Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन बिल कानून बना, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

नई दिल्ली : Waqf Amendment Bill 2025: हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को भारत के संसद के दोनों सदनों से गरमागरम बहस के बाद पारित किया गया और इस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपनी मंजूरी दे दी। यह विधेयक भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है, जिसने विभिन्न समुदायों में चर्चाओं और बहसों का आगाज किया है।
विधेयक की पृष्ठभूमि
वक्फ का अर्थ है मुसलमानों द्वारा अपनी संपत्ति को धार्मिक और सामुदायिक उपयोग के लिए दान करना। वक्फ संपत्तियां कई सालों से विवाद का विषय रही हैं और इनके दुरुपयोग की कई घटनाएं सामने आई हैं। यही कारण है कि सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन के लिए इस विधेयक को लाने का निर्णय लिया।
वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना बताया गया है। इसके तहत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए नए प्रावधान किए जाएंगे, जिससे ये संपत्तियां सही तरीके से इस्तेमाल हो सकेंगी।
विधेयक का पारित होना
संयुक्त संसदीय समिति के गठन और छह महीने की लंबी चर्चा के बाद यह विधेयक संसद में पेश किया गया। इसके प्रस्ताव के संबंध में संसद की दोनों सदनों में गहन चर्चा हुई। राज्यसभा में 128 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में और 95 सदस्यों ने इसके विरोध में वोट दिया। लोकसभा में भी इस विधेयक को 288 सदस्यों ने समर्थन दिया, जबकि 232 ने इसका विरोध किया।
राजग सरकार ने इस विधेयक को मुस्लिम-विरोधी करार देने के विपक्ष के दावे का खंडन किया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि यह कानून संपत्तियों के नियमन और प्रबंधन के लिए है, न कि मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रताओं पर अंकुश लगाने के लिए।
बहस का केंद्र
इस विधेयक पर बहस के दौरान एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुसलमानों पर एक हमला करार दिया और लोकसभा में विधेयक की प्रति फाड़ दी। ओवैसी का कहना था कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक स्थलों को छीनने और उनके मामलों में हस्तक्षेप के लिए है। इसके विपरीत, सरकार ने इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय को आश्वासन देने के तरीके के रूप में प्रस्तुत किया है।
विधेयक की प्रमुख विशेषताएं
वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 में कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाएंगे। इनमें से कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
संपत्ति का प्रबंधन
वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन अधिक पारदर्शी और कार्यात्मक बनाने के लिए नए नियम बनाए जाएंगे।
दुरुपयोग पर रोक
वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त प्रावधान शामिल किए जाएंगे, जिससे इन संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित हो सके।
अतिक्रमण के खिलाफ उपाय
वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण की घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी उपाय लागू किए जाएंगे।
यथास्थिति निवारण
वक्फ संपत्तियों के मामलों में अदालतों द्वारा निराधार दावों को खारिज करने के लिए प्रावधान किए जाएंगे।
सरकार का दृष्टिकोण
सरकार का कहना है कि यह विधेयक मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए है। उन्होंने यह भी कहा है कि कोई भी कानून केवल एक समुदाय के खिलाफ नहीं हो सकता।
किरण रिजीजू ने कहा, “भारत में अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा का स्तर बहुत उच्च है। यह विचार करना आवश्यक है कि भारत, जहां विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों का संगम है, अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना है।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दल नेताओं ने इस विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में आलोचना की है। उनका कहना है कि धर्म के आधार पर किसी भी संपत्ति का प्रबंधन एक संवैधानिक समस्या है और इससे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है।
राजनीतिक विवादों के इस माहौल में कई लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या इस प्रकार के कानून वास्तव में समाज को जोड़ने में मदद करेंगे या वे और विभाजन पैदा करेंगे।
सकारात्मक कदम
वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 के पारित होने के साथ ही भारतीय राजनीति के परिदृश्य में एक नया मोड़ आ गया है। हालांकि सरकार ने इसे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए सकारात्मक कदम बताया है, लेकिन विपक्ष की चिंताएं और समुदाय के भीतर विभाजन का डर इसे जटिल बनाता है।
सामाजिक ताने-बाने और धार्मिक समरसता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि इस विधेयक को ठीक से लागू किया जाए और सभी समुदायों को इसमें विश्वास दिलाया जाए। सभी संबंधित पक्षों को चाहिए कि वे इस मुद्दे पर संयम और विवेक से चर्चा करें, ताकि समाज में शांति और सद्भाव बना रहे।
वर्तमान में यह देखना होगा कि इस विधेयक का कार्यान्वयन कैसे किया जाता है और यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में कितनी सफलताएं हासिल करता है। समय बताएगा कि क्या यह कानून समाज में एक नया अध्याय लेकर आएगा या मौजूदा विवादों को और बढ़ाएगा।