बह्मकुमारी आश्रम में 2 सगी बहनों ने किया सुसाइड, लिखा-योगीजी इन्हें आसाराम की तरह जेल में रखें

आगरा, BNM News: आगरा के ब्रह्माकुमारी आश्रम (suicide in brahmakumari ashram)में शुक्रवार देर रात दो सगी बहनों ने सुसाइड कर लिया। एक कमरे में अलग-अलग फंदे पर दोनों के शव लटके मिले हैं। शवों में 4-5 फीट की दूरी है। आत्महत्या से पहले दोनों बहनों ने सुसाइड नोट लिखा। एक ने 2 जबकि दूसरी ने 1 पेज का नोट लिखा। इसे ब्रह्माकुमारी के सोशल मीडिया ग्रुप (social media) और परिजनों को व्हाट्सएप पर भेजा। हालांकि, जब तक परिजन और संस्था के लोग मौके पर पहुंचते तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।ब्रह्मकुमारीज आश्रम में रहने वाले दो सगी बहनों ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में आश्रम से जुड़े तीन लोगों और एक महिला का काला चिट्ठा खोल दिया। इसमें रुपये हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों का पर्दाफाश किया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (CM Yogi Adityanath) को संबाेधित करते हुए लिखा कि आरोपितों को आशाराम बापू (Asaram bapu)की तरह ही आजीवन

कारावास दिया जाए। सुसाइड नोट के तथ्यों के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिन लोगों का सुसाइड नोट में नाम लिखा है, उनसे पुलिस पूछताछ करेगी।

आत्महत्या से पहले चार पेज का सुसाइड नोट लिखा
ब्रह्मकुमारीज आश्रम जगनेर में रह रही एकता और शिखा ने आत्महत्या से पहले चार पेज का सुसाइड नोट लिखा था। शिखा ने एक पेज पर ही अपनी पूरी बात लिख दी। जबकि एकता द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट तीन पेज का

था। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि दोनाें बहनें एक वर्ष से परेशान थीं। उनकी मौत के लिए चार लोग जिम्मेदार हैं। इनमें से तीन धौलपुर के रहने वाले हैं जबकि एक महिला ग्वालियर की बताई गई है। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।

सुसाइड नोट में पूरे मामले का पर्दाफाश

एकता ने सुसाइड नोट में पूरे मामले का पर्दाफाश किया है।इसमें लिखा है कि उनके पिता ने सात लाख रुपये प्लाट के लिए दिए थे। ये उन्होंने आश्रम से जुड़े व्यक्ति को दिए थे। इसके साथ ही 18 लाख रुपये गरीब माताओं के उसी व्यक्ति ने हड़प लिए। सेंटर के नाम पर 25 लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद ये लोग सेंटर बनवाने की अफवाह फैलाते हैं। इन लोगों के ग्वालियर की एक महिला से अवैध संबंध हैं। यज्ञ में बैठने लायक भी ये लोग नहीं हैं। धन हड़पने और अनैतिक कार्य करने वाले लोग दबंगई दिखाते हैं और अपनी पहुंच का भय दिखाकर कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता है।

आशाराम बापू की तरह आजीवन कारावास होना चाहिए
एकता ने लिखा है कि योगी जी इनको आशाराम बापू की तरह आजीवन कारावास होना चाहिए। इन लोगों ने हमारे साथ तो गलत नहीं किया, लेकिन बहुतों के साथ किया है। किसी से पैसे लाते हैं, उसी पर केस कर देते हैं। आश्रम से जुड़े एक व्यक्ति ने पहले साथ देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब वह फोन नहीं उठा रहा है। सुसाइड नोट में एकता ने यह भी लिखा कि यह लेटर मुन्नी बहन जी और मृत्युंजय भाई साहब के पास पहुंच जाए। पुलिस को आश्रम से सुसाइड नोट मिल गया है। इसमें लगाए गए आरोपों की पुलिस जांच कर रही है।

