बबीता फोगाट का साक्षी मलिक पर पलटवार: बोलीं-किताब के चक्कर में ईमान बेच गई

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana News: हरियाणा की रेसलर साक्षी मलिक की हाल ही में लॉन्च हुई ऑटोबायोग्राफी ‘विटनेस’ में किए गए खुलासों से विवाद खड़ा हो गया है। साक्षी मलिक ने अपनी किताब में दावा किया है कि भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के आंदोलन को बीजेपी नेता और रेसलर बबीता फोगाट ने उकसाया था। साक्षी ने आरोप लगाया कि बबीता ने उन्हें आंदोलन के लिए प्रेरित किया और जंतर-मंतर पर धरने की परमिशन दिलाई, क्योंकि बबीता खुद WFI की अध्यक्ष बनना चाहती थीं।

अब इस विवाद पर बबीता फोगाट ने साक्षी मलिक पर पलटवार किया है। बबीता ने सोशल मीडिया पर साक्षी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि साक्षी अपनी किताब बेचने के लिए झूठे आरोप लगा रही हैं और उन्होंने ‘उधार की रोशनी’ में चमकने की कोशिश की है। इस विवाद ने रेसलिंग समुदाय के भीतर गहरे मतभेदों को उजागर कर दिया है।

बबीता फोगाट के बयान की मुख्य बातें
1. साक्षी के आरोप बेबुनियाद

बबीता फोगाट ने अपने बयान में साक्षी मलिक के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि साक्षी बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं। बबीता ने तंज कसते हुए कहा, “साक्षी कल यह भी कह सकती हैं कि यौन शोषण के आरोप भी मैंने लगवाए हैं। वह यह भी कह सकती हैं कि शोषण मैंने किया है।” बबीता ने यह भी कहा कि आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवॉर्डों को जमीन पर रखने का प्लान भी उन पर थोपने की कोशिश की जा रही है, जबकि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है।

2. कांग्रेस से साक्षी के कनेक्शन पर सवाल

 

बबीता फोगाट ने साक्षी के राजनीतिक कनेक्शन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि धरने के दौरान प्रियंका गांधी ने खाना किसके लिए भेजा और दूसरी बार धरने की परमिशन किसने दिलाई। बबीता ने आरोप लगाया कि साक्षी के आरोपों के पीछे कांग्रेस नेताओं का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि साक्षी को किताब लॉन्च करने के लिए भी उनके (बबीता) नाम का सहारा लेना पड़ा। बबीता ने मजाकिया लहजे में कहा, “शायद उन्हें मेरे नाम से ज्यादा प्यार हो गया है!”

3. WFI अध्यक्ष बनने के आरोपों का खंडन

 

साक्षी मलिक ने अपनी किताब में बबीता पर WFI का अध्यक्ष बनने की महत्वाकांक्षा रखने का आरोप लगाया था। इस पर बबीता ने साफ कहा कि उनके पास किसी भी तरह का पद नहीं है, और उन्हें किसी पद की जरूरत भी नहीं है। बबीता ने कहा, “साक्षी खुद एक इंटरव्यू में कह चुकी हैं कि वह WFI की अध्यक्ष बन सकती हैं। फिर मुझ पर आरोप क्यों?” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कई बड़े पदों का त्याग किया है, जिनमें सब-इंस्पेक्टर और डिप्टी डायरेक्टर स्पोर्ट्स का पद शामिल हैं। बबीता ने यहां तक कहा कि अगर उनके पास कोई पद होता तो वह उसे साक्षी को दे देतीं।

साक्षी मलिक की सफाई

 

साक्षी मलिक ने इस पूरे विवाद पर अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनकी किताब के तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है और किताब के नाम पर वे बातें बताई जा रही हैं जो उसमें शामिल ही नहीं हैं। साक्षी ने बबीता पर लगाए गए आरोपों पर किसी तरह की मंशा का खंडन किया और कहा कि उन्होंने केवल वही बातें कही हैं जो उन्होंने महसूस कीं।

बबीता के समर्थन में गीता फोगाट और पिता महावीर फोगाट

 

विवाद के बीच बबीता की बहन और मशहूर रेसलर गीता फोगाट ने भी अपनी बहन का समर्थन किया। गीता ने कहा कि बबीता ने अपनी मेहनत से कुश्ती और राजनीति में मुकाम हासिल किया है और किसी पद का लालच नहीं रखा। उन्होंने यह भी कहा कि सब जानते हैं कि अध्यक्ष बनने का लालच किसके अंदर था।

बबीता और गीता के पिता महावीर फोगाट ने भी साक्षी के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। महावीर फोगाट ने आरोप लगाया कि साक्षी, कांग्रेस नेताओं दीपेंद्र हुड्डा और प्रियंका गांधी की भाषा बोल रही हैं। उन्होंने कहा कि बबीता का WFI अध्यक्ष बनने का कोई उद्देश्य नहीं था, बल्कि वह खिलाड़ियों के पक्ष में खड़ी थीं। महावीर फोगाट ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस साक्षी के माध्यम से राजनीति कर रही है और खिलाड़ियों के आंदोलन को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है।

हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष का समर्थन

 

हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी इस मामले में बबीता के समर्थन में उतर आए। उन्होंने कहा कि बबीता फोगाट एक ईमानदार और मेहनती नेता हैं और खिलाड़ी होने के नाते उन्होंने हमेशा सही सोच के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से अपील की कि वे एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ें और बेवजह के आरोप-प्रत्यारोप से बचें।

विनेश फोगाट की प्रतिक्रिया

विनेश फोगाट, जो इस विवाद में एक प्रमुख चेहरा हैं, ने भी बबीता के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी तरह का लालच नहीं रखा और उनकी लड़ाई केवल न्याय के लिए थी। विनेश ने कहा कि जब तक दोषी को सजा नहीं मिल जाती, लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर अपने साथी खिलाड़ियों के लिए आवाज उठाना लालच है, तो वह इस लालच को अच्छा मानती हैं।

साक्षी की आपबीती: करियर खत्म होने का डर

साक्षी मलिक ने एक वीडियो में अपने करियर की शुरुआती मुश्किलों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 2012 में उनके साथ हुए हैरेसमेंट के बाद वह आवाज उठाने से डरती थीं, क्योंकि उन्हें अपने करियर के खत्म हो जाने का डर था। साक्षी ने कहा कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण पर तब तक कार्रवाई नहीं होगी, जब तक वह अपने पद से हट नहीं जाते। उनका आंदोलन किसी सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि बृजभूषण के खिलाफ है।

साक्षी मलिक की ऑटोबायोग्राफी से शुरू हुआ यह विवाद केवल व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक रंग भी ले चुका है। जहां साक्षी और विनेश फोगाट जैसे खिलाड़ी अपनी लड़ाई को न्याय के लिए बता रहे हैं, वहीं बबीता फोगाट और उनके समर्थक इसे राजनीति से प्रेरित आरोप मान रहे हैं। दोनों पक्ष अपनी-अपनी सच्चाई को लेकर अड़े हुए हैं, लेकिन इस विवाद ने रेसलिंग समुदाय के भीतर गहरे मतभेदों को सार्वजनिक कर दिया है।

 

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