हाई कोर्ट से जमानत के बाद भी क्यों नहीं हुई धनंजय सिंह की रिहाई, जानें- जेल से कब छूटेंगे पूर्व सांसद
जौनपुर, बीएनएम न्यूजः पूर्व सांसद एवं बाहुबली धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को हाई कोर्ट से जमानत तो मिल गई है लेकिन वे अभी भी बरेली जेल में बंद है। लोगों के मन में सवाल है कि जमानत के बाद भी धनंजय सिंह को अब तक रिहाई क्यों नहीं मिली। आइए जानते हैं कि धनंजय सिंह जेल के कब छूटेंगे और उनकी रिहाई में क्यों हो रही है देरी।
दरअसल हाई कोर्ट से जमानत मिलने के अगले दिन रविवार होने के चलते कागजी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। लिहाजा, सोमवार को कागजी कार्रवाई आगे बढ़ी। स्वजन ने हाईकोर्ट का आदेश जौनपुर जिला न्यायालय में दाखिल किया जिसके बाद जमानती तस्दीक कराने की प्रक्रिया शुरू हुई। बुधवार को धनंजय सिंह की रिहाई के आसार के चलते जेल प्रशासन के साथ इज्जतनगर पुलिस व खुफिया टीमें भी सक्रिय हैं।
अब बुधवार को धनंजय सिंह की जमानत पर रिहाई के आसार बढ़ गए हैं। सोमवार को स्वजन की ओर से जमानत संबंधी प्रपत्र जौनपुर जिला न्यायालय में दाखिल किये गए। जो मंगलवार को जौनपुर जेल के बाद बुधवार तक बरेली सेंट्रल जेल पहुंचने की उम्मीद है। लिहाजा, उसी आधार पर रिहाई की संभावना जताई जा रही है।
हाई-प्रोफाइल मामला होने के चलते जेल अफसर मामले में सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। रंगदारी, धमकी और अपहरण मामले में बीते दिनों कोर्ट ने धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई थी जिसके बाद उन्हें जौनपुर जेल भेज दिया गया था। शनिवार को प्रशासनिक आधार पर उसकी जेल बदलकर बरेली सेंट्रल जेल भेज दिया गया। उसे यहां हाई-सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बीच काफिले के साथ रवाना होने की जानकारी पर टीमें पल-पल की स्थिति पर नजर रख रहीं हैं।
जमानत पर रिहा के लिए की थी अपील
पूर्व सांसद का कहना था कि अपील निस्तारण तक सजा का आदेश स्थगित रखने के साथ उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। राज्य सरकार की तरफ से वकीलों ने धनंजय सिंह के आपराधिक इतिहास में नहीं जोड़े गए मुकदमों के साथ दिल्ली लखनऊ के अपराधिक मामले की जानकारी दी थी। कहा कि कई मामलों में ट्रायल चल रहा है, ऐसे में जमानत देना उचित नहीं होगा, जबकि धनंजय सिंह के वकील का कहना था कि राजनीतिक द्वेषवश झूठा फंसाया गया है। जो तीन गवाह हैं, उनमें दो सरकारी कर्मचारी और एक प्रोजेक्ट का कर्मचारी है, उन पर दबाव बनाकर झूठी गवाही कराई गई , इसके बावजूद अभियोजन पक्ष ट्रायल कोर्ट में अपना केस साबित नहीं कर सका।
दो दर्जन मामले में वह बरी हो चुके हैं
उन्होंने यह भी कहा कि धनंजय सिंह का जो आपराधिक इतिहास बताया गया है, उनमें अधिकतर मुकदमे राजनीतिक द्वेष वश दर्ज कराए गए क्योंकि वह विधायक और सांसद रह चुके हैं। दो दर्जन मामलों में वह बरी हो गए और चार में फाइनल रिपोर्ट लग गई एवं कुछ सरकार ने वापस ले लिए। वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसलिए उनकी सजा स्थगित कर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए।
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