बंगाल के संदेशखाली में टीएमसी विधायक के समर्थक को महिलाओं ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, तनाव का माहौल

बंगाल के संदेशखाली में टीएमसी कार्यकर्ता की महिलाओं ने की पिटाई
कोलकाता, बीएनएम न्यूजः Lok Sabha Elections 2024: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली (Sandeshkhali) द्वीप पर रविवार को फिर तनाव के हालात पैदा हो गए। यह स्थिति तब बनी जब बीजेपी (BJP) समर्थकों ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर एक तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) कार्यकर्ता पर हमला कर दिया।
तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुकुमार महता के सहयोगी टाटान गायेन पर स्थानीय पुलिस स्टेशन से कुछ ही दूरी पर पत्थरों से हमला किया गया. घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मौके पर दंगा नियंत्रण बल को भी बुला लिया गया। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने रविवार को संदेशखाली द्वीप पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का आरोप लगाया।
बंगाल के उत्तर 24 परगना का यह द्वीप उस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया था जब यहां के निवासियों ने तृणमूल कांग्रेस के ताकतवर नेता शेख शाहजहां और उनके साथी स्थानीय टीएमसी नेताओं पर जमीन हड़पने, जबरन वसूली करने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। टीएमसी से निष्कासित किए जा चुके शेख शाहजहां अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के मामले में सीबीआई की हिरासत में हैं।
TMC worker Dilip Malik threatened women’s of Sandeshkhali to record video for an Anti BJP Narrative.
In Reply, he was beaten by womens. 😂 #SandeshkhaliCase | #IAmWithModi pic.twitter.com/eaptnknHpl
— Karthi (Modi Ka Parivar) (@SaffronSurge3) May 12, 2024
वीडियो वायरल होने पर केस में आया नया मोड़
संदेशखाली केस में पिछले महीने की शुरुआत में एक वीडियो के वायरल होने पर चौंकाने वाला मोड़ आ गया था। इस वीडियो में स्थानीय बीजेपी नेता गंगाधर कोयल कथित तौर पर यह कहते हुए दिख रहे थे कि संदेशखाली में कोई बलात्कार या यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था और बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी के कहने पर महिलाओं को शिकायत दर्ज कराने के लिए राजी किया गया था। बीजेपी और इसके नेताओं ने दावा किया है कि वीडियो क्लिप में छेड़छाड़ की गई है।
एक अन्य चौंकाने वाले घटनाक्रम में एक महिला ने आरोप लगाया है कि बीजेपी से जुड़े लोगों ने उससे एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए और फिर उसके नाम पर बलात्कार की झूठी शिकायत लिखी। इसके बाद राजनीतिक घमासान छिड़ गया है और टीएमसी ने बीजेपी पर राजनीतिक लाभ के लिए उसकी छवि खराब करने के लिए कहानियां गढ़ने का आरोप लगाया है।
टीएमसी नेताओं पर फर्जी वीडियो प्रसारित करने का आरोप
संदेशखाली में रविवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने टीएमसी नेताओं पर फर्जी वीडियो प्रसारित करने का आरोप लगाया। इन प्रदर्शनकारियों में बशीरहाट लोकसभा सीट पर बीजेपी की उम्मीदवार संदेशखाली की निवासी रेखा पात्रा भी शामिल थीं।
मीडिया से बातचीत में एक महिला बीजेपी समर्थक ने स्थानीय प्रशासन पर बीजेपी समर्थकों पर झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, “तृणमूल सरकार हमें परेशान कर रही है क्योंकि उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक रही है।”
संदेशखाली की माताएं अपने सम्मान के लिए सड़कों पर उतरी
यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के लिए महिलाओं को पैसा दिए जाने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि क्या ममता बनर्जी एक बार भी यहां आईं और किसी को हमें पैसा देते हुए देखा? संदेशखाली की माताएं अपने सम्मान के लिए सड़कों पर उतरी हैं।
एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी ने उस महिला पर निशाना साधा जिसने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेताओं ने उसके नाम पर रेप की झूठी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि कि उन्हें यह दावा करने के लिए कितना पैसा मिला है कि सब कुछ झूठ है? उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। अन्यथा लोग उन्हें नहीं छोड़ेंगे।
हमले के लिए किसी ने उकसाया होगा : टीएमसी विधायक
तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुकुमार महता ने कहा है कि उनके सहयोगी पर हमले के लिए किसी ने उकसाया होगा। उन्होंने उन्होंने स्थानीय मीडिया से कहा कि उन्होंने थाने का घेराव किया था। फिर उन्हें हमले के लिए उकसाया गया। क्या यह राजनीतिक शालीनता है? घटना के विजुअल्स में महता के सहयोगी के आसपास महिलाएं दिखाई दे रही हैं।
संदेशखाली के एक बीजेपी नेता सजल घोष ने कहा है कि संदेशखाली में 12 साल से कोई कानून व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने मीडिया से कहा कि आज तक तृणमूल कांग्रेस ने जिसे चाहा उसे पीटा। हमारे तीन कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके शव नहीं मिले। इसलिए आज की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण नहीं कहा जा सकता।