संसद घुसपैठ केस के आरोपियों के फोन बरामद, दिल्ली पुलिस को राजस्थान से जले हुए टुकड़े मिले
नई दिल्ली, BNM News: Parliament security breach update संसद घुसपैठ केस की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने रविवार को सभी आरोपियों के फोन बरामद कर लिए। हालांकि ये फोन पूरी तरह से जले हुए हैं। दिल्ली पुलिस की जांच टीम ने फोन के टुकड़ों को राजस्थान से बरामद किया। इसके साथ ही वो जगह भी ढूंढ निकाली, जहां सभी फोन जलाए गए थे। 13 दिसंबर को घटना वाले दिन के बाद मुख्य आरोपी ललित झा अन्य आरोपियों के फोन लेकर भाग गया था। बाद में ललित ने 14 दिसंबर को पुलिस के सामने समर्पण कर दिया।
संसद में घुसपैठ मामले में अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार
लोकसभा में घुसपैठ मामले में शनिवार 16 दिसंबर को एक और आरोपी महेश कुमावत को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जहां से उसे 7 दिन के लिए पुलिस हिरासत में सौंप दिया गया। मामले में अब तक छह लोग पकड़े गए हैं। 13 दिसंबर को 4 आरोपी पकड़े गए थे। ललित झा ने 14 दिसंबर को सरेंडर किया था। मामले में विकी शर्मा और उसकी पत्नी राखी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। विकी के गुड़गांव स्थित घर पर ही चार आरोपी रुके थे।
संसद के अंदर सात स्मोक कैन लेकर गए थे आरोपी
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा की दर्शक दीर्घा से कूदने वाले सागर शर्मा और मनोरंजन एक या दो नहीं, बल्कि 7 स्मोक केन (धुआं फैलाने वाला उपकरण) लेकर गए थे। पुलिस की तरफ से ये भी बताया गया है कि आरोपियों ने संसद के आसपास के इलाके की गूगल के जरिए रेकी की थी। वे लोग कई चीजों से वाकिफ थे। यही नहीं, संसद का सिक्योरिटी अरेंजमेंट पता करने के लिए उन्होंने पुराने वीडियोज भी देखे थे।
आत्मदाह का भी प्लान था, बाद में बदला
जांच से जुड़े दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि आरोपियों ने संसद में कूदने से पहले कुछ दूसरे प्लान भी बनाए थे। एक आरोपी ने संसद के बाहर आत्मदाह करने के बारे में सोचा था। बाद में मन बदल दिया। यही नहीं, आरोपियों ने संसद के अंदर पर्चे बांटने पर भी विचार किया था।
सिग्नल ऐप पर करते थे बातचीत
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने ये तरीका भी सर्च किया था कि आपस में ऐसे कौन से तरीके से चैट की जा सकती है, जिसे पुलिस ना पकड़ पाए। सभी आरोपी आपस में बात करने के लिए सिग्नल ऐप का इस्तेमाल करते थे, ताकि वे किसी की गिरफ्त में ना आएं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने ये भी बताया कि आरोपियों का सबसे बड़ा मकसद मीडिया में चर्चित होना था, इसलिए सत्र के दौरान संसद में प्रवेश की योजना तैयार की गई।