रोहतक में भाजपा उम्मीदवार को घेरने से पहले धमकी: युवक से एसएचओ बोले- गड़बड़ी की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, कोई कुछ नहीं पूछेगा
नरेन्द्र सहारण, रोहतक। Rohtak News: हरियाणा में रोहतक लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार डॉ. अरविंद शर्मा का ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार विरोध हो रहा है। विरोध के इस क्रम को तोड़ने के लिए रविवार को रेवाड़ी के कोसली कस्बे के गांव पाल्हावास में उनके कार्यक्रम से पहले एसएचओ ने युवाओं को धमकी दे डाली।
एसएचओ ने दी धमकी
एसएचओ ने फोन पर कहा कि जब भी सांसद आए तो किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं चाहिए। कानून व्यवस्था कायम रखना मेरा काम है। अगर फिर भी ऐसी स्थिति बनी तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। इस बातचीत का ऑडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सवाल- जवाब की तैयारी थी
गांव पाल्हावास निवासी युवक कमल अहीर ने बताया कि उसके गांव में 19 मई को रोहतक से भाजपा उम्मीदवार डॉ. अरविंद शर्मा का प्रोग्राम था। इससे पहले हमारे कुछ साथियों ने सांसद से सवाल-जवाब की तैयारी की थी। इसे लेकर हम व्हाटसएप पर चर्चा कर रहे थे। इसकी जानकारी रोहड़ाई के थाना प्रभारी धर्मपाल को हो गई, तब उन्होंने फोन कर मुझे धमकाया। कमल ने बताया कि हमें सांसद से सिर्फ इतना पूछना था कि वह 5 साल कहां थे ? हमारे गांव के विकास के लिए क्या किया ? ये सब पूछने से पहले ही एसएचओ ने धमका दिया। फिर किसी ने कोई सवाल नहीं किया।
जानें कॉल पर हुई बातचीत…
एसएचओ : जब भी सांसद आए, कोई किसी तरह का डिस्टर्ब नहीं करेगा। क्योंकि सबको अधिकार है, वोट लेने का और वोट मांगने का। वोट आप अपनी इच्छा से जिसे चाहो उसे दो। किसी भी प्रकार का बहिष्कार या ऊंच-नीच बोलना अनुचित होगा।
कमल अहीर : वैसे तो जनाब मैं गांव से बाहर हूं। और फिर यह आप थोड़े ही डिसाइड कर सकते हो कि उनसे कोई प्रश्न पूछ सकता है या नहीं।
एसएचओ : नहीं कर सकते। कानून व्यवस्था बनाए रखना मेरी ड्यूटी है। काफी दिन हो गए जब कह लेते। बहिष्कार तुम्हारे हाथ में है। मत वोट दो। तुम्हारे हाथ में सब सिस्टम है। कोई आदमी प्रश्न पूछेगा, कोई किसी तरह की बात करेगा या बदतमीजी करेगा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।
कमल अहीर : आप मुझे धमकी मत दो। आपसे रिक्वेस्ट कर रहा हूं।
एसएचओ: नहीं, मैं रिक्वेस्ट नहीं कर रहा। धमकी से बात कर रहा हूं। ये मेरा मैटर है और ये मेरा इलाका है। मेरे इलाके में अगर कानून भंग हुआ तो ठीक नहीं होगा।
कमल अहीर : आपको पब्लिक के लिए अपॉइंट कर रखा है। आप धमकी नहीं दे सकते।
एसएचओ : मैंने तभी तेरे को प्यार से टेलीफोन पर बताया है। मैंने आपको ये कहा है कि किसी भी प्रकार का कानून व्यवस्था पर सवाल नहीं होना चाहिए। धमकी तो आप मान रहे हो। मैंने तो प्यार से टेलीफोन किया है।
कमल अहीर : आपने मुझे कॉल क्यों की है?
एसएचओ : इसलिए फोन किया है क्योंकि मुझे पता लगा कि आप इस तरह का विरोध करोगे। नहीं करोगे तो बेस्ट है।
कमल अहीर : आप मुझे धमकी न दो। आप मुझे थाने बुलाते हो तो आ जाता हूं।
एसएचओ : मैंने तुझे पहले ही बता दिया है। ऐसा है 9-13-22 बोलने की जरूरत नहीं है। मैं एसएचओ हूं और एज ए एसएचओ बात की है। और वही बात की है कि सभी को अधिकार है वोट मांगने का। मैंने धमकी कहां दी? आपको धमकी लग रही है।
कमल अहीर : मैं तो पूछ रहा हूं कि आपको किसने ये अधिकार दे दिया?
एसएचओ : क्यों पूछते हो? आपको नहीं पता किसके पास क्या-क्या अधिकार हैं?
कमल अहीर : वह एक सांसद हैं। वह एक चुने हुए सांसद हैं। मुझे पता है इस बात का। उन्हें हमने ही चुनकर भेजा है। ये सारी बातें मुझे पता है। ये मुझे न बताओ। मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि आप मुझे धमकी न दो।
एसएचओ : मैं भी वही कह रहा हूं। वोट देने का अधिकार आपका है। जिसको मर्जी चुनो। लेकिन, किसी भी व्यक्ति की बेइज्जती नहीं करोगे। बस मैंने आपको ये बात बता दी है।
कमल अहीर : मैंने ये बात आपको कही है कि अंकल मैं गांव में नहीं हूं, लेकिन धमकी मत दो।
एसएचओ : देख ले, फिर वही बात है। जब करोगे तो फिर तो पकड़ना ही है? मैं तो पहले ही कह रहा हूं।
कमल अहीर : हां, ये बिल्कुल सही है। जब करो तब आप पकड़कर ले जाओ। कानूनी कार्रवाई करो।
एसएचओ : जब मैं पहले ही आपको बता रहा हूं कि ऐसा न हो, अच्छा रहेगा। किसी आदमी की मानहानि करने का किसी भी व्यक्ति को अधिकार नहीं है। इसी बात को समझाने के लिए मैंने आपको कॉल की है।
कमल अहीर : कुछ लीगल राइट हमारे भी हैं। मेरी जगह है, मेरा गांव है, वहां मैं कुछ भी करूं। मैं उनसे प्रश्न करूं या फिर उनसे नमस्ते करूं।
एसएचओ : नहीं कर सकते। अच्छा बर्ताव करो। यदि हमारी नहीं बनती है। अगर वह हमारे लिए अच्छा काम नहीं करें तो उनके पास न जाएं। उन्हें वोट न दें। जो अच्छा करे उसके पास चले जाएं।
कमल अहीर : आपने ये कहा न कि मैं तो धमकी की तरह बात कर रहा हूं।
एसएचओ : मैं तो अभी भी यही कह रहा हूं कि किसी की मानहानि नहीं करनी। बस दैट्स ऑल।
मैंने सिर्फ समझाने के लिए फोन किया
इस मामले में रोहड़ाई थाना प्रभारी धर्मपाल का कहना है कि लोकतंत्र में सबको वोट मांगने और कानून के दायरे में रहकर विरोध करने का अधिकार है। कानून व्यवस्था को कायम रखना हमारा कर्तव्य है। मुझे जैसे ही सूचना मिली तो मैंने उन्हें समझाने के लिए फोन नहीं किया। धमकी देने जैसी कोई बात नहीं है।
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