I.N.D.I.A Alliance: भाजपा की जीत के बाद विपक्षी एकता पर उठे सवाल, डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस

नई दिल्ली, BNM News: I.N.D.I. A Latest Update: तीन राज्यों में करारी हार के अब  बाद विपक्षी एकता के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। पिछले दिनों I.N.D.I.A. गठबंधन में लगातार दरारें की खबरें आईं। पांच राज्यों में सीट बंटवारे पर कांग्रेस पर समाजवादी पार्टी-आम आदमी पार्टी के आरोपों ने I.N.D.I.A. गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठाया था। चुनाव परिणाम (Assembly Election Result) के बाद जेडीयू और सपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा तो आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर हमला (Mamata Banerjee targets Congress) बोला है। रविवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में करारी हार के बाद कांग्रेस ने अचानक डैमेज कंट्रोल करने की पहल की है।

ममता ने कहा, यह कांग्रेस की हार है लोगों की नहीं

मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के सदस्यों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था की कमी के कारण तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हारी है। ममता ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह कांग्रेस की हार है, लोगों की नहीं। कांग्रेस ने तेलंगाना जीत लिया है। वे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जीत सकते थे। कुछ वोट विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए की पार्टियों ने काटे। यह सच है। हमने सीट-बंटवारे की व्यवस्था का सुझाव दिया था। वोटों के बंटवारे के कारण कांग्रेस हार गई। ममता ने कहा कि विचारधारा के साथ-साथ आपको एक रणनीति की भी जरूरत है। अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था बनेगी, तो भाजपा 2024 में सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन अगले साल आम चुनाव से पहले मिलकर काम करेगा और गलतियों को सुधारेगा। हम गलतियों से सीखेंगे। ममता की यह टिप्पणी कांग्रेस को तीन प्रमुख राज्यों – मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हार का सामना करने के बाद आई है।

मिजोरम में कांग्रेस को केवल एक सीट मिली

ममता ने कहा कि कांग्रेस मिजोरम में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही। उसकी एकमात्र जीत तेलंगाना में है, बाकी सभी जगहों पर हार गई है। विधानसभा चुनाव के इस दौर में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने कई सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ा था। कई लोगों ने बताया है कि इससे वोटों में विभाजन हुआ और भाजपा को फायदा हुआ है।

जेडीयू ने लगाया अन्य पार्टियों को नजरअंदाज करने का आरोप

आइएनडीआइए के कई सहयोगियों ने चुनावों से पहले खुद को दूर करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। जनता दल-यूनाइटेड के केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस ने गठबंधन की अन्य पार्टियों को नजरअंदाज किया, लेकिन वह अपने दम पर जीतने में असमर्थ रही। केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता पिनाराई विजयन ने कहा कि हिंदी पट्टी में भाजपा से मुकाबला करते समय साथ मिलकर लड़ना जरूरी है।

अहंकार की वजह से हारी कांग्रेसः सपा

विधानसभा नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल जोर-शोर से शुरू हो गया। सपा कांग्रेस पर उसके अहंकार और कमलनाथ के ‘अखिलेश-वखिलेश’ तंज के लिए आरोप लगा रही है। इससे पिछड़े वर्ग के मतदाता अपमानित महसूस कर रहे हैं। सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने एसपी के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला किया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार के लिए सपा को जिम्मेदार ठहराना राज्य नेतृत्व का सरासर अहंकार है। मध्य प्रदेश में पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस और सपा के बीच तीखी नोकझोंक चलती रही, जब मतदान से ठीक 90 दिन पहले कांग्रेस ने अघोषित रूप से सपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया।

डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस ने बुलाई बैठक

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने छह दिसंबर को I.N.D.I.A. गठबंधन की मीटिंग बुलाई है। लगभग तीन महीने के अंतराल के बाद गठबंधन की बैठक हो रही है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। लेकिन इससे पहले कांग्रेस को मीटिंग में अपने सहयोगी दलों के सख्त सवालों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही चुनाव में मिली हार के बाद अब कांग्रेस की सहयोगियों पर दबाव भी कम हो सकती है।

सीटों के लिए कांग्रेस को करना पड़ सकता है समझौता

अब क्षेत्रीय दलों का दबाव कांग्रेस पर बढ़ेगा कि वह अपनी पूरी ताकत इन सीटों पर लगाए और बाकी क्षेत्रीय दल अपने-अपने मजबूत राज्यों में लड़ें जिसमें कांग्रेस को सीटों के लिए समझौता करना पड़ सकता है। इस तरह एसपी, टीएमसी, आरजेडी, जेडीयू, डीएमके जैसे दलों का प्रभुत्व इंडिया गठबंधन में बढ़ेगा। साथ ही संयोजक जैसे पदों की नियुक्ति का दबाव भी बढ़ेगा। इंडिया गठबंधन के कई दल बीते दिनों आरोप लगा चुके हैं कि कांग्रेस मनमानी कर रही है और उनके स्पेस को स्वीकार नहीं रही है। अगर रविवार को कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करती तो उनके आरोप नेपथ्य में चले जाते लेकिन चूंकि कांग्रेस कमजोर हुई है तो अब उसे इन आरोपों का जवाब देना होगा।

You may have missed