दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, आठ विधायक भाजपा में शामिल

बीएनएम न्‍यूज, नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) को एक गंभीर झटका लगा है। एक ओर जहां चुनाव समीप हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी के लिए चिंताजनक खबर यह आई है कि हाल ही में आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले सभी आठ विधायकों के साथ कई अन्य नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इससे आम आदमी पार्टी को आगामी चुनावों में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

सभी शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए

 

शुक्रवार को आठ विधायकों ने अपना इस्तीफा दिