लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी 46 सांसद सस्पेंड, विपक्ष के अब तक 92 सांसद पर एक्शन
नई दिल्ली, एजेंसी। Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को भी दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों का जमकर हंगामा देखने को मिला। संसद की सुरक्षा में सेंधमारी के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जवाब की मांग को लेकर हंगामा करने को लेकर अब तक कुल 81 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। शुक्रवार को दोनों सदनों से कुल 14 सांसदों के निलंबन के बाद सोमवार को स्पीकर ने लोकसभा से 35 और सांसदों को निलंबित कर दिया। दूसरी ओर राज्यसभा में भी हंगामा मचाने को लेकर सभापति ने 46 सांसदों को निलंबित कर दिया है। इस तरह से देखें तो अब तक 92 सांसदों पर एक्शन लिया जा चुका है। राज्यसभा के निलंबित किए गए सांसदों में जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी, रामगोपाल यादव, मनोज झा, कनिमोझी, रणदीप सुरजेवाला, के.सी. वेणुगोपाल, शांतनु सेन, महुआ मांझी, अमी याग्निक, इमरान प्रतापगढ़ी, नारायण भाई राठवा, शक्ति सिंह गोहिल, रजनी पाटिल, सुखेंदु शेखर, नदिमुल हक, एन. षणमुगम, नसीर हुसैन, फुलोदेवी नेताम, मौसम नूर, समिरुल इस्लाम, रंजीत रंजन, फैयाज अमजद, रामनाथ ठाकुर, अनिल हेगड़े, वंदना चव्हाण, जावेद अली खान, जोस के मणि और अजीत कुमार शामिल हैं।
इन सांसदों को किया गया निलंबित
लोकसभा में स्पीकर की ओर से जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का नाम भी शामिल हैं। इसके साथ-साथ कांग्रेस और टीएमसी समेत कई विरोधी पार्टियों के सांसद शामिल हैं। सौगत रॉय और दयानिधि मारन को भी निलंबित कर दिया गया है। निलंबित अन्य सांसदों में कल्याण बनर्जी, गौरव गोगोई, अपरूपा पोद्दार, ए. राजा, प्रसून बनर्जी, जी. सेल्वम, ई.टी. मोहम्मद बशीर, सीएन अन्नादुरई, डॉ. टी. सुमाथी, के. नवासकानी, कलानिधि वीरस्वामी, एन.के. प्रेमचंद्रन, शताब्दी रॉय, असित कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, एंटो एंटनी, एसएस पलानीमनिकम, थिरुनावुक्कारासर, प्रतिमा मंडल, के. मुरलीधरन, काकोली घोष दस्तीदार, सुनील कुमार मंडल, एस. रामलिंगम, के. सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन और टीआर बालू शामिल हैं।
सांसद तख्ती लेकर कर रहे थे प्रदर्शन
दरअसल, सत्र शुरू होने के बाद विपक्षी सांसद संसद की सुरक्षा में सेंधमारी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसमें कई सांसद ऐसे थे जो तख्तियां लेकर विरोध करने पहुंचे थे। इन सांसदों को सदन की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है। वहीं, लोकसभा सांसद अब्दुल खालिक, के जयाकुमार और विजय वसंत के निलंबन का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है। विपक्षी सांसद इस बात पर अड़े हैं कि संसद की सुरक्षा में सेंधमारी मामले को लेकर गृहमंत्री अमित शाह को सदन में बयान देना चाहिए।
मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर साधा निशाना
विपक्षी सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा है कि सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया, फिर सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। यह निरंकुश मोदी सरकार सांसदों को निलंबित कर लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक रही है। बिना विपक्षी सांसदों के संसद के साथ सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचला जा सकता है।
ममता बनर्जी ने भी बोला हमला
सांसदों के निलंबन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निशाना साधा। ममता ने कहा कि अगर विपक्ष के सभी सांसदों को निलंबित ही कर दिया जा रहा है तो फिर वो अपनी आवाज कैसे उठाएंगे? संसद में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पारित होने वाले हैं। सांसदों के ग्रुप में निलंबित करना कोई तरीका नहीं है।
मनोज झा की तल्ख टिप्पणी
राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि मैं भी उनमें शुमार हूं। इसे गर्व की तरह ले रहा हूं कि मैं निलंबित हूं। जब काला दौर होता है ना तब तानाशाहों को ऐसी ही संसद चाहिए।…. आपसे हम सवाल पूछ रहे हैं, मसला सिर्फ देश की सुरक्षा का है संसद की इमारत का नहीं है। एक आधिकारिक बयान नहीं दे सकते? आप क्या चाहते हैं? विपक्ष मुक्त संसद आपने बना लिया। जो बचे हैं उन्हें कल कर (निलंबित) देना। ये दौर याद रखा जाएगा कि जबसे प्रधानमंत्री मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में आए हैं बहुत कमजोर हो गए हैं। कमजोर व्यक्ति ही संसदीय कार्य मंत्री द्वारा इस प्रकार की हरकतों को प्रोत्साहित करता है और करवाता है।
मोदी जी को विपक्ष का चेहरा बर्दाश्त नहीं
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मेरी प्रधानमंत्री मोदी को एक सलाह है कि वे ये लोकतंत्र, सदन, सांसद का सारा ढोंग छोड़ दें, अपनी तानाशाही चलाएं क्योंकि असलियत ये है कि हर वो व्यक्ति जो अपनी लोकतांत्रिक ड्यूटी निभाते हुए लोकतंत्र के मंदिर में सवाल पूछेगा उस सांसद को निलंबित किया जाएगा। मोदी जी को विपक्ष का चेहरा बर्दाश्त नहीं है। पहले आपने 15 और अब 31 सांसद निलंबित कर दिए। ये कितनी बड़ी विडंबना है कि विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी तक को निलंबित कर दिया। सदन में अगर विपक्ष की आवाज ही नहीं होगी तो सदन और लोकतंत्र का मतलब क्या है?