पीओके में लग रहे पाकिस्तान से आजादी के नारे, प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तानी सेना बरसा रही गोलियां, 2 की मौत

पीओके में पाकिस्तानी सेना प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग करती हुई

 श्रीनगर, बीएनएम न्यूजः जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र के जश्न से सराबोर है, वहीं पीओके के लोग पाकिस्तान से गुलामी की बेड़ियां तोड़ने को बेताब दिख रहे हैं। न वहां खाने को अनाज है और सुविधाएं नदारद हैं। पीओके के मुजफ्फराबाद और साथ सटे इलाकों में पाकिस्तान सेना के अत्याचार के खिलाफ लोग तीन दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं।

पीओके के लोग पाकिस्तान से आजादी और भारत से विलय के नारे लगा रहे हैं। पाकिस्तानी सेना और पुलिस दमनात्मक कार्रवाई में जुटी है और प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसा रही है। इस दौरान हुई हिंसा में सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं और दो लोग मारे गए हैं।

यहां बता दें कि कुछ दिन पूर्व चुनाव प्रचार के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया था कि जम्मू कश्मीर का विकास देखकर गुलाम जम्मू कश्मीर के लोग स्वयं पाकिस्तान के खिलाफ विदोह कर देंगे और भारत में विलय की आवाज उठाएंगे। अब वहां के हालात तेजी से इसी ओर जाते दिख रहे हैं।

अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद जम्मू कश्मीर में विकास की गति बढ़ी

यहां बता दें कि अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद यहां जम्मू कश्मीर में विकास की गति तीव्र हुई है। सड़कों का नेटवर्क और नियंत्रण रेखा तक आधुनिक सुविधाएं पहुंच रही हैं और पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर के लोग इसे करीब से देख रहे हैं। इसके विपरीत पीओके में आधारभूत ढांचा तो दूर खाने के लिए अनाज नहीं मिल रहा है और बेरोजगारी बढ़ रही है। यही वजह है कि वहां के लोग पाकिस्तान के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।

पीओके में पीपुल्स एक्शन कमेटी ने शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया था और उसके बाद मुजफ्फराबाद में हिंसक झड़पें शुरू हो गई। पुलिस ने मीरपुर और मुजफ्फराबाद में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग पीओके में पैदा होने वाली पनबिजली का एक हिस्सा PoK में आपूर्ति के लिए मांग रहे हैं। वहां लोगों को आटा 300 से 500 रुपये किलो तक मिल रहा। रावलाकोट में भी जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं।

आंदोलन के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं

PoK में पुंछ डिवीजन में राइटस मूवमेंट चला रहे शौकत नवाज मीर ने कहा कि हमारे लिए आंदोलन के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं बचा है। यहां लोग भूखे मर रहे हैं, रेाजगार नहीं है, बिजली नहीं मिल रही है, हम कहां जाए। पाकिस्तान से आजादी की अब इन लोगों का हक है। पाकिस्तान ने हमारा शोषण किया। यहां लोग शांतिपूर्ण आंदोलन चला रहे हैं, लेकिन पाकिस्तानी सरकार जुल्म कर रही है।

कर सकते हैं श्रीनगर चलो का एलान

पाकिस्तान में आतंकी शिविर में रह चुके पूर्व आतंकी सैफुल्लाह ने कहा कि गुलाम जम्मू कश्मीर पाकिस्तान का उपनिवेश है, ठीक उसी तरह जिस तरह से हमारा देश हिंदुस्तान 1947 से पहले अंग्रेजों का गुलाम था। PoK के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की स्थिति का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि उन्हें पाकिस्तानी पुलिस का एक एसपी रैंक का अधिकारी भी धमका सकता है। वहां बिजली पैदा होती है, लेकिन रोशन लाहौर और इस्लामाबाद होता है। आने वाले समय में वहां लोग अगर श्रीनगर चलो मार्च का एलान कर पाक की हुकूमत को चुनौती दें तो हैरान नहीं होना चाहिए। वह लोग आटे के लिए गोलियां खा रहे हैं।

घबराई दिख रही पाकिस्तान सरकार

सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान सरकार घबराई दिख रही है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुलाम जम्मू कश्मीर के कथित प्रधानमंत्री चौधरी अनवरुल हक से बात की और उनकी पार्टी के पदाधिकारियों को संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) के नेताओं से बात करने को कहा है। वहीं, स्कर्दू में युनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के प्रवक्ता सरदार नासिर अजीज खान ने रविवार को जेएएसी के जारी विरोध-प्रदर्शनों का समर्थन किया है। अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि गुलाम जम्मू कश्मीर में यह विरोध जितना लंबा चलेगा उनकी आवाज अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उतनी बुलंद होगी और पाकिस्तानी सरकार के 70 सालों से अधिक के जुल्म उजागर होंगे।

तिरंगे की छांव में आगे बढ़ रहा कश्मीर

बता दें कि वर्ष 1947 में पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर पर कब्जा करने की मंशा से हमला किया था। भारतीय सेना ने कश्मीर के कई हिस्सों से पाक सेना को खदेड़ दिया और जब संघर्ष विराम हुआ और जहां दोनों देशों की सेना थी, उसे नियंत्रण रेखा घोषित कर दिया। पाकिस्तान सेना के कब्जे वाला जम्मू कश्मीर PoK हो गया और उसकी राजधानी मुजफ्फराबाद हो गई।

भारतीय क्षेत्र वाले जम्मू कश्मीर पर कब्जा करने के लिए पाकिस्तान ने आतंकवाद व अलगाववाद को खूब समर्थन दिया। कश्मीर में हजारों लोग मारे गए, कश्मीरी हिंदुओं को पलायन करना पड़ा लेकिन कश्मीर में उसका मंसूबा पूरा नहीं हुआ। रही सही कसर अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण ने पूरी कर दी। कश्मीर में उसके एजेंडे गायब हो गए और कश्मीरी अवाम फिर बेखौफ होकर तिरंगे के तले भारतीय राष्ट्रवाद की मुख्यधारा में शामिल हो विकास के पथ पर आगे बढ़ने लगा।

यह भी पढ़ेंः खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के मामले में चौथा भारतीय गिरफ्तार, साजिश रचने का लगा आरोप

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0

You may have missed