मोदी सरकार का बुजुर्गों को सौगात, 70 साल से ऊपर के सभी को आयुष्मान योजना का लाभ, जानें -सबकुछ

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः मोदी सरकार ने बुजुर्गों को बड़ी सौगात दी है। कैबिनेट ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) का विस्तार करते हुए 70 साल या उससे ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा देने को मंजूरी दे दी है।

आखिर इससे बुजुर्गों को कैसे फायदा होगा? ये योजना कैसे काम करेगी? अगर किसी के पास पहले से कोई हेल्थ कवर है तब क्या होगा? अगर बुजुर्ग का परिवार पहले से ही आयुष्मान भारत के तहत कवर है तो उस स्थिति में क्या होगा? आइए जानते हैं ऐसे सभी सवालों के जवाब।

किसको मिलेगा लाभ?

70 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के सभी सीनियर सिटिजंस को इसका लाभ मिलेगा।

कितने लोगों को लाभ मिलेगा?

इस योजना के तहत करीब 6 करोड़ सीनियर सिटिजंस को फायदा मिलेगा।

बुजुर्ग का परिवार अगर पहले से आयुष्मान योजना में कवर हो तब?

ऐसी स्थिति में बुजुर्ग को 5 लाख रुपये का अतिरिक्त टॉप अप मिलेगा। यह सिर्फ और सिर्फ उसके लिए होगा, जो परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शेयर नहीं होगा। आयुष्मान योजना के तहत अर्ह परिवार को कुल मिलाकर 5 लाख रुपये सालाना का हेल्थ कवर मिलता है।

अगर किसी परिवार में एक से ज्यादा बुजुर्ग हों जो 70 वर्ष से ऊपर हो तब?

अगर किसी परिवार में 70 साल से ज्यादा उम्र के एक से ज्यादा बुजुर्ग हैं तो उन्हें 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस साझा करना होगा।

अगर बुजुर्ग पहले से ही किसी सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का लाभ उठा रहे हों तो ?

ऐसे बुजुर्ग जो पहले से ही किसी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना जैसे सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS), एक्स-सर्विसमेन कंट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ECHS), आयुष्मान सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (ACAPF) वगैरह का लाभ ले रहे हैं तो उन्हें उस योजना और AB-PMJAY में से किसी एक को चुनना होगा। अगर वे चाहे तो पहले से जिस सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ ले रहे हैं, उसे जारी रख सकते हैं लेकिन उस स्थिति में उन्हें AB-PMJAY का लाभ नहीं मिलेगा।

अगर किसी बुजुर्ग ने प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ले रखा हो तब?

अगर किसी बुजुर्ग ने प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ले रखा हो तब भी उन्हें AB-PMJAY योजना का लाभ मिलेगा।

आयुष्मान योजना के इस विस्तार को लागू करने पर कितना खर्च आएगा?

इस योजना पर सरकार शुरुआती तौर पर 3,437 करोड़ रुपये खर्च करेगी। हालांकि, जैसे-जैसे इस योजना की मांग बढ़ेगी यानी बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी, उसी अनुपात में इसका कवरेज भी बढ़ाया जाएगा।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों में इस स्कीम का 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। बाकी राज्यों में केंद्र 60 प्रतिशत खर्च उठाएगा और राज्य 40 प्रतिशत।

क्यों महत्वपूर्ण है सरकार की ये योजना?

इस योजना से बुजुर्गों की स्वास्थ्य को लेकर चिंता खत्म होगी। 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में तब 60 साल से ज्यादा उम्र के 7.7 करोड़ बुजुर्ग जो देश की कुल आबादी के 7.5 प्रतिशत थे।

मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस ऐंड एम्पावरमेंट की बुजुर्गों के लिए एनुअल ऐक्शन प्लान (2022-23) के मुताबिक, 2021 में सीनियर सिटिजंस की तादाद करीब 14 करोड़ थी और जनसंख्या में उनकी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से ऊपर थी।

लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी इंडिया (LSAI) के अनुसार 2050 तक देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों की आबादी कुल आबादी का 19.5 प्रतिशत हो सकता है। साफ है कि आने वाले वर्षों में बुजुर्गों की तादाद तेजी से बढ़ेगी। ऐसे में इस योजना से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

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