम लोग मिलजुल के एक जगह बैठ के खाते थे। रात में खाना खाने के बाद सभी को बोलते थे कि चलो एक बार टहलते हैं। टनल का लेन ढाई किलोमीटर का था, उसमें हम लोग टहलते थे। इसके बाद मॉर्निंग के समय हम सभी से कहते थे कि मॉर्निंग वॉक और योगा करें। इसके बाद सभी हम वहां योगा करते थे और घूमते टहलते थे।

रैट माइनर्स ने मंजिल तक पहुंचाया

निकास सुरंग बना रही औगर मशीन का 46.9 मीटर हिस्सा 24 नवंबर की शाम ड्रिलिंग के दौरान फंस गया था। इसे काटकर निकालना ही एकमात्र विकल्प था। ऐसे में शेष नौ से 12 मीटर निकास सुरंग मैनुअल तैयार करने का निर्णय लिया गया। इस काम के लिए रैट माइनर्स की 28 सदस्यीय टीम को मोर्चे पर उतारा गया। 800 मिमी व्यास के पाइप के अंदर जाकर इस बेहद चुनौतीपूर्ण काम को रैट माइनर्स ने 24 घंटे के भीतर पूरा कर दिखाया। इस टीम ने सोमवार शाम से गैस कटर, प्लाज्मा कटर, लेजर कटर और हैंड ड्रिलर की मदद से लोहे को काटने व खोदाई का काम शुरू कर दिया था।

श्रमिकों ने हाथ जोड़कर जताया आभार

श्रमिकों को जब सुरंग से बाहर निकालकर एंबुलेंस में अस्पताल पहुंचाया जा रहा था, तब उन्होंने एंबुलेंस के भीतर से ही हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया और उन्हें दोबारा जिंदगी देने के लिए आभार जताया।

एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा सुरंग से बाहर निकाले गए सभी 41 श्रमिकों को राज्य सरकार की ओर से एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड से श्रमिकों को एक माह का सवेतन अवकाश देने का आग्रह भी किया है।

 मजदूरों के परिजनों के चेहरे पर छायी खुशी

उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से उनके सफल बचाव की खबर मिलने पर 41 फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्यों के चेहरे पर राहत और खुशी छा गई। लंबे समय तक हताशा सहने वाले परिवारों ने बचाव का जश्न मनाया और अपने प्रियजनों को वापस लाने के लिए सरकार को तहे दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी जाहिर की। परिवार के कुछ सदस्य श्रमिकों का हाल जानने के लिए उनके साथ वीडियो कॉल पर लगे रहे।

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