Animal Box Office Collection : ‘एनिमल’ ने तोड़े सफलता के रिकॉर्ड, दो दिन में 130 करोड़ से अधिक की कमाई
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज । Animal Box Office Collection : अभिनेता रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ रिलीज होने से जनता में इसका क्रेज जबरदस्त है। एडवांस बुकिंग से ही तय दिख रहा था कि फिल्म पहले दिन तगड़ी ओपनिंग मिलेगी। पहले ही दिन 63 करोड़ रुपये से ज्यादा कुल कमाई करने वाली ‘एनिमल’ रणबीर कपूर के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग लेकर आई है। दिए गए आंकड़ों के मुताबिक शनिवार तक फिल्म ने 130 करोड़ रुपये तक की कमाई कर ली। फिल्म ने रणबीर को सुपरस्टार की लिस्ट में शामिल कर लिया है। यह फिल्म उनके करियर की सबसे बड़ी फिल्म बनने के रास्ते पर चल पड़ी है। फिल्म की धमाकेदार कामयाबी के साथ यह एलीट लिस्ट का हिस्सा बन चुकी है। शाहरुख खान की ‘पठान’ और ‘जवान’, यश की ‘KGF 2’ और सलमान खान की ‘टाइगर 3’ ने अभी तक 2 दिन में 100 करोड़ रुपये का नेट कलेक्शन किया था। रणबीर की ‘एनिमल’ 2 दिन में 100 करोड़ कमाने वाली पांचवी हिंदी फिल्म बन गई है।
सफलता के रिकॉर्ड तोड़ेगी यह फिल्म
संदीप रेड्डी वांगा द्वारा निर्देशित फिल्म एनिमल में रणबीर कपूर, रश्मिका मंदाना, अनिल कपूर और बॉबी देओल मुख्य भूमिका में हैं। सैकनिल्क (Sacnilk.com) के अनुसार, फिल्म ने शनिवार को भारत में 66 करोड़ से अधिक की कमाई की। इस फिल्म में शक्ति कपूर और तृप्ति डिमरी भी हैं। सैकनिल्क (Sacnilk.com) के मुताबिक, एनिमल ने शुक्रवार को 63.8 करोड़ रुपये कमाए। इसने हिंदी में 54.75 करोड़, तेलुगु में 8.55 करोड़, तमिल में 40 लाख, कन्नड़ में 9 लाख, मलयालम में एक लाख रुपये कमाए। एनिमल के दूसरे दिन सभी भाषाओं में भारत में 66 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की।
क्या है फिल्म में
संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म एनिमल सारी अपेक्षाओं को पार करते हुए साढ़े तीन घंटे का एंटरटेनमेंट देती है और आपको सोचने के लिए बहुत कुछ दे जाती है। बहुत लोग इस फिल्म से भारी तरीके से असहमत होंगे और बहुत से लोगों को यह बहुत पसंद आएगी, इसी में इस फिल्म की सफलता है। ना तो आप दिमाग घर पर छोड़कर देखने जाते हैं, ना ही देखकर आने के बाद आपके दिमाग से यह फिल्म निकलती है, यह ट्रैजडी की फिल्म है, यह मुहब्बत की फिल्म है, यह हमारे एनिमल इंस्टिंक्ट की फिल्म है।
हीरो रणविजय सिंह यह समझ ही नहीं पाता कि दुख जीवन का हिस्सा है, प्यार ना पाना भी जीवन का हिस्सा है। वह स्वीकार ही नहीं कर पाता और जीवन भर उस दुख को मिटाने का प्रयत्न करता है। कभी प्यार से, कभी हिंसा से, जिस पिता को बचाने के लिए पूरी दुनिया को आग लगा देता है, सबको मारकर जब खून से लथपथ सिकंदर की तरह अपने बाप के पास वापस आता है- शाबासी पाने के लिए, प्यार पाने के लिए तो पाता है कि उसके पिता को ब्लड कैंसर है और उसके पास तीन महीने से लेकर छह महीने का ही वक्त है। यहां पर वो जो बिखरता है और अपने चाचा शक्ति कपूर की गोद में मुंह छुपाकर फूट फूटकर जो रोता है, वो संदीप रेड्डी का अचीवमेंट है।
रणविजय को अपने बाप का प्यार नहीं मिला है, मिला तो दुत्कार और अस्वीकार्यता। पिता ने अपनी मेहनत से विरासत खड़ी की है और वह अपनी जगह पर सही है, बेटा उस विरासत को नहीं समझता, वह पिता को समझाना चाहता है कि बेटा ही उसकी सबसे बड़ी विरासत है, इस कमी की भरपाई के लिए वो बचपन के कथित प्यार को उसकी शादी से उठाकर लाता है और फिर अपने परिवार की नाराजगी के बावजूद शादी कर लेता है। उसे अद्भुत तरीके से प्यार करता है, उसकी इज्जत करता है, उसे सम्मान करता है, उसे लेकर अमेरिका चला जाता है एक सुंदर जिंदगी जीने के लिए लेकिन उसे वैलिडेशन तो अपने पिता का ही चाहिए, इसके लिए वो अमेरिका से वापस आता है। सुंदर जिंदगी छोड़कर हिंसा चुनता है और अपनी जान से प्यारी पत्नी को बेइज्जत तक कर देता है।
वह अपने जीवन की हर चीज दांव पर लगा देता है। एक शांत आदमी और एक बेचैन आदमी के बीच सिर्फ एक चीज का फर्क होता है। बेचैन आदमी बेचैन जानवर की तरह होता है और शांत आदमी शांत जानवर की तरह। यही फर्क है अनिल कपूर और रणवीर कपूर के कैरेक्टर में। यह कैरेक्टर लोगों को इसीलिए पसंद आ रहा है कि वह कुछ नहीं छुपाता है। छुपाना नहीं जानता, वह सीखता ही नहीं है, बिल्कुल आदिम प्रवृत्ति का मानव है।
क्या हैं फिल्म में कमियां
बॉबी देओल का विलेन रोल इतना शानदार है कि उसका कम देर रहना खलता है। इसी तरह उस कैरेक्टर के भाई का मोटिव क्लियर नहीं होता और उसके बैकग्राउंड के बारे में कुछ पता नहीं चलता। मारा जाता है। उससे ज्यादा पता चलता है एक छोटे से दृश्य में बॉबी के छोटे भाई के बारे में।