छात्राओं के यौन शोषण का आरोपित असिस्टेंट प्रोफेसर प्रयागराज से गिरफ्तार, कैम लगाकर करता था वीडियो रिकार्डिंग

हाथरस, बीएनएम न्यूज : हाथरस के पीसी बागला कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर और चीफ प्राक्टर डॉ. रजनीश पर गंभीर आरोप लगे हैं। छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में डॉ. रजनीश को पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब वह न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था। पिछले कई दिन से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी और अंततः उसे पकड़ लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद की स्थिति
पुलिस ने जब डॉ. रजनीश से पूछताछ की, तो उसने छात्राओं का यौन उत्पीड़न कर वीडियो बनाने की बात स्वीकार की। यह जानकारी जैसे ही सामने आई, पुलिस ने उसे स्थानीय न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया शुरू की। जहां से उसे जेल भेजा जाएगा। एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि यह मामला न केवल गंभीर है बल्कि इसने समाज में एक बड़ा सवाल भी खड़ा किया है कि शिक्षण संस्थानों में ऐसी घटनाएं कैसे हो सकती हैं।
आरोपित की पृष्ठभूमि
डॉ. रजनीश की शादी 1996 में हुई थी, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं है। दूसरी शादी करने की चाह में उन्होंने अन्य लड़कियों से संपर्क किया। एक लड़की के साथ उनके रिश्ते की बात काफी आगे बढ़ गई थी, लेकिन विवाह नहीं हो सका। इस घटना ने उनकी मानसिकता पर गहरा असर डाला और उन्होंने विभिन्न तरीकों से छात्राओं को अपने जाल में फंसाने की कोशिश की।
छात्राओं को निशाना बनाना
डॉ. रजनीश ने छात्राओं और अन्य महिलाओं को अपने प्रभाव में लाने के लिए एक नीतिगत तरीके को अपनाया। उन्होंने पहले से ही अपने कंप्यूटर में एक सॉफ्टवेयर डाल रखा था, जिससे वह बिना किसी को बताए उनकी गतिविधियों को रिकॉर्ड कर सकता था। इस सॉफ्टवेयर की मदद से उसने उन्हें बिना अपनी अनुमति के अश्लील वीडियो बनाने का प्रयास किया।
छात्राओं को उच्चतर कोर्स में दाखिल कराने, नौकरी दिलाने, और उनकी परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने का प्रलोभन देकर वह उन्हें अपने जाल में फंसाता था। इस प्रक्रिया के दौरान, वह उन्हें महंगे उपहार भी देता था, जिससे वे उसके लाभ के लालच में आ जाती थीं।
प्रतिरोध की कमी और रिपोर्टिंग का डर
कॉलेज में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी की महिला कर्मचारी को डॉ. रजनीश ने अपने प्रभाव में लाकर उसकी भी यौन शोषण की। इन सभी घटनाओं में छात्राएं और कर्मचारियों के मन में इस बात का डर था कि अगर उन्होंने रोका या दुरुपयोग के खिलाफ आवाज उठाई तो उनकी पढ़ाई और करियर पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। यह मानसिकता भारतीय समाज में आम है, जहाँ कि महिलाओं को अक्सर ऐसे मामलों में अपने सुरक्षा की चिंता होती है।
शिकायत का कारण और कार्रवाई
इस गंभीर मामले का खुलासा तब हुआ जब एक गुमनाम छात्रा ने राष्ट्रीय महिला आयोग को शिकायती पत्र और अश्लील कंटेंट की सीडी भेजी। उसमें डॉ. रजनीश के द्वारा की गई यौन शोषण की पूरी कहानी थी, जिसमें 10 फोटो और 14 वीडियो शामिल थे। इन वीडियोज़ में डॉ. रजनीश अश्लील हरकतें करते हुए देखे जा सकते थे। इसके आधार पर 13 मार्च को डॉ. रजनीश के खिलाफ दुष्कर्म और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज प्रबंधन द्वारा डॉ. रजनीश को निलंबित कर दिया गया था।
पुलिस जांच और आगे की प्रक्रिया
पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की है। आरोपित की गिरफ्तारी और उसके द्वारा किए गए अपराधों की जांच में कई पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी सबूतों को इकट्ठा किया जाएगा और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
सामाजिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी
इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में यौन शोषण की समस्या एक गंभीर मुद्दा बन गई है। समाज को चाहिए कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले और ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ें।
अपराधी चाहे कोई भी हो, उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि इस तरह के अपराधों से न केवल छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो, बल्कि समाज में जागरूकता भी बढ़े।
सुरक्षित वातावरण बनाना होगा
यदि हम वास्तव में समाज में बदलाव लाना चाहते हैं, तो हमें इस तरह के मामलों के प्रति जागरूक रहना होगा और सभी स्तरों पर न्यायिक प्रक्रियाओं को सही तरीके से लागू करने का प्रयास करना होगा। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल ज्ञान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण भी बनाना है, जहाँ छात्राएं अपनी प्रतिभा को निखार सकें बिना डर के।
यहां पर यह प्रश्न भी उठता है कि क्या हम सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो? समाज और शिक्षा के सभी क्षेत्रों को एक साथ मिलकर इसे रोकने की दिशा में काम करना होगा।
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