Bhajan Lal Sharma: अमित शाह और संघ से निकटता व संगठनात्मक मेहनत का भजनलाल को लाभ मिला, बन गए सीएम

जयपुर, बीएनएम न्यूज। Bhajan Lal Sharma: मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर राजस्थान में नए चेहरे भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फिर चौंका दिया है। भजनलाल शाह के निकट और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पसंद माने जाते हैं। शर्मा की तरक्की में सबसे बड़ा योगदान शाह से निकटता और आरएसएस की पसंद का बड़ा योगदान माना जा रहा है। शाह से शर्मा की निकटता और आरएसएस की पसंद का सबसे बड़ा कारण उनकी मेहनत व पार्टी नेतृत्व के प्रति निष्ठा है।

शर्मा को टिकट देने के लिए शाह ने दिया जोर

शर्मा की शाह से निकटता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तय करते समय जब दिल्ली में शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश चुनाव प्रभारी केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित करीब एक दर्जन वरिष्ठ नेता बैठक कर रहे थे तो प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने जैसे ही शर्मा को सांगानेर सीट से टिकट देने का प्रस्ताव किया तो शाह ने सबसे पहले कहा कि ये पार्टी के कर्मठ और मेहनती कार्यकर्ता हैं, इनका नाम तय करो। उस समय बैठक में मौजूद रहे एक केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जैसे ही शाह ने शर्मा के नाम को हरी झंडी दी तो अन्य नेता कुछ बोल ही नहीं सके। भाजपा के मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर शर्मा को टिकट देना शाह से उनकी निकटता का नतीजा माना जा रहा है। विधायक बनने के बाद अधिकांश वरिष्ठ नेता व विधायकों ने दिल्ली जाकर राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात की लेकिन शर्मा जयपुर में ही रहकर पार्टी कार्यालय में संगठनात्मक कामकाज में व्यस्त रहे।

ऐसे आए नड्डा व निंबाराम के निकट

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले जेपी नड्डा जब गोवर्धन परिक्रमा के लिए भरतपुर आते थे तो शर्मा उनके साथ रहते थे। शर्मा उस समय भाजपा के जिला अध्यक्ष थे। उस समय से ही उनके करीबी बने हुए हैं। आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम जब सह प्रांत प्रचारक थे तो उनका केंद्र भरतपुर था। उस समय शर्मा जिला अध्यक्ष थे। उस समय से निंबाराम से उनके निकट संबंध हैं। ऐसे में जब निंबाराम क्षेत्रीय प्रचारक बने तो शर्मा को संगठन में आगे बढ़ने का अधिक मौका मिला।

निंबाराम ने सीएम के लिए भजनलाल का नाम आगे किया

लाहोटी का टिकट काटकर शर्मा को प्रत्याशी बनाने की प्रारंभिक कसरत निंबाराम के स्तर पर ही हुई थी। सूत्रों के अनुसार चुनाव सम्पन्न होने के बाद जब राष्ट्रीय नेतृत्व सीएम के लिए नए चेहरे की तलाश कर रहा था तो निंबाराम ने शर्मा का नाम आगे किया था। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर से भी शर्मा के प्रगाढ़ संबंध हैं। फिर शाह से निकटता का उन्हे लाभ मिला। शर्मा ने तीन चार प्रदेशाध्यक्षों के साथ प्रदेश महामंत्री के रूप में संगठन में काम किया। जिससे राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर संगठन के नीचले स्तर तक उनके संबंध मजबूत हो गए। शर्मा ने 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी कृष्णेंद्र कौर दीपा के सामने सामाजिक न्याय मंच के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। उस समय उनकी जमानत जब्त हुई थी।

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