कैथल में मंडी चौकी पर जुटे किसान:12 करोड़ रुपए लेकर फरार हुआ कमीशन एजेंट

पुलिस से बातचीत करते हुए किसान
नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले की अनाज मंडी में किसानों और आढ़तियों के बीच धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। किसानों की मेहनत और उनके द्वारा उत्पादित फसलों की बिक्री से जुड़े आर्थिक लेन-देन में जब इस तरह की घटनाएं घटित होती हैं, तो किसानों का विश्वास डगमगाने लगता है। हाल ही में तीन आरोपियों दो आढ़तियों और एक मिल मालिक ने करीब 12 करोड़ रुपए की पेमेंट लेकर भाग जाने का काम किया है, जिससे किसान बेहद परेशान और चिंतित हैं।
घटना का विवरण
किसान नेता होशियार गिल की नसों में धड़कनों की तेजी साफ दिख रही थी जब उन्होंने कैथल अनाज मंडी चौकी के बाहर एकत्रित किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “हम आरोपियों की गिरफ्तारी और हमारी पेमेंट की मांग कर रहे हैं। यह हमारे हक की बात है।” घटना से प्रभावित किसान अपने-अपने मुद्दों को लेकर मंडी चौकी पर इकट्ठा हुए और पुलिस पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु दबाव बनाने लगे।
इस मामले में शिकायत करने वाले किसान कृष्ण कुमार ने बताया कि वह पिछले 6-7 वर्षों से दो बिजनेस कंपनियों के साथ काम कर रहे थे, जिनमें केशव ट्रेडिंग कंपनी और देवीदयाल रजत कुमार शामिल हैं। कुमार ने अप्रैल के मध्य में कंपनियों को अपनी गेहूं की फसल बेची थी, जिसके लिए उन्हें सही समय पर पैसे मिलने की उम्मीद थी।
किसानों की कठिनाइयां
कृष्ण कुमार जैसे कई किसानों ने आरोप लगाया है कि आढ़तियों की धोखाधड़ी की वजह से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है। किसानों का कहना है कि वे बहुत मेहनत करके अपनी फसल उगाते हैं, और जब उनके हक का पैसा मिलता है, तो उन्हें उम्मीद होती है कि वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। लेकिन जब धोखाधड़ी का यह मामला सामने आया, तो उनकी भावनाओं को गहरा ठेस पहुँची है।
किसान ने अपनी शिकायत में बताया कि 12 से 15 अप्रैल तक उसने केशव ट्रेडिंग कंपनी के मालिक शीशपाल उर्फ माकड़ और ऋषिपाल उर्फ कालू को लगभग 13 लाख रुपए की गेहूं की फसल बेची थी। इसके अलावा, 16 लाख रुपए की धान की फसल भी बकाया थी। जब किसान अपनी पेमेंट के लिए मिले, तो ना तो आढ़ती वहां उपस्थित हुए और ना ही उनके फोन उठाने पर कोई जवाब मिला।
किसानों का प्रदर्शन
कैथल अनाज मंडी के बाहर दी गई शिकायत के बाद, प्रभावित किसान अपनी फसल के पैसे लेकर आढ़तियों से मिलने के लिए मंडी पहुंचे। यहां उन्हें चारों ओर निराशा नजर आई। दुकान बंद होने पर वे शीशपाल और ऋषिपाल के घर पहुंचे, लेकिन वहां भी ताला लटका हुआ मिला। दुखी और परेशान किसान अब अपनी मेहनत की कमाई के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
पुलिस का रुख और कार्रवाई
शहर थाना एसएचओ गीता ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है और जांच की जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने और किसानों को न्याय दिलाने के प्रति गंभीर है।
किसानों ने अपने हक के लिए आवाज उठाने का संकल्प लिया है और अगर जल्द ही उनकी मांग नहीं मानी गई, तो वे और भी बड़े आंदोलन की योजना बना सकते हैं।
आगे की कार्रवाई और रणनीति
किसान नेता होशियार गिल ने बताया कि इस संबंध में किसानों की बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। किसानों का कहना है कि वे उच्च अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्याओं को ठीक से उठाना चाहते हैं ताकि उनकी आवाज़ सुनी जा सके।
गिल ने यह भी कहा कि यदि इस तरह की घटनाएं आगे भी होंगी तो इससे किसानों का संघर्ष और उग्र हो जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे किसानों के प्रति गंभीरता से कार्य करें और मामले की जांच में कोई ढिलाई न बरतें।
कृषि का महत्व और किसान
यह घटना केवल एक धोखाधड़ी का मामला नहीं है; यह हरियाणा के समस्त किसानों की आवाज़ है जो अपनी मेहनत और मिडिलमैन के बीच की दूरी को समझने में कोशिश कर रहे हैं। खेतों में हल चलाते, कड़ी मेहनत करते किसान आज आर्थिक संकट में हैं। ऐसे में इस घटना का दुखद पहलू यह है कि कैसे किसान अपनी मेहनत के फल से भी वंचित रह जाते हैं।
किसानों का आर्थिक जीवन विधानसभा, कृषि नीति और सरकारी योजनाओं पर निर्भर करता है। इसलिए, उनकी समस्याओं का सही समाधान होना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें।
हक के लिए लड़ाई
किसानों की मेहनत और संघर्ष को न केवल समाज के एक हिस्से की तरह बल्कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग माना जाना चाहिए। कैथल अनाज मंडी में हुई इस धोखाधड़ी ने हमें यह सिखाया कि किसान आज भी अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
किसान अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और हमें उनके संघर्ष को सुनने और उनकी मदद करने की आवश्यकता है। दोषियों को सजा दिलाना और किसानों के हक को हासिल करना एक ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
यह सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है कि किसान भविष्य में इस तरह की समस्या का सामना न करें, जिससे उनकी मेहनत और समर्पण को सही मायनों में मान्यता मिल सके।