अब पढ़िए कि सुसाइड नोट में क्या-कुछ लिखा मिला…

मैं रिक्वेस्ट करती हूं कि हम दोनों बहनों के साथ गद्दारी की गई है। पापी नीरज सिंघल माउंट आबू में मॉर्डन कंपनी नौकरी करता है। इसने हमें भरोसा दिलाया कि सेंटर बनने के बाद मैं आपके साथ रहूंगा। इसके बाद इसने बात करना बंद कर दिया। एक साल हम दोनों बहनें इसके सामने रोते रहे पर इसने एक न सुनी। इसका साथ ग्वालियर, मोती

झील वाली पूनम, इसका बाप तारचंद और इसकी बहन का ससुर गुड्‌डन जो जयपुर में रहता है। ये हमारे साथ 15 साल से रह रहा था। ये हमसे झूठ बोलता रहा। हम दोनों बहनों ने कोई गलती नहीं की। इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है। इस सेंटर को बनवाने में यज्ञ का कोई पैसा नहीं है। सारा पैसा हमारा लगा है। ये हमेशा बोलता रहा आप चिंता मत करो, मैं सब संभाल लूंगा। ये हमेशा कहता था कि मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। मेरा बाप ताराचंद वकील है। वो मुझे कुछ नहीं होने देगा।

कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं, लेकिन ये लोग सब छुपा देते हैं। हमारे साथ कोई नहीं है। हम अकेले पड़ गए हैं। इसलिए ये कदम उठाना पड़ रहा है। मेरे प्यारे भाई सोनवीर और एन सिंह से प्रार्थना है कि इस केस को आप दोनों बहनों की तरफ से लड़ना। आप हमारे सगे भाई से ज्यादा हो। चाहे जितना पैसा खर्च हो जाए, आप उसे बहनों की राखी का समझ लेना। इन चारों हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

सबूत आश्रम में रखे हैं। प्लीज हमें गलत न समझा जाए। हमने इस पर भरोसा किया था, हमें धोखा मिला। इसके पास हमारे 25 लाख रुपए हैं। सेंटर के आश्रम के उद्घाटन के लिए इसके पास जमा करवा दिए थे। ये गरीब माताओं का पैसा था। सात लाख रुपए मेरे पापा ने प्लाट दिलवाया था उसे बेचकर दिए थे। 18 लाख रुपए गरीब माताओं का पैसा था। अब इसने पैसा देने से मना कर दिया। ये लोगों से झूठ बोलता है कि सेंटर इसने बनवाया है। सेंटर में इसका तन से सहयोग है। इसने हमारे रुपए से फ्लैट खरीद लिया है।

मैं आज सभी माता और भाइयों से जो भी मुझसे परिचित हैं, उसने माफी मांगती हूं। मैंने जो भी कदम उठाया है, वो मजबूरी में किया है। मेरी मौत के जिम्मेदार नीरज, ताराचंद, पूनम ग्वालियर और गुड्‌डन हैं। गुड्‌डन मेरा मौसा लगता है। दुनिया वालों मैं बहुत मजबूर हूं। मुझे और मेरी दीदी को बदनाम मत करना। मैं एक साल से बहुत टेंशन में थी। अब हम लोगों से जिया नहीं जा रहा। नीरज ने जगनेर सेंटर पर रहने के लिए बोला था, तब जाकर हमने ये सेंटर बनवाया। मेरी यज्ञ वाले जगदीश भाई से रिक्वेस्ट है कि आप इसको पनाह मत देना। ये हम जैसी बहनों के साथ खिलवाड़ करता रहेगा। भाई जी, प्लीज इसको यज्ञ के अंदर मत आने देना। बहनों से वायदे करता है और फिर झूठ बोलकर खिलवाड़ करता है। इस सेंटर को गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दिया जाए। हमारे सुसाइड नोट को यज्ञ की मुन्नी दीदी और मृत्युंजय भाई के सामने रखा जाए। ये लेटर में जीवन के अंतिम पलों में लिख रही हूं।

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