Machhlishahar Lok Sabha Election: मछलीशहर से बीपी सरोज या कोई और होगा प्रत्याशी! भाजपा की पहली सूची में नाम न होने से अटकलें तेज

मछलीशहर, BNM News: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा की पहली सूची जारी हो गई। 195 सीटों की पहली सूची में यूपी के 51 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया गया है। पहली सूची में  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे मछलीशहर (सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र का नाम न होने से क्षेत्रवासी व भाजपा समर्थकों की जिज्ञासा बढ़ गई है। भाजपा सूत्रों की माने तो पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षण में वर्तमान सांसद के पक्ष में फीडबैक अनुकूल नहीं है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इस सीट पर चर्चा जरूर हुई लेकिन पुनःविचार के लिए रोक दिया गया है। पार्टी वर्तमान सांसद को रिपिट करती है या नए प्रत्याशी पर दाव अजमाती है ये 5-7 मार्च को होने वाली बैठक में तय किया जाएगा लेकिन इससे पहले आइए जानते हैं, मछली शहर लोकसभा क्षेत्र का इतिहास और जातीय समीकरण क्या है?

बीपी सरोज मजह 181 वोटों से जीते थे चुनाव

जौनपुर जिले की मछलीशहर लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला देखने को मिला था। भाजपा के बीपी सरोज ने पसा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी टी राम को केवल 181 वोटों से मात दी थी। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिले की पिंडरा सीट पर मिली लीड के कारण ही भाजपा को यह जीत नसीब हो सकी थी। 181 वोटो से पीछ रह गए विपक्षी दल इस बार क्या रणनीति अपनाते हैं, यह देखने वाली बात होगी। पिछली बार बसपा से प्रत्याशी रहे और केवल 181 वोटों से हारने वाले टी राम अब भाजपाई हो गए हैं। वाराणसी की अजगरा सीट से विधायक भी बैं। ऐसे में भाजपा को किसी नए प्रत्याशी से मुकाबला करना होगा।

देर रात तक हुई थी गिनती, बढ़ी रही धड़कनें

2019 के लोकसभा चुनाव में कांटे की टक्कर हुई और देर रात तक गिनती होती रही। बार-बार बदलते परिणाम के कारण लोगों की धड़कनें भी बढ़ी रहीं। बीजेपी ने 22 राउंड तक पीछे रहने के बाद 23वें राउंड से बढ़त बनाई जो 32वें राउंड में जाकर जीत में बदली थी। भाजपा के बीपी सरोज को 4,88,397 और बसपा के त्रिभुवन राम को 4,88,216 वोट हासिल हुए। इस तरह मात्र 181 वोटों के अंतर से बसपा हार गई थी। एसबीएसपी के राज नाथ को 11,223 वोट मिले थे। जबकि इससे पहले 2014 में मुकाबला एकतरफा था। बीजेपी के रामचरित्र निषाद को 4,38,210 और बसपा के बीपी सरोज को 2,66,055 वोट ही मिले थे। तब सपा के तूफ़ानी सरोज को 1,91,387 वोट हासिल हुए थे। कांग्रेस के तूफानी निषाद ने 36,275 और भाकपा के सुबास चंद्र को 18,777 मत मिले थे।

1962 से अब तक कौन-कौन बना सांसद

1962 में मछलीशहर पहली बार लोकसभा की सीट बनी। 1962 में यहां के पहले चुनाव में कांग्रेस के गणपत ने जनसंघ के महादेव को हराया था। भारतीय लोकदल के राजकेशर सिंह ने 1977 में कांग्रेस के विजय रथ को रोका और नागेश्वर दिवेदी को पराजित किया। इससे पहले यहां एक दशक से कांग्रेस जीतती रही थी। 1984 में आखरी बार कांग्रेस से श्रीपति सांसद चुने गए। उन्होंने लोकदल के शिव शरण को हराया था। उसके बाद इस सीट पर कांग्रेस की अब तक वापसी नहीं हुई। जब देश में राम मंदिर मुद्दा अपने चरम पर था तो यहां भाजपा हार गई थी। 1989 के चुनाव में जनता दल के शिवशरण वर्मा ने कांग्रेस के श्रीपति मिश्रा को हराया। वहीं, 1991 में शिवशरण ने भाजपा के राजकेशर सिंह को हराया। 1996 में भाजपा के राम विलास वेदांती यहां से जीतकर सांसद बने थे। 1998 में भाजपा के स्वामी चिन्मयानंद ने सपा के हरवंश सिंह को मात दी। बसपा ने 2004 में उमाकांत यादव को टिकट दिया और उन्होंने सपा के सीएम सिंह को हराकर खाता इस सीट पर पार्टी का खाता खोला। 2009 में सीट सुरक्षित होने के बाद सपा के तूफानी सरोज ने बसपा के कमलाकांत गौतम को परास्त कर दिया। 2014 में मोदी लहर में भाजपा से रामचरित्र निषाद ने बसपा के बीपी सरोज को हराया। 2019 के चुनाव में भाजपा के रामचरित्र निषाद सपा में चले गए और बसपा के बीपी सरोज भाजपा में आकर सांसद बने।

पिछड़ों, दलितों का वोट जिधर, जीत उधर

मछली शहर लोकसभा सीट पर पिछड़ों और दलितों की संख्या सबसे ज्यादा है। यही तय करते हैं कि जीत किसकी होगी। पिछड़ों में भी यादवों की संख्या अन्य जातियों से बहुत ज्यादा है। 2011 की जनसंख्या के अनुसार यहां यादव 2,01,867 है। अनुसूचित जाति की संख्या 2,48,005 है। ब्राह्मण 17,09,89 और क्षत्रिय 2,42,164 है। वैश्य 64,764 और कायस्थ 91,452 हैं। मुस्लिमों की संख्या 89,322 है। अन्य 3,41,799 है।

भाजपा गठबंधन के पास पांच में से तीन विधानसभा सीटें

मछलीशहर लोकसभा सीट पांच विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी है। चार विधानसभा सीटें जौनपुर और एक सीट वाराणसी जिले में आती है। विधानसभा चुनाव में पांच में से दो सीटों पर भाजपा और उसकी सहयोगी अपना दल को जीत मिली थी। सपा और ओपी राजभर की सुभासपा को तीन सीटें हासिल हुई थीं। हालांकि अब सुभासपा भी एनडीए का हिस्सा हो गई है तो यहां की तीन सीटें भाजपा गठबंधन के पास कहीं जाएंगी। मछलीशहर विधानभा सीट पर सपा की रागिनी ने जीत हासिल की थी। इसी तरह केराकत सीट पर भी सपा के तूफानी सरोज जीते थे। जफराबाद सीट पर सपा गठबंधन में शामिल सुभासपा के जगदीश नारायण को जीत मिली थी। मड़ियाहूं सीट पर अपना दल के आरके पटेल जीते थे। वाराणसी की पिंडरा सीट पर भाजपा जीती थी। पिंडरा में मिली बड़ी बढ़त ने ही भाजपा की जीत आसान की थी।

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