Earthquake: लद्दाख में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 3.4 रही रिक्टर स्केल पर तीव्रता
लद्दाख, एजेंसी: लद्दाख में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इसकी जानकारी दी है। भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि सुबह 8 बजकर 25 मिनट पर लद्दाख में रिक्टर स्केल पर 3.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके चलते किसी तरह के जानमाल के नुकसान की फिलहाल सूचना नहीं मिली है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, शनिवार सुबह 8:25 पर लद्दाख में 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने एक्स पर पोस्ट किया कि भूकंप की तीव्रता 3.4 रही। अभी तक किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, आज सुबह 8.25 बजे भारत के सबसे उत्तरी क्षेत्र लद्दाख में रिक्टर पैमाने पर 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। एनसीएस ने पुष्टि की कि क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधि महसूस की गई, जिसका केंद्र 35.44 अक्षांश और 77.36 देशांतर पर स्थित था। भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। एनसीएस ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “भूकंप की तीव्रता: 3.4, 02-12-2023, 08:25:38 IST, अक्षांश: 35.44 और लंबाई: 77.36, गहराई: 10 किमी, स्थान: लद्दाख।
बांग्लादेश में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, उपमहाद्वीप में, उसी दिन बांग्लादेश भी रिक्टर पैमाने पर 5.8 तीव्रता वाले भूकंप से प्रभावित हुआ था। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) के अनुसार, यह भूकंप 10 किमी की गहराई पर था।
लेह लद्दाख का क्षेत्र काफी संवेदनशील
लेह और लद्दाख दोनों भूकंपीय क्षेत्र IV में आते हैं, जो भूकंप के प्रति संवेदनशीलता के काफी अधिक जोखिम का संकेत देता है। हिमालय क्षेत्र में स्थित ये क्षेत्र बार-बार भूकंप के झटकों के प्रति संवेदनशील रहते हैं। देश में भूकंप-संभावित क्षेत्रों की पहचान पिछली भूकंपीय गतिविधि, टेक्टोनिक कॉन्फ़िगरेशन और ऐतिहासिक डेटा को शामिल करते हुए वैज्ञानिक मूल्यांकन पर आधारित है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों – जोन V, IV, III और II में वर्गीकृत किया है। ज़ोन V में भूकंपीयता का उच्चतम स्तर होता है, जबकि ज़ोन II में सबसे कम भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।