नईं पेंशन स्कीम लागू होने से पहले चयनित सहायक अध्यापकों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ, हाई कोर्ट के फैसले से यूपी सरकार को झटका
प्रयागराज, BNM News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले जारी हुए विज्ञापन के तहत चयनित सहायक अध्यापकों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा।सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद की गई है, इस कारण वे नई पेंशन स्कीम में होंगे, कोर्ट ने यह सरकारी दलील अस्वीकार कर दी है। यह आदेश जस्टिस विकास बधवार ने याची नंदलाल यादव समेत कई लोगों की रिट याचिकाओं पर पारित किया। कोर्ट ने सभी याचिकाओं को मंजूर कर विज्ञापन संख्या-1 ऑफ 2002 के तहत नई पेंशन योजना लागू होने के पश्चात नियुक्त याची शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने का निर्देश दिया है।
याची शिक्षकों को नई पेंशन स्कीम के तहत लाभ देने का निर्णय विभाग ने लिया था तथा कहा था कि सभी सहायक शिक्षकों की नियुक्तियां 1 अप्रैल 2005 के बाद की गई है, इस कारण वह पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ पाने के हकदार नहीं है।
साथियों को मिल रही पुरानी पेंशन
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आलोक कुमार यादव का तर्क था कि याची के साथ चयनित और नियुक्त सभी शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है, जबकि याची को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। शिक्षकों के लिए लागू 1964 की नियमावली में पेंशन को लेकर कोई संशोधन नहीं है, ऐसी स्थिति में विभाग की गलती के कारण नई पेंशन योजना लागू होने के पश्चात दी गई नियुक्तियों के आधार पर याचीगण को पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।
क्या था मामला
विज्ञापन संख्या-1 ऑफ 2002 में असिस्टेंट टीचर की भर्ती निकली थी। 29 नवंबर 2004 को साक्षात्कार हुआ था और 24 दिसंबर 2004 को परिणाम घोषित कर दिया गया था। घोषित परिणामों के आधार पर अधिकांश शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देकर जॉइन करवा लिया गया। जबकि याची को मिले प्लेसमेंट पर कॉलेज मैनेजमेंट ने जॉइन नहीं करवाया। बाद में बोर्ड के हस्तक्षेप पर काशीराज महाविद्यालय इंटर कॉलेज, औराई संत रविदास नगर में जॉइनिंग करवाई गई। चूंकि याची की नियुक्ति एवं जॉइनिंग नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद 15 अप्रैल 2005 को हुई, इस कारण उसे पुरानी पेंशन स्कीम के लिए हकदार नहीं माना गया।