अनिल विज ने भेजा नोटिस का जवाब, हरियाणा में गरमाया माहौल, क्या होगी कार्रवाई ?

नरेन्द्र सहारण, अंबाला : हरियाणा के परिवहन, ऊर्जा और श्रम मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की कार्यप्रणाली पर की गई टिप्पणी के संदर्भ में जारी नोटिस का जवाब भेज दिया है। यह उत्तर विज ने एक विस्तृत आठ पन्ने के दस्तावेज में प्रस्तुत किया है, लेकिन उन्होंने इस जवाब को मीडिया में सार्वजनिक करने से मना कर दिया है।
तीखे सवाल उठाए
यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब विज ने पहले ही नायब सीएम और पार्टी अध्यक्ष पर तीखे सवाल उठाए थे। विज ने साफ तौर पर कहा कि जब से नायब सीएम बने हैं, तब से वो उड़नखटोले पर उड़ रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि उन्हें जनता के दुख-दर्द का कोई अनुभव नहीं है। उनकी इस टिप्पणी ने हरियाणा की राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है।
विज ने कहा कि उनके जवाब देने की प्रक्रिया में एक खास बात यह रही कि उन्हें नोटिस के मीडिया में लीक होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इतना सीक्रेट कम्यूनिकेशन था, यह सवाल उठता है कि इसे लीक करने वाला कौन है, जो कि जांच का विषय है।
तीन दिन के अंदर उत्तर प्रस्तुत कर दिया
मंत्री विज ने बताया कि उन्हें मीडिया के माध्यम से नोटिस की जानकारी मिली, जिसके जवाब में उन्होंने तीन दिन के अंदर अपना उत्तर प्रस्तुत कर दिया। अपने जवाब देने के बाद उन्होंने कहा, “मैं बेंगलूरू से रात्रि को आया, ठंडे पानी से स्नान किया, रोटी खाई और बैठकर अपने उत्तर को तैयार किया।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी और विषय पर भी उनका उत्तर चाहिए तो वे उसे भी लिखकर देंगे।
अब अनिल विज के इस विरोधाभासी उत्तर के बाद अगला कदम पार्टी के नेतृत्व पर टिका है। यह चर्चा का विषय है कि क्या पार्टी उनके जवाब की गंभीरता को स्वीकार करेगी या और भी कार्रवाई करेगी।
कैथल जिले की बैठक स्थगित
इसके साथ ही, अनिल विज ने 14 फरवरी को कैथल जिले के फरियादियों के लिए आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक के स्थगित होने की भी घोषणा की है। इस बैठक को आचार संहिता के चलते रद्द कर दिया गया है, जो कि चुनावी माहौल में निर्णय लिया गया है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, यह निर्णय सभी संबंधित पक्षों की सहमति से लिया गया है।
विज ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे स्वयं कष्ट निवारण समिति की बैठकों में जाने से परहेज करेंगे क्योंकि उनके अनुसार अधिकारी उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। यह उनके भीतर की नाराजगी और पार्टी के प्रति उनकी स्थिति को दर्शाता है। उनके इस बयान से यह अफवाहें भी फैल रही हैं कि शायद पार्टी के भीतर किसी प्रकार का राजनीतिक संकट उत्पन्न हो रहा है।
हरियाणा में राजनीतिक टकराव की यह स्थिति न केवल अनिल विज के बयानों से, बल्कि उनके और पार्टी के बीच के संबंधों में खटास से भी स्पष्ट होती है। उन्होंने बड़ौली के संबंध में भी कहा था कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। यह बयान इस ओर इशारा करता है कि विज अब अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर गंभीर हैं और वे किसी भी तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अनुशासनहीनता का नोटिस जारी
कसौली दुष्कर्म कांड के संदर्भ में विज का बयान भी महत्वपूर्ण है। उनके बयान के बाद प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया गया, जिसमें विज से तीन दिन में जवाब मांगा गया था। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि हरियाणा की राजनीति में अंदरूनी टकराव और विचारों का भिन्नता किस प्रकार से अपने प्रभाव को दिखा रहा है।
हरियाणा की राजनीतिक गलियों में किसी भी समय नई घटनाएं घटित हो सकती हैं। अनिल विज की इस स्थिति ने सभी के लिए एक नया दृष्टिकोण खोला है कि वे किस दिशा में बढ़ने का इरादा रखते हैं। साथ ही, यह भी संकेत करता है कि पार्टी के भीतर आपसी मतभेद भी किसी न किसी रूप में बाहरी दुनिया के सामने आ सकते हैं।
इस समय हरियाणा में चुनावी माहौल के चलते विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है। ऐसे में अनिल विज का यह कदम और उनके बयानों को लेकर राजनीतिक पर्यवेक्षक और कार्यकर्ता ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। संभावित प्रतिक्रियाओं के इस दौर में विज का भविष्य और उनकी पार्टी में स्थिति दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। हरियाणा की राजनीति के इस नये अध्याय में क्या मोड़ आता है, यह देखने वाली बात होगी।
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