Uttarkashi Tunnel Rescue: बाधाओं के बीच बचाव अभियान जारी,अब वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारियां तेज, जानें- लेटेस्ट अपडेट

उत्तरकाशी, BNM News: Uttarkashi Tunnel Rescue Update उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब ऑगर मशीन से ड्रिलिंग नहीं होगी। मजदूरों से महज 10 मीटर दूर अमेरिकी ऑगर मशीन टूटने के कारण रेस्क्यू का काम शुक्रवार से रुका है। अब प्लाज्मा कटर से ऑगर मशीन के शाफ्ट और ब्लेड्स को काटकर बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर मशीन के टुकड़े सावधानी से नहीं निकाले गए तो इससे सुरंग में बिछाई गई पाइपलाइन टूट सकती है। लिहाजा ऑगर मशीन का टूटा हिस्सा निकाले जाने के बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होगी।

वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी होने में लग सकते हैं में चार से पांच दिन

शुक्रवार रात हारिजंटल ड्रिलिंग कर रही औगर मशीन के सुरंग में फंसने के बाद रविवार दोपहर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है। हालांकि हारिजंटल के विकल्‍प को अभी खुला रखा गया है। स्‍टील के पाइप पुश करके श्रमिकों को निकालने के लिए बनाई जा रही हारिजंटल निकास सुरंग का बचा हुआ काम औगर मशीन से करने की संभावना क्षीण होने के बाद शनिवार को सुरंग के ऊपरी हिस्‍से से ड्रिलिंग की तैयार शुरू की गई। एसजेवीएनएल यह जिम्‍मेदारी संभाल रहा है। यहां से 88 मीटर ड्रिलिंग की जानी हैं, इसमें चार से पांच लगने की संभावना जताई जा रही है। हारिजंटल खोदाई का विकल्‍प अभी खुला रखा गया है।

सरकार अब भी टनल के भीतर मलबा काटकर बनाए जा रही निकास सुरंग के काम को ही आगे बढाने के पक्ष में है। इसके लिए बचे हुए सात से आठ मीटर हिस्‍से में मैनुअल कटिंग की योजना बनाई जा रही है। सेना की इंजीनियरिंग विंग की अगुआई में यह अभियान आगे बढाया जाएगा। हालांकि अधिकारिक तौर पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। श्रमिकों तक पहुंचने के लिए यहां 57 से 60 मीटर निकासी सुरंग बनाई जानी है, इसमें से अब तक लगभग 49 मीटर सुरंग तैयार कर ली गई है। चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की उत्‍तरकाशी के सिलक्‍यारा में बन रही साढे चार किलाेमीटर लंबी सुरंग में भूस्‍खलन होने के कारण 12 नवंबर से 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। अभी सभी सुरक्षित हैं। बचाव अभियान लंबा खिंचने से श्रमिकों और स्‍वजनों का धैर्य की परीक्षा भी हो रही है।

बेंगलुरु से मंगवाया गया प्लाज्मा कटर

इस स्थिति को लेकर एसजेवीएनएल के अधिकारियों ने सुरंग की निर्माणदायी नवयुग कंपनी के प्रति नाराजगी भी जाहिर की। अधिकारियों का कहना है कि असेंबल किए जाने वाले पार्ट्स को पहुंचाने के लिए पहले शनिवार रात का समय दिया गया और फिर रविवार सुबह की बात कही गई। वहीं, नवयुग के अधिकारी कह रहे हैं कि वर्टिकल ड्रिलिंग को होल्ड पर रखा गया, जबकि एसजेवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें सुबह नौ बजे तक ड्रिलिंग करनी थी। वहीं, बेंगलुरु से मंगवाया गया प्लाज्मा कटर देर रात सिलक्यारा पहुंच गया है, जिसकी सेटिंग की जा रही है। इसके बाद सुरंग के राह में बाधा बन रहे लोहे के जाल को काटा जाएगा, जिसके बाद मैनुअली ड्रिलिंग की जा सकती है।

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