मुख्तार अंसारी का अतीक अहमद जैसा नहीं होगा हश्र, मिलेगी पुख्ता सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने दिया भरोसा
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को भरोसा दिलाया कि पूर्व विधायक एवं बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की जेल में सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यह भी कहा कि अगर जरूरत हुई तो सुरक्षा बढ़ाई जाएगी, ताकि उसे कोई नुकसान न पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार (UP Government) की ओर से दिए इस बयान को आदेश में दर्ज करते हुए मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश से बाहर किसी और जेल में ट्रांसफर करने और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने पर निर्देश लेने के लिए एएसजी को समय देते हुए मामले को जाड़े की छुट्टियों के बाद 16 जनवरी को सुनवाई पर लगाने का निर्देश दिया।
उत्तर प्रदेश से बाहर किसी अन्य राज्य की जेल में स्थानांतरित करने की मांग की
मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने पिता की जान को खतरा बताते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश से बाहर किसी अन्य राज्य की जेल में स्थानांतरित करने की मांग की है। मुख्तार अंसारी फिलहाल उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है। उसे हत्या के एक मामले में सजा हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से स्थानांतरित करके उत्तर प्रदेश की बांदा जेल लाया गया था। उमर अंसारी की याचिका शुक्रवार को जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस संजय करोल की पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगी थी। याचिकाकर्ता अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मुख्तार अंसारी के साथ के सह-अभियुक्तों की और अतीक अहमद व उसके भाई की हिरासत में हत्या किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंता है। सिब्बल ने कहा कि उन्होंने संशोधित नई याचिका दाखिल की है और कोर्ट इस पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करे।
जरूरत हुई तो मुख्तार की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी
नोटिस जारी होने से पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मुख्तार न्यायिक हिरासत में जेल में है, ऐसे में अनुच्छेद-32 के तहत दाखिल यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। एएसजी की दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि यह मामला किसी की जान और सुरक्षा से जुड़ा है, क्या उत्तर प्रदेश सरकार कोर्ट में यह कह रही है कि उसकी जान को कोई खतरा नहीं होगा, उसे कोई नुकसान नहीं पुहंचेगा और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी। नटराज ने कहा कि राज्य सरकार उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और जरूरत हुई तो सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, इसका ब्योरा भी कोर्ट को दे सकती है।
राज्य सरकार से निर्देश लेने के लिए एएसजी को समय दिया
उन्होंने कहा कि सरकार से निर्देश लेने के लिए उन्हें कुछ समय दिया जाए। लेकिन सिब्बल ने अनुरोध किया कि कोर्ट याचिका पर औपचारिक नोटिस जारी करे क्योंकि ऐसा ही आश्वासन राज्य सरकार ने अतीक अहमद के मामले में भी दिया था। इस पर जस्टिस संजय करोल ने कहा कि अगर सरकार उसकी समुचित सुरक्षा का इंतजाम करती है तो क्या परेशानी है। वह हिरासत में है, अभी केस के ट्रायल की क्या स्थिति है यह भी पता करना है। पीठ ने सिब्बल से इस बारे में पहले दाखिल की जा चुकी याचिकाओं का भी जिक्र किया। यह भी बताया कि हाई कोर्ट का भी आदेश इस बारे में है। इसके बाद पीठ ने मुख्तार को उत्तर प्रदेश से बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने और उसकी सुरक्षा के इंतजाम पर राज्य सरकार से निर्देश लेने के लिए एएसजी को समय दे दिया।