कलायत नगर पालिका में भाजपा की टिकट की आस ने थामी सियासी सरगर्मी की रफ्तार

नरेन्‍द्र सहारण, कलायत:  कलायत नगर पालिका के चार दशक के इतिहास में पहली बार चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद सियासी माहौल अपेक्षित उफान नहीं दिखा रहा है। सामान्यतः चुनावी बिगुल बजने के बाद समुदाय में जोश और रोमांच होता है, लेकिन इस बार चुनावी सरगर्मी मंद पड़ी है। विभिन्न वार्डों में आमतौर पर प्रचार-प्रसार का माहौल गर्म हो जाता था, दीवारों पर चुनावी पोस्टरों का बोलबाला होता था और लोग अपने पसंदीदा प्रत्याशियों की समर्थन में खड़े दिखाई देते थे। लेकिन इस बार स्थिति में एक अनोखा बदलाव देखने को मिल रहा है।

टिकट के लिए लाइन में लगे

 

कुछ महीनों पहले तक चुनाव के प्रति उत्साह बढ़ाने के लिए प्रत्याशियों के बीच टिकट पाने की होड़ शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार अधिकांश भावी प्रत्याशी राजनीतिक दलों की चौखट पर टिकट के लिए लाइन में लगे हैं। कलायत शहर से मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा ने प्रधान पद के लिए 11 उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त किए हैं। इनके बीच अपनी जीत का विश्वास पाते हुए दावा किया जा रहा है कि वे सभी प्रबल प्रत्याशी हैं। हालांकि, केवल एक ही व्यक्ति को टिकट मिलने की संभावना है। इसके बावजूद कोई भी अपने सपने को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। दिलचस्प बात है कि जो उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, वे फिलहाल नामांकन प्रक्रिया में नहीं जुटे हुए हैं। उनका लक्ष्य राजनीतिक दलों की परिस्थितियों को देखना है और उसी के अनुसार चुनावी खेल में उतरना है।

नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत

नगर पालिका में नामांकन प्रक्रिया 11 फरवरी से आरंभ हो चुकी है। पहले दिन केवल वार्ड 10 से एक नामांकन पत्र दाखिल किया गया है। नामांकित उम्मीदवार संजय सिंगला, जो वार्ड के नंबरदार हैं, ने चुनावी प्रक्रिया में भाग लिया है। इस दौरान उप मंडल मुख्यालय में चुनाव अधिकारी कृष्ण कुमार और सहायक चुनाव अधिकारी दिनेश ढिल्लो ने नामांकन की प्रक्रियाओं का संचालन किया। सुरक्षा के मामले में, उप मंडल मुख्यालय परिसर में बैरिकेडिंग की गई और पुलिस जवान तैनात किए गए हैं।

भाजपा के लिए पार्षद पद के लिए कुल 26 आवेदन किए गए हैं। पार्टी ने नपा प्रधान के साथ-साथ पार्षदों के चुनाव को पार्टी चिन्ह पर लड़ने की रणनीति बनाई है। मंडल अध्यक्ष राजीव राणा और सदस्यता अभियान के संयोजक रवींद्र धीमान कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर वार्डों से आवेदन संकलित कर रहे हैं। राणा ने जानकारी दी कि मंगलवार शाम तक 26 लोगों ने पार्षद पद के लिए आवेदन दिए हैं, जिन्हें पार्टी के जिला कार्यालय में जमा किया जाएगा।

नामांकन पंजीकरण की अनियमितताएं

 

नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन कुछ अप्रत्याशित घटनाएं भी देखने को मिलीं। उप मंडल मुख्यालय के सरकारी डेस्क पर कलायत नगर पालिका के बजाय ऐलनाबाद नगर पालिका चुनाव 2022 का नामांकन फार्म उपलब्ध कराया गया था। जब एक प्रत्याशी ने इसे भरने की कोशिश की, तो अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की और पुराने नामांकन फार्म को हटा दिया तथा नए फार्म उपलब्ध करवाए।

चुनाव अधिकारी कृष्ण कुमार ने जानकारी दी कि पहले दिन केवल एक नामांकन पार्षद पद के लिए वार्ड 10 से आया है। 12 फरवरी को सरकारी अवकाश के कारण नामांकन प्रक्रिया में स्थगन रहेगा।

नो ड्यूज का महत्व

नगरपालिका चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही प्रत्याशी विभिन्न आवश्यक दस्तावेजों को पूरा करने में जुट गए हैं। नगरपालिका कार्यालय में “नो ड्यूज” प्रमाणपत्र के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। लोग नगरपालिका, बिजली घर और जन स्वास्थ्य विभाग जैसे विभिन्न स्थानों पर जाकर अपने बकाया बिलों का भुगतान कर “नो ड्यूज” प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रक्रिया आवश्यक है क्योंकि बिना नो ड्यूज के किसी भी प्रत्याशी का नामांकन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

नगरपालिका सचिव दीपक कुमार ने इस प्रक्रिया की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि नामांकन के लिए नो ड्यूज प्रमाणपत्र अनिवार्य है। लोगों की सुविधा के लिए विशेष काउंटर की व्यवस्था की गई है, जहाँ कर्मचारियों की तैनाती की गई है ताकि लोग आसानी से अपने प्रापर्टी टैक्स का भुगतान कर सकें।

आने वाले दिनों में क्या हो सकता है

चुनावों की प्रक्रिया 17 फरवरी तक जारी रहेगी, जिसमें प्रत्याशियों को अपने-अपने आवेदन पत्र जमा करने का मौका मिलेगा। यहाँ तक कि 2 मार्च को होने वाले नगर पालिका सीवन के चुनाव की तैयारियाँ चल रही हैं। प्रत्याशियों का चुनावी माहौल में अपने-अपने दावों और नारों के साथ आगे बढ़ना आवश्यक है, ताकि वे चुनाव में अपने प्रशंसकों का प्रभावी समर्थन जुटा सकें।

चुनाव की इस परिस्थिति में, कई सवाल उठते हैं। क्या राजनीतिक दलों के प्रति अपेक्षाकृत अधिक ध्यान केंद्रित होने से निर्दलीय प्रत्याशियों की स्थिति कमजोर हो जाएगी? या फिर आम जनता के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी? ये सब बातें आने वाले दिनों में स्पष्ट होंगी, जब उम्मीदवारों की ओर से और अधिक नामांकन और चुनावी प्रचार देखने को मिलेगा।

इस बार की नगरपालिका चुनावी प्रक्रिया अपने ही प्रकार की है—यह देखना होगा कि क्या यह चुप्पी चुनावी नतीजों पर प्रभाव डालेगी, या फिर आने वाले दिनों में चुनावी मैदान में जोड़-तोड़ और तनाव घटित होगा। कलायत नगर पालिका का चुनाव निश्चित रूप से राजनीतिक गतिविधियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण मोड़ साबित होगा, और सभी की निगाहें इस पर टिकी रहेंगी।

 

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