क्या हिमाचल में गिर जाएगी सुक्खू सरकार? 6 MLA हुए बागी, अब CM की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं दिखे ये मंत्री

नई दिल्ली, BNM News : Rajyasabha Election Result Effect: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस की एक और राज्य में सत्ता गंवाने की स्थिति बनती दिख रही है। राज्य में बहुमत की सरकार होने के बावजूद कांग्रेस यहां से राज्यसभा उम्मीदवार को नहीं जिता पाई। कांग्रेस के विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद राज्य में कांग्रेस सरकार के भविष्य पर भी संकट के बादल गहरा गए हैं। राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी के हर्ष महाजन ने दावा किया है कि सुक्खू सरकार जल्द गिर जाएगी। इसमें कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की हार हो गई है। हर्ष महाजन चंबा से आते हैं। उनकी जीत के बाद भाजपा कार्यालय में जय श्रीराम के नारे लगाए गए तो चंबा में भी जश्न मनाया गया। हर्ष महाजन चम्बा में तीन बार विधायक सीट पर जीत दर्ज करवा चुके हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ने सरकार पर किसी तरह का संकट होने से इंकार किया है। उन्होंने भरोसा जताया है कि क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक ‘घर वापसी’ कर सकते हैं।
नाराज विधायकों से बात करेंगे ये दो नेता
इस बीच कांग्रेस आलाकमान भी सुक्खू सरकार पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए सक्रिय है। उसने अपने ‘संकटमोचक’ डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हिमाचल में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को मनाने के लिए भेजा है। ये दोनों नेता वहां नाराज विधायकों से बात करेंगे। बताया जा रहा है कि नाराज विधायक मुख्यमंत्री को बदलने के बाद ही किसी तरह की बातचीत के मूड में हैं। मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा भी है। इतना ही नहीं, यह भी कयास लगाए जा रहा हैं कि हिमाचल में कांग्रेस के कुछ और बड़े चेहरे भी बागी हो सकते हैं। इसकी संभावना इसलिए भी है क्योंकि चुनावी नतीजों के बाद जब अभिषेक मनु सिंघवी के साथ सीएम सुक्खू प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तो उस दौरान राज्य के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह वहां नजर नहीं आए।
नौ विधायकों ने पाला बदला
उधर, बीजेपी ने बुधवार को ही सदन में बजट पास कराने के लिए मत विभाजन की मांग की है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 40 विधायक हैं। उसकी सरकार को 3 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। दूसरी तरफ सूबे में बीजेपी के महज 25 विधायक हैं। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है क्योंकि उनके पास बहुमत के लिए जरूरी 34 विधायकों का आंकड़ा मौजूद है। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सिंघवी ने हार स्वीकारते हुए पार्टी नेतृत्व और अपने खिलाफ वोट देने वाले उन 9 विधायकों (6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय) को धन्यवाद दिया, जो एक दिन पहले तक उनके साथ खड़े थे। सिंघवी ने कहा कि विधायकों का पाला बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है और भीतरघात की वजह से मेरी हार हुई।
नौ विधायक पंचकूला पहुंचे
इस बीच नौ विधायकों के नाम सामने आए हैं, जिनसे कांग्रेस सरकार का संपर्क नहीं हो पा रहा है। इनमें छह कांग्रेसी और तीन निर्दलीय विधायक हैं। हालांकि, ये सभी विधायक अब पंचकूला के होटल में ठहरे हुए हैं। जानकारी के अनुसार, सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा, धर्मशाला के सुधीर शर्मा, लाहौल स्पीति के रवि सिंह ठाकुर, बड़सर से आईडी लखनपाल, ऊना के गगरेट से चैतन्य ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं। ये सभी कांग्रेस के विधायक हैं. वहीं, निर्दलीय विधायकों में आशीष शर्मा, होशियार सिंह और केएल ठाकुर हैं। यहां पर चंडीगढ़ से सटे विधायक पंचकूला के सेक्टर-1 पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पहुंचे हैं। सेक्टर-1 के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस को आम जनता के लिए बंद किया गया है। मीडिया को भी रेस्ट हाउस के अंदर आने से रोका गया है। वहीं, सूत्र बताते हैं कि एक मंत्री भी भाजपा के संपर्क में हैं।
भाजपा ने की इस्तीफे की मांग
बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के इस्तीफे का मांग शुरू कर दी है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस सरकार बहुमत खो चुकी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बीजेपी प्रत्याशी की जीत के बाद बीजेपी विधायक दल से मिले और फिर बीजेपी विधायक दल के साथ विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की। बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट पारित होना है और बीजेपी विधायक दल ने स्पीकर से मांग की कि बजट पारित करने के लिए मत विभाजन किया जाए।
मत विभाजन के समय गिर सकती है सरकार
राज्यसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि कांग्रेस विधायकों ने पाला बदल लिया है। ऐसे में अगर बुधवार को बजट पारित करते वक्त मत विभाजन होता है तो साफ हो जाएगा कि कांग्रेस सरकार बहुमत खो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी हिमाचल प्रदेश में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है। उत्तर भारत में सिर्फ हिमाचल प्रदेश में ही कांग्रेस की सरकार है। अब उस पर भी संकट गहरा गया है और इसकी संभावना बन रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस यह राज्य भी गंवा सकती है।
कांग्रेस को पाला बदलने का हवा तक नहीं लगी
बीजेपी का ‘ऑपरेशन लोटस’ हिमाचल प्रदेश में इस तरह चला कि कांग्रेस को इसकी हवा तक नहीं लगी। राज्यसभा चुनाव से पहले बीजेपी के नेता कांग्रेस विधायकों के संपर्क में थे। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने उन विधायकों को टारगेट किया जो मुख्यमंत्री से नाराज चल रहे थे। बीजेपी के एक स्थानीय नेता के मुताबिक इसकी संभावना भी है कि मुख्यमंत्री खुद ही इस्तीफा दे दें। कांग्रेस की सरकार गिरने से जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मनोबल टूटेगा, वहीं फिर से हिमाचल बीजेपी के पास आ जाएगा।
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