दक्षिण हरियाणा की सबसे चर्चित सीट बनी अटेली, नाम वापस लेने की अंतिम तिथि पर टिकी नजरें
नरेन्द्र सहारण, कनीना: Haryana Assembly Election 2024: अटेली विधानसभा क्षेत्र दक्षिण हरियाणा का इस बार सबसे चर्चित चुनाव क्षेत्र बन गया है क्योंकि एक और जहां आरती सिंह राव भाजपा की टिकट पर मैदान में खड़ी हुई है जो केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री है वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक अनीता यादव कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में है। इसी कड़ी में जहां बसपा प्रत्याशी अतरलाल सहित कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। सभी ने अपना अपना जमकर चुनाव प्रचार शुरू किया हुआ है। गांव में शहरों में तथा खेतों तक चुनावी चर्चाएं चल रही है। वोट डालने की अपील की जा रही है। मतदाताओं के दोस्त और रिश्तेदारों को ढूंढा जा रहा है। यहां तक की चुनाव जीतने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।
अटेली विधानसभा क्षेत्र के मुंडिया खेड़ा ग्राम में ” धन्यवाद सभा ” में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ आरती राव का स्वागत करते ग्रामीण।
चुनाव में गर्माहट आ गई
अटेली विधानसभा क्षेत्र से जहां कांग्रेस पार्टी ने देरी से टिकट की घोषणा की है। जब तक टिकट की घोषणा नहीं हुई थी, तभी तक लोगों की नजरें कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार पर टिकी हुई थी। बस यहीं कहते सुने गये कि चुनाव का समीकरण प्रत्याशी पर निर्भर करेगा। अब कांग्रेस की उम्मीदवार मैदान में आ गई हैं तो विधानसभा क्षेत्र में चुनाव में गर्माहट आ गई है। अब कांटे की टक्कर होने की संभावना बन गई है। अब तो 16 सितंबर पर नजरें टिक गई हैं, क्योंकि अभी नाम वापस लिए जाने हैं। नाम वापस लेने वाले प्रत्याशी किसी नेता को हराने या जीतने के मकसद से भी ले सकते हैं। इस योजना में जहां भीतरी घात जमकर होने की संभावना बन गई है। सभी बड़ी पार्टियों में गुटबाजी उभर रही है। एक पार्टी से दूसरी पार्टी में दल बदलने का जोर-शोर चला है, वहीं अब ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर भीतर के प्रत्याशी की चर्चाएं चल रही हैं। अब तो ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्र में चुनावी सभाएं एवं नुक्कड़ सभाएं हो रही है।
ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र है अटेली
अटेली विधानसभा क्षेत्र से कनीना और अटेली दो शहर है बाकी सभी गांव होने के कारण अटेली को ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र कहा जाता है। इस विधानसभा क्षेत्र में जहां विगत इतिहास में दो बार निर्दलीय भी जीते हैं, वरना हर बार किसी पार्टी से प्रत्याशी ही जीत हासिल कर पाया है। दो महिलाएं अनीता यादव और संतोष यादव अब तक जीत का स्वाद चख चुकी हैं। इस बार आरती राव इन दोनों महिला प्रत्याशियों को चुनौती दे रही हैं। अभी 16 सितंबर के बाद ही पता लग पाएगा कि मैदान में कितने प्रत्याशी बच पाएंगे और किन-किन के बीच का मुकाबला होगा।
अभी तक यही चर्चाएं हैं कि किस प्रत्याशी को कैसे किस प्रकार जीत प्राप्त हो। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हार जीत पर जोर-शोर से चर्चाएं चलती है और विवाद पर भी उतारू हो जाते हैं। शर्त लगाने को आतुर हो जाते हैं। किसान भी फुर्सत निकालकर चुनावी चर्चाओं में शामिल हो रहे हैं। कनीना और अटेली दो कस्बे अटेली विधानसभा के कस्बे हैं और अटेली विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी की हार जीत दोनों कस्बों पर निर्भर करती है। यही कारण है कि विभिन्न नेता कनीना और अटेली में वोट के लिए भारी संख्या में पहुंच रहे हैं और वोट देने की अपील कर रहे हैं। विभिन्न दलों के नेता घर-घर जाकर प्रचार किया जा रहा है।
चुनाव कुल प्रत्याशी निर्दलीय
2005 15 11
2009 19 9
2014 18 9
2019 15 7
2024 11 5
अटेली विधानसभा से सबसे अधिक प्रत्याशी 1996 में 49 थे जिनमें से 41 निर्दलीय थे जबकि सबसे कम प्रत्याशी 1967 में 3 थे जिनमें से दो निर्दलीय थे। 1968 के उप चुनावों में 3 में से एक निर्दलीय रहा है। 2024 में 11 में से 5 निर्दलीय तथा पांच ही महिलाएं मैदान में हैं।
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