कैथल में महिला से कनाडा के टूरिस्ट वीजा लगवाने के नाम पर ठगी, तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में एक महिला जिसका नाम रेखा देवी है ने कनाडा का टूरिस्ट वीजा पाने के लिए एक इमिग्रेशन सेंटर को एक लाख 50 हजार रुपए का भुगतान किया, लेकिन न तो उसका वीजा लगवाया गया और न ही उसकी राशि वापस की गई। इस मामले पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए महिला के बेटे ने सदर थाना में शिकायत दी है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है और जांच जारी है।

ठगी का तरीका

गांव कुतबपुर निवासी सोनू ने बताया कि उसकी मां रेखा देवी ने विदेश यात्रा की इच्छा व्यक्त की थी और उसने सोचा कि एक टूरिस्ट वीजा उनके लिए उपयुक्त रहेगा। सोनू ने जब विभिन्न इमिग्रेशन सेंटरों की जानकारी इकट्ठा की, तो उसने किंग इमिग्रेशन का चयन किया, जो चंडीगढ़ में स्थित है। इस सेंटर का मालिक विराट तथा उसकी टीम में अन्य सदस्य मीना और राहुल शामिल हैं।

सोनू ने मां का वीजा अप्लाई करने के लिए सेंटर में संपर्क किया। आरोपियों ने भरोसा दिलाया कि उनका वीजा सफलतापूर्वक लगवाने के लिए वे योग्य हैं। इसके बाद उन्होंने सोनू से जबरदस्त वीजा प्रक्रिया के लिए एक लाख 50 हजार रुपए की मांग की। इस राशि के भुगतान के बाद उन्हें एक लिखित आश्वासन दिया गया कि यदि कोई कारणवश वीजा नहीं आता, तो 10 हजार रुपए चार्ज करने के बाद बाकी की राशि वापस कर दी जाएगी।

वीजा की प्रक्रिया में विफलता

आश्वासन के बाद, सोनू और उसकी मां ने अपनी यात्रा की योजना बनाई और वीजा के आने का इंतजार किया। लेकिन जब निर्धारित समय पार हो गया और वीजा नहीं आया, तो सोनू ने रिसेप्शन पर जाकर आरोपियों से संपर्क किया। उसने अपने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने साफ मना कर दिया।

सोनू की मां रेखा देवी निराश होकर घर लौट आईं और अपने बेटे को इस स्थिति के बारे में बताया। सोनू ने फिर से किंग इमिग्रेशन के कार्यालय में जाकर बात करने का निर्णय लिया, लेकिन वहां उसे केवल धमकियां मिली। आरोपियों ने कहा कि अगर वह दोबारा उनके पास आया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

कानून की मदद की आवश्यकता

सोनू को अब अपनी मां के सपने को साकार करने के लिए कोई अन्य रास्ता नहीं दिखा। उसने ठगी की इस घटना को रोकने के लिए पुलिस में शिकायत करने का फैसला किया। उसने जल्दी से अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने सभी तथ्यों का स्पष्ट वर्णन किया।

सदर थाना में शिकायत के बाद, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने कहा कि पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। उन्हें आरोपियों की जड़ों तक पहुंचने और पीड़ित को न्याय दिलाने का भरोसा है।

ठगी की बढ़ती घटनाएं

यह घटना केवल एक उदाहरण है कि कैसे कुछ लोग दूसरे देश जाने की इच्छाओं का फायदा उठाकर ठगी करते हैं। इमिग्रेशन सेवाओं की बढ़ती मांग के चलते, ऐसे फर्जी सेंटर लोगों को धोखा दे रहे हैं। अक्सर, लोग सीमित जानकारी और वीजा प्रक्रियाओं की जटिलताओं के कारण इन ठगों के जाल में फंस जाते हैं।

सरकारी एजेंसियाँ इस मुद्दे पर समय-समय पर जागरूकता फैलाने का प्रयास करती हैं, लेकिन फिर भी, ऐसे मामलों का बढ़ना चिंता का विषय है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग भी इस तरह के ठगी का शिकार बनते हैं, क्योंकि उन्हें विदेशी यात्रा का सपना संजोये रखने के लिए धन की आवश्यकता होती है।

उपाय और सलाह

इस तरह की ठगी से बचने के लिए, लोगों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:

शोध करें: इमिग्रेशन सेंटर या एजेंसी के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त करें। उनके पिछले ग्राहकों से फीडबैक ले या ऑनलाइन समीक्षा पढ़ें।

सत्यापन करें: एजेंसी के रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की स्थिति की जाँच करें।

दस्तावेज की मांग करें: किसी भी तरह की भुगतान करने से पहले उचित दस्तावेज और लिखित संकल्प प्राप्त करना सुनिश्चित करें।

ध्यान रखें: किसी भी एजेंसी से अधिक पैसे मांगने पर संदेह करें और तुरंत रिपोर्ट करें।

समर्थन प्राप्त करें: यदि आपको ठगी का शिकार होना पड़े, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या उपभोक्ता अदालत से संपर्क करें।

आपसी विश्वास का फायदा

कैथल की यह घटना एक स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे कुछ लोग दूसरों की आपसी विश्वास का फायदा उठाते हैं। सोनू और रेखा देवी ने ठगी का सामना करते हुए न केवल न्याय की उम्मीद की है, बल्कि वे अन्य लोगों को भी जागरूक करना चाहेंगे। पुलिस की जांच इस बात पर निर्भर करेगी कि आरोपियों को कानून के शिकंजे में कैसे लाया जा सकता है।

अन्य लोगों को भी इस तरह की ठगी से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए और अपनी मेहनत की कमाई को बचाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।