Israel Hamas War: यूएन महासभा में गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पारित, भारत समेत 153 देशों ने पक्ष में किया मतदान

संयुक्त राष्ट्र, एजेंसी: Israel Hamas War Updates यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली (UNGA) में मंगलवार देर रात को गाजा में उद्धविराम पर प्रस्ताव पारित हो गया। भारत ने इसके पक्ष में वोट किया।  193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र में UAE, सऊदी अरब समेत 153 देशों ने सीजफायर के पक्ष में वोट किया। अमेरिका, इजराइल समेत 10 देशों ने युद्धविराम के खिलाफ वोट किया। 23 देश वोटिंग में शामिल नहीं हुए। युद्धविराम प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाले देशों अमेरिका, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, ग्वाटेमाला, इस्राइल, लाइबेरिया, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी और परागुआ शामिल हैं।

इधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइइन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी। बाइडेन ने कहा- गाजा में लगातार हमले करने की वजह से इजराइल ग्लोबल सपोर्ट खो रहा है। उन्हें जंग में रुख बदलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया तो इसका असर आने वाले समय में ठीक नहीं होगा। इस बीच नेतन्याहू ने माना की उनके अमेरिका से कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं। दरअसल, अमेरिका इजराइल पर गाजा में आम लोगों को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए दबाव डाल रहा है। हालांकि, इजराइल इसके खिलाफ है।

रुचिरा कंबोज ने रखा भारत का पक्ष

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत ने यूएन महासभा द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है। उन्होंने कहा कि महासभा में जिस स्थिति पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, उसके कई आयाम हैं। सात अक्तूबर को इस्राइल पर आतंकवादी हमला हुआ और कई लोगों को बंधक बनाया गया, जो चिंता की बात है। उन्होंने आगे कहा कि गाजा में बहुत बड़ा मानवीय संकट पैदा हुआ है। बड़े पैमाने पर नागरिकों की जानें गई हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। सभी परिस्थितियों में अंतरराराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का मुद्दा है। साथ ही लंबे समय से चले आ रहे फलस्तीन मसले का एक शांतिपूर्ण और स्थायी दो-राज्य समाधान खोजने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में क्षेत्र के सामने मौजूद कई चुनौतियों के समाधान के लिए साझा प्रयास में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकता का स्वागत करता है।

अमेरिका युद्धविराम प्रस्ताव से सहमत नहीं

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका युद्धविराम प्रस्ताव से सहमत नहीं है। हम सिर्फ गाजा में गंभीर मानव संकट और मानव नरसंहार से सहमत है। साथ ही उन्होंने सात अक्तूबर को हमास द्वारा किए गए क्रूर हमलों की निंदा के लिए एक संशोधन का प्रस्ताव रखा और अमेरिका इस बात की पुष्टि करने का समर्थन करते हैं कि दुनिया के सभी देशों की तरह इस्राइल को भी अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है। अमेरिकी दूत ने युद्ध के लिए सीधे तौर पर हमास को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि हम सुरक्षा परिषद या महासभा के एकतरफा प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकते हैं, जो हम सभी के विचारों को नजरअंदाज करता है।

इजरायल ने प्रस्ताव को किया खारिज

यूएन में इस्राइली राजदूत गिलाद अर्दान  ने कहा कि गाजा में युद्धविराम हमास के आतंकवादी एजेंडे को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा है कि युद्ध रोकने से केवल हमास को फायदा होगा। आतंकवाद के शासन को जारी रखने और अपने शैतानी एजेंडे को साकार करने में कोई हमास की सहायता क्यों करना चाहेगा? महमूद ने कहा कि इजरायली सेना के फलस्तीनियों पर बर्बर हमले और नागरिकों की हत्या को रोकने के लिए युद्धविराम ही एकमात्र तरीका है। इजरायल के हमले से असहनीय मानवीय पीड़ा हुई है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है। यूएनजीए अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि गाजा में हिंसा रुकनी चाहिए। फ्रांसिस ने कहा कि गाजा में नागरिकों पर हमले हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून दोनों का गंभीर उल्लंघन हुआ है। गाजा में हजारों लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। फ्रांसिस ने गाजा में तत्काल युद्धविराम के लिए समर्थन जताया।

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