डंकी रूट से अमेरिका जा रहे अमृतसर के युवक की ग्वाटेमाला में हार्ट अटैक से मौत

अमृतसर, बीएमनएम न्‍यूज : पंजाब के लिए हाल के दिनों में अवैध विदेश यात्रा का मुद्दा गंभीर बन चुका है। हाल ही में अजनाला विधानसभा क्षेत्र के रमदास कस्बे के 33 वर्षीय युवक गुरप्रीत सिंह की डंकी रूट के माध्यम से अमेरिका जाते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। यह घटना न केवल उसके परिवार के लिए एक भयानक झटका है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि युवा किस हद तक जोखिम उठाने को तैयार हैं।

36 लाख रुपये एजेंट को दिए

 

गुरप्रीत सिंह के पिता झिरमल सिंह ने आंसू बहाते हुए बताया कि उनका बेटा मजदूरी करता था और उनके पास छह बहनें थीं। वह परिवार का इकलौता बेटा था और पिछले एक साल से चंडीगढ़ के ट्रैवल एजेंट बलविंदर सिंह के संपर्क में था। एजेंट ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि वह 36 लाख रुपये में डंकी रूट से अमेरिका का बार्डर पार करा देगा, जहां गुरप्रीत हर माह काफी मोटी रकम कमा सकेगा। झिरमल सिंह ने अपने बेटे के सपनों को साकार करने के लिए रिश्तेदारों से पैसे जुटाए और 36 लाख रुपये एजेंट को दिए।

गुरप्रीत को तीन महीने पहले डंकी रूट के जरिए अमेरिका के लिए रवाना किया गया था। कुछ दिन पहले उसने अपने परिवार को फोन कर बताया था कि वह ग्वाटेमाला पहुंच गया है और अब अमेरिका जाने वाला है। लेकिन अचानक कपूरथला के एक व्यक्ति का फोन आया कि गुरप्रीत की मृत्यु हो गई है, जो ग्वाटेमाला के पास दिल का दौरा पड़ने से हुई।

गुरप्रीत के परिवार के अनुसार वह छह साल पहले वर्क परमिट पर इंग्लैंड गया था लेकिन वहाँ किसी तरह की सेटिंग नहीं हो पाने के कारण वापस लौट आया। अब उसका सपना था अमेरिका जाने का। परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील की है कि उनके बेटे का शव भारत लाने में मदद करें, ताकि वह अंतिम संस्कार कर सकें।

गलत रास्ते से विदेश जाने की कोशिश न करें

 

इस पृष्ठभूमि में कुलदीप सिंह धालीवाल, जो कि पंजाब कैबिनेट मंत्री हैं, का बयान भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वे गलत रास्ते से विदेश जाने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से विदेश जाकर भविष्य सुरक्षित नहीं होता। “युवा जितना पैसा विदेश जाने पर खर्च कर रहे हैं, उससे पंजाब में अच्छा कारोबार कर अपनी आजीविका कमा सकते हैं,” उन्होंने कहा। धालीवाल ने यह भी सुनिश्चित किया कि गुरप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर भारत लाने के लिए सरकार पूरा प्रयास करेगी।

यह घटना कई सवाल उठाती है: क्या युवा अपनी जान और धन का ऐसा जोखिम लेते हैं? क्या हमारी एजेंटों के खिलाफ कोई कार्रवाई हो रही है? कई परिवार अवैध तरीकों से विदेश जाने के सपने को सच करने के लिए अपनी सारी जमा पूंजी लुटा देते हैं। यह विचार करना आवश्यक है कि क्या अवैध यात्रा का यह विकल्प वास्तव में सुरक्षित और लाभदायक है।

गुरप्रीत की मौत ने ऐसे कई सवाल खड़े कर दिए हैं जो न केवल उसकी पूरी परिवार के लिए, बल्कि पूरे पंजाब के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। जिस तरह से युवा अवैध तरीके से विदेश जाने के लिए बेचैन हैं, वह एक गंभीर सामाजिक समस्या है। इससे एक ओर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है कि युवाओं को सही मार्गदर्शन, जानकारी और सहायता कैसे प्रदान की जा सकती है, ताकि वे सुरक्षित और वैध तरीके से अपने सपनों को पूरा कर सकें।

गहरे दर्द और शोक में डूबा परिवार

 

इस सबके बीच यह परिवार एक गहरे दर्द और शोक में डूबा हुआ है, और उनकी दुआएं हैं कि उनका बेटा भारत लौट सके। हम सभी को इस बारे में सोचने की जरूरत है कि क्या हम अपने समाज में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कुछ कर सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन की कीमत पर अमेरिका जैसे देशों में पहुंचना चाहता है, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह सही, सुरक्षित और वैध तरीके से ही ऐसा कर सके।

गुरप्रीत सिंह की कहानी अवैध यात्रा के खतरों की एक कड़ी उदाहरण है और इसने न केवल उसके परिवार को, बल्कि पूरे समाज को एक चेतावनी दी है। समय आ गया है कि हम इन मुद्दों पर खुलकर चर्चा करें और एक बेहतर भविष्य के लिए कदम उठाएं। ऐसे और भी युवक हैं जिन्हें सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है, ताकि वे अपने सपनों को सुरक्षित रूप से पूरा कर सकें।

 

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