Bibhav Kumar Arrested: आखिर दिल्ली के मुख्यमंत्री का पीए विभव कुमार कहां छिपा था, जिसे पुलिस ने किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: Bibhav Kumar Arrested: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य व दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट व छेड़खानी करने के आरोपित विभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से विभव कुमार मुख्यमंत्री आवास में ही छिपा हुआ था, लेकिन आवास में तैनात दिल्ली पुलिस सुरक्षा यूनिट के सुरक्षाकर्मियों को इसकी भनक नहीं लगी। इससे इन सुरक्षाकर्मियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। विभव ने जब खुद पुलिस अधिकारी से संपर्क कर अग्रिम जमानत लेने की मंशा जाहिर कर जांच में सहयोग करने का वादा किया, तब मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर पुलिस ने दोपहर करीब 12 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

केस दर्ज होने के बाद विभव सीएम आवास में ही भूमिगत हो गया था

 

पुलिस सूत्रों की मानें, तो सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार की गिरफ्तारी के पीछे की कहानी काफी नाटकीय है। मुख्यमंत्री के साथ लखनऊ से दिल्ली लौटने के अगले दिन 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस ने जब देर रात विभव कुमार के खिलाफ पांच धाराओं में मुकदमा दर्ज किया, तब इसकी जानकारी मिलते ही विभव सीएम आवास में ही भूमिगत हो गया था। उसने अपना सरकारी मोबाइल नंबर भी बंद कर लिया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि विभव कुमार ने अपना मोबाइल किसी अन्य को सौंप कर उन्हें दिल्ली से बाहर चले जाने को कहा था, ताकि उनके मोबाइल की लोकेशन दिल्ली से बाहर आने पर पुलिस उन्हें ढूंढने के लिए उनके या सीएम आवास में दबिश डालने की कोशिश न करे। जिस व्यक्ति को मोबाइल दिया गया, उसने शुक्रवार सुबह पंजाब के लुधियाना में विभव का मोबाइल आन किया, जिससे पुलिस को मोबाइल की लोकेशन वहां की मिली थी। शाम को मोबाइल की लोकेशन मुंबई में मिली। इससे पुलिस विभव की लोकेशन को लेकर भ्रमित रही।

विभव कुमार ने पुलिस अधिकारी को काल कर गुहार लगाई थी

 

पुलिस उनकी लोकेशन व इनके ठिकानों का पता लगा कर दबिश डालने की कोशिश कर ही रही थी कि शुक्रवार रात को विभव कुमार ने किसी दूसरे नंबर से एक पुलिस अधिकारी को काल कर बताया कि वह जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार है, जांच में शामिल होने से वह पीछे नहीं हटेंगे। जिन धाराओं के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है, उनमें सात साल से कम सजा का प्रविधान है। ऐसे में पुलिस अधिकारी पर निर्भर करता है कि वे ऐसे मामलों में आरोपित को गिरफ्तार करे अथवा नहीं। राहत पाने की उम्मीद में विभव कुमार ने पुलिस अधिकारी को काल कर गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस अधिकारी को उनके मुख्यमंत्री आवास में होने का पता चलते ही बातचीत के बहाने पुलिस ने सीएम आवास पहुंचकर विभव को गिरफ्तार कर लिया। इसी मकसद से विभव ने अधिवक्ता के जरिये शनिवार सुबह ही तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका भी दायर की थी। कोर्ट उन्हें अग्रिम जमानत देने के लिए तैयार भी थी, लेकिन पुलिस ने जब अदालत को बताया कि उन्होंने विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, तब याचिका को निष्प्रभावी मान निपटारा कर दिया गया। विभव को सिविल लाइंस थाने लाकर लंबी पूछताछ के बाद शाम करीब 4.15 बजे आधिकारिक तौर पर उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई। मुकदमे में आरोपित होने पर विभव कुमार को सीएम आवास में कैसे शरण दी गई। पुलिस इस मामले को लेकर भी जांच कर रही है।

स्वाति मालीवाल को मिली पुलिस सुरक्षा

दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल को सुरक्षा प्रदान की है। एक पीएसओ हमेशा उनके साथ रहेगा, जबकि दो पीएसओ उनके घर पर रहेंगे। पीएसओ की आठ घंटे की ड्यूटी होती है। ऐसे में राउंड द क्लाक तीन पीएसओ की ड्यूटी उनके साथ रहने की होगी और 6 पीएसओ की ड्यूटी उनके घर पर रहेगी। यानी स्वाति के साथ व उनके घर की सुरक्षा में 24 घंटे में कुल नौ पीएसओ की ड्यूटी रहेगी। घटना के बाद मालीवाल को कई धमकियां मिली हैं, इससे वह डर गई हैं। उन्होंने खुद दिल्ली पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी। उसी के मद्देनजर 16 मई को स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस प्रमोद सिंह कुशवाहा ने मालीवाल के दीनदयाल मार्ग स्थित आवास पर जाकर उनसे धमकी के मद्देनजर बात की थी और जांच के बाद पुलिस के आला अधिकारियों को उन्होंने सुरक्षा मुहैया कराने की संस्तुति कर दी थी। स्वाति को फिलहाल नई दिल्ली जिला पुलिस को सुरक्षा प्रदान करने को कहा गया है। बाद में दिल्ली पुलिस सुरक्षा यूनिट से उन्हें सुरक्षा दी जाएगी।

मेडिकल रिपोर्ट में चोट लगने की पुष्टि

स्वाति की प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट आ गई है, जिसमें उनके चेहरे पर आंख के पास व पैर में चोट लगने की पुष्टि हुई है। 17 मई की तड़के तीन बजे मालीवाल का एम्स में मेडिकल कराया गया था। मालीवाल ने पैर से कई बार उनके पेट, पेट के निचले हिस्से व छाती पर भी चोट मारने का आरोप लगाया है। उनकी छाती के एक्सरे, पेट के निचले हिस्से का एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आनी बाकी है। उन्होंने दर्द की शिकायत की थी, जिस पर डाक्टरों ने दर्द का इंजेक्शन व अन्य दवा लेने की सलाह दी है।

स्वाति का चिल्लाना सुनकर कोई ड्राइंग रूम में आया था या नहीं, जांच कर रही पुलिस

पुलिस अधिकारी का कहना है कि सीएम आवास के अंदर ड्राइंग रूम में जहां 13 मई की सुबह स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की गई, वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। स्वाति ने पुलिस और कोर्ट में दिए बयान में घटना के दौरान सीएम व उनकी पत्नी के कमरे में मौजूद होने की बात नहीं कही है, फिर भी पुलिस पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि घटना के दौरान दोनों ड्राइंग रूम में थे अथवा नहीं। स्वाति का चिल्लाना सुनकर कोई ड्राइंग रूम में आया था या नहीं। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को सीएम आवास पहुंच कर फोरेंसिक टीम की मौजूदगी में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व डीवीआर को सीज कर दिया है। पुलिस पहले फुटेज देखकर घटना के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेगी। अगर उन्हें फुटेज डिलीट कर दिए जाने का पता चलेगा, तो उन्हें जांच के लिए फोरेंसिक लैब में भेजेगी। फुटेज के साथ छेड़छाड़ का पता चलने पर पुलिस मुकदमे में सुबूत मिटाने की धारा भी जोड़ सकती है।

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