विश्व हिंदी परिषद की बैठक: दिल्ली प्रांत की शैक्षिक प्रकोष्ठ की बैठक में हिंदी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने पर मंथन

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज : दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी महाविद्यालय में 15 अप्रैल, 2025 को विश्व हिंदी परिषद की दिल्ली प्रांत की शैक्षिक प्रकोष्ठ की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक हिंदी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। इसमें परिषद के वरिष्ठ सदस्यों के अलावा विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक का आयोजन
इस बैठक में विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवीप्रसाद मिश्र, राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. श्रवण कुमार, दिल्ली प्रांत के शैक्षिक प्रकोष्ठ के संयोजक प्रो. श्रीनिवास त्यागी, अध्यक्ष प्रो. हर्षबाला शर्मा, उपाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा राणा, डॉ. दीनदयाल और महामंत्री डॉ. प्रीति तोमर उपस्थित रहे। इन सभी सदस्यगण ने मिलकर हिंदी भाषा की स्थिति और उसके विकास के लिए आवश्यक कदमों पर विचार-विमर्श किया।
कार्य समीक्षा
बैठक की शुरुआत में परिषद के सचिव ने दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष की गतिविधियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। इसमें शामिल थे: गतिविधियों का विस्तृत परिचय, छात्र-छात्राओं की भागीदारी, और शैक्षिक प्रकोष्ठ की योजनाएं। यह जानकारी सुनकर सभी सदस्यों ने परिषद की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
इस समीक्षा में यह भी बताया गया कि पिछले वर्ष में कई महाविद्यालयों में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए वर्कशॉप आयोजित किए गए थे, जिनमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसके अलावा, हिंदी साहित्य पर आधारित प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया।
भविष्य की योजनाएं
बैठक में भविष्य की योजनाओं पर गहन चर्चा की गई। सभी सदस्यों ने एक स्वर में सहमति जताई कि दिल्ली विश्वविद्यालय में विश्व हिंदी परिषद की कार्यकारिणी को स्थायी रूप से स्थापित करना आवश्यक है। इसके लिए यह तय किया गया कि विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यकारिणी का गठन करते हुए, उन्हें उचित दिशा-निर्देश दिए जाएं ताकि वे एक संगठित ढंग से कार्य कर सकें।
महाविद्यालयों में कार्यकारिणी गठन
इस प्रक्रिया के तहत, प्रत्येक महाविद्यालय में एक कार्यकारिणी समिति का गठन करने की योजना बनाई गई। यह समिति हिंदी भाषा और साहित्य से संबंधित गतिविधियों को संचालित करेगी। इसके अलावा, प्रत्येक महाविद्यालय की समिति के लिए आवश्यक संसाधनों और सामग्री की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
सक्रिय भागीदारी
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इनमें विचार-विमर्श सत्र, साहित्यिक सम्मेलन, और बॉलीवुड फिल्म की स्क्रीनिंग जैसे कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही, छात्रों के बीच हिंदी लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित करने पर भी विचार किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्र-छात्राएं अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। ये कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए एक मंच प्रदान करेंगे, बल्कि हिंदी भाषा के प्रति उनकी रुचि को भी बढ़ाएंगे।
संचार और प्रचार
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि परिषद को अपनी गतिविधियों का प्रचार-प्रसार करने के लिए एक वेबसाइट या ब्लॉग बनाने की आवश्यकता है। इससे छात्रों तक जानकारी पहुँचाई जा सकेगी और उन्हें हिंदी विषयक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।
निर्णय और निष्कर्ष
बैठक का समापन सभी सदस्यों द्वारा विचारों के आदान-प्रदान के साथ हुआ, जिसमें यह सहमति बनी कि परिषद की योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। बैठक के अंत में सभी उपस्थित सदस्यों ने एक दूसरे से यह सुनिश्चित करते हुए विदाई ली कि वे आगामी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेंगे और परिषद की गतिविधियों को प्रभावी रूप से बढ़ावा देंगे। इस प्रकार यह बैठक न केवल सफल रही बल्कि यह हिंदी भाषा को एक नई दिशा देने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। सभी सदस्यों ने प्रतिबद्धता व्यक्त की कि वे इस प्रयास में अपना योगदान देने के लिए तत्पर रहेंगे।
समापन
बैठक के आयोजन के बाद यह स्पष्ट हो गया कि हिंदी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एकजुटता और सक्रियता आवश्यक है। इस बैठक ने यह दिखा दिया कि यदि हम सभी मिलकर कार्य करें तो हम हिंदी को उसके सच्चे स्थान पर ला सकते हैं। सभी सदस्यों ने भविष्य की योजनाओं को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने का प्रण लिया।
इस प्रकार 15 अप्रैल, 2025 की यह बैठक दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा के संवर्धन के लिए एक सकारात्मक शुभारंभ थी और यह दर्शाती है कि हम एकजुट होकर किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हिंदी भाषा जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है उसे आगे बढ़ाने का यह प्रयास सभी के लिए प्रेरणादायक होगा।