शंभू बॉर्डर पर पहुंचीं विनेश फोगाट, किसान आंदोलन में किया गया सम्मानित, कहा-मैं अपने परिवार के बीच आई हूं, इनकी सुनिए

विनेश फोगाट का सम्मान।

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। महिला पहलवान विनेश फोगाट शनिवार को पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पहुंचीं। यहां किसान नेताओं ने मंच पर उनको सम्मानित किया। किसानों की तरफ से आंदोलन को 200 दिन पूरे होने पर यह कार्यक्रम रखा गया था। विनेश फोगाट खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होंगी।

इस मौके पर विनेश फोगाट ने कहा कि आज किसानों को यहां बैठे 200 दिन हो गए, लेकिन जोश पहले दिन जैसा ही है। आपकी बेटी आपके साथ है। मैं सरकार को कहती हूं कि देश के लोग हक की आवाज उठाते हैं तो हर बार यह पॉलिटिकल नहीं होता। इसे किसी धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। विनेश ने आगे कहा कि मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि उन्हें सुनना चाहिए। उन्होंने पिछली बार अपनी गलती स्वीकार की थी। उन्हें अपने वादे पूरे करने चाहिए। इसे हल करना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

मेरा देश पीड़ित, किसान परेशान

 

विनेश फोगाट ने कहा कि मैं अपने परिवार के पास आई हूं। अगर आप इस पर बात करेंगे तो आप उनके (किसानों) के संघर्ष और लड़ाई को बर्बाद कर देंगे। आज फोकस मुझ पर नहीं है, फोकस किसानों पर होना चाहिए। मैं एक एथलीट हूं। मैं पूरे देश की हूं। मुझे इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि किस राज्य में चुनाव हो रहे हैं। मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि मेरा देश पीड़ित है, किसान परेशान हैं। उनके मुद्दों का समाधान होना चाहिए।

किसान देश को चलाते हैं, उन्हें देखकर दुख होता है

 

विनेश फोगाट ने कहा कि किसानों के आंदोलन को 200 दिन हो गए हैं। यह देखकर दुख होता है। वे सभी इस देश के नागरिक हैं। किसान देश को चलाते हैं। उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है। यहां तक कि खिलाड़ी भी नहीं हैं। अगर वे खाना नहीं देंगे तो हम भी प्रतियोगिता नहीं कर पाएंगे। कई बार हम असहाय होते हैं और कुछ नहीं कर पाते हैं। हम इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन हम परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाते। भले ही हम उन्हें दुखी देखते हों।

चुनाव लड़ने पर बात नहीं करूंगी

कांग्रेस के टिकट दिए जाने के सवाल पर विनेश फोगाट ने कहा कि मुझे नहीं पता पॉलिटिक्स का। मुझे पॉलिटिक्स का इतना ज्ञान नहीं है। खेलों के बारे में पूछेंगे तो मैं बता सकती हूं, लेकिन हर जगह पर किसान हैं। अगर वो नाराज हैं तो उसका असर खिलाड़ियों पर भी होता है। आपको बता दें कि विनेश के कांग्रेस की टिकट पर चरखी दादरी या जुलाना सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है।

आंदोलन में हमारा भी हौसला टूटता था

विनेश ने कहा कि जब कोई आंदोलन चलता है तो उम्मीद टूटने लगती है, क्योंकि हम खुद ऐसी जगह से निकले हैं। जब हम दिल्ली में बैठे थे तो हमारा भी हौसला ऐसा होता था कि पता नहीं ये कब मानेंगे, लेकिन यहां हौसला देखकर लग रहा कि पहली ही दिन है। हां, अगर लोग इस तरह सड़कों पर बैठे रहेंगे तो देश आगे नहीं बढ़ेगा।

हमारे परिवार को लड़ना आ गया है

विनेश फोगाट ने कहा कि हमारे परिवार को लड़ना आ गया है। उन्हें पता लग गया है कि हक चाहिए तो सड़क पर आना पड़ेगा। इन्हें देखकर हमें भी हौसला मिला। अपने हकों के लिए लड़ना सिखाया। सच्चाई के लिए बोलना सिखाया। मैं भगवान की शुक्रगुजार हूं कि मुझे इस परिवार में जन्म दिया। मुझे मौका दिया कि मैं इस परिवार को जानूं।

गोल्डन टेंपल में माथा टेका

इससे पहले विनेश ने परिवार के साथ शुक्रवार को अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में माथा टेकने पहुंची थीं। यहां उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की तरफ से सम्मानित किया गया। इस दौरान श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने विनेश को गोल्डन टेंपल का मॉडल देकर सम्मानित किया।

 

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