Weather Update: पश्चिमी विक्षोभ से हरियाणा में चार से फिर बदलेगा मौसम, वर्षा के आसार

नरेन्‍द्र सहारण, हिसार : Weather Update: मौसम का मिजाज एक बार फिर से ठंडी हवाओं के चलते बदला है, जिससे मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। उत्तर और उत्तर-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से इन क्षेत्रों के तापमान में आई गिरावट ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, 4 और 5 जनवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है, जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाली हवाओं के साथ मिलकर हरियाणा और पंजाब में हल्की वर्षा की संभावनाएँ बढ़ा सकता है। वहीं, इससे पहले ठंड के साथ-साथ सुबह और शाम को कोहरा भी छा सकता है।

मौसम में तेजी से बदलाव

 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, हाल के दिनों में मौसम में तेजी से बदलाव देखा गया है। पर्वतीय क्षेत्रों से आ रही शीतल हवाओं के चलते मैदानी इलाकों का तापमान काफी गिर गया है। विशेषकर, सिरसा जिले ने ठंड के एक नए रिकॉर्ड को स्थापित करते हुए बुधवार को न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। सुबह का समय कोहरे की चादर में लिपटा रहा, जिससे दृश्यता में कमी आने के साथ-साथ लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।

रात का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे

 

हिसार और नारनौल क्षेत्रों में भी रात का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि आने वाले तीन दिनों तक सुबह और शाम को कोहरा जारी रहेगा, जो आम जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। कोहरे के चलते सड़कें भी धुंधलाती रहेंगी, जिससे ट्रैफिक की रफ्तार धीमी हो सकती है।

पंजाब और हरियाणा में वर्षा होने की पूरी संभावनाएं

 

4 जनवरी के बाद नवगठित पश्चिमी विक्षोभ की क्रियाविधि हरियाणा के उत्तर और मध्य भागों में हल्की बारिश का कारण बन सकती है। इससे न केवल मौसम में बदलाव आएगा बल्कि इससे फसल के लिए भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मौसम वैज्ञानिक सुरेंद्रपाल के अनुसार, इस विक्षोभ के माध्यम से पंजाब और हरियाणा में वर्षा होने की पूरी संभावनाएं हैं। उनके अनुसार, जनवरी महीने में दो से तीन ऐसे पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जो मानसून के बाद के सूखे दौर में राहत प्रदान कर सकते हैं।

आम जनता के जीवन की दिनचर्या प्रभावित

 

सर्दियों में अचानक आए इस ठंड के चलते आम जनता के जीवन की दिनचर्या प्रभावित हुई है। लोग रजाइयों और गर्म कपड़ों में लिपटकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। ठंड के इस समय में विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि इस मौसम में जुकाम और अन्य सांस संबंधित बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

बारिश फसलों के लिए लाभदायक

 

इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति थोड़ी कठिन हो सकती है, क्योंकि धुंध और ठंड के चलते खेतीबाड़ी के कार्य भी प्रभावित हो सकते हैं। किसानों को अपनी फसलों की उचित देखभाल करने की आवश्यकता होगी, ताकि वे किसी भी प्रकार की मौसमीय विपत्ति से बच सकें। खासकर अगर बारिश होती है, तो यह फसलों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।

सावधानी बरतने की सलाह

 

इस ठंड का सबसे गंभीर असर यातायात पर भी पड़ सकता है। विशेषकर, वाहन चालकों को तेज धुंध के कारण अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। सड़कों पर विजिबिलिटी घटने के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, कोई भी लंबी यात्रा शुरू करने से पहले मौसम की जानकारी लेना और यात्रा की योजना बनाना महत्वपूर्ण हो गया है।

इस बीच, मौसम विज्ञान विभाग लगातार अपने पूर्वानुमानों को अद्यतन कर रहा है, जिससे आम जन को बदलते मौसम के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जा सके। आम जनता को चाहिए कि वे मौसम के हिसाब से उचित तैयारी करें और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

 

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के साथ-साथ मौसमी विक्षोभों की गतिविधि को देखकर ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में मौसम में इस प्रकार के बदलाव और अधिक सामान्य हो सकते हैं। हमें न केवल अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए बल्कि भविष्य के मौसम के प्रति भी तैयार रहने की आवश्यकता है।

यह लेख मौसमी बदलावों, ठंड, और भविष्यवाणी के प्रभावों पर केंद्रित है, जिसमें ठंड के कारणों और उसकी परेशानियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। आपको यहां दी गई जानकारी उपयोगी लगी या आप कुछ और जानना चाहते हैं?

 

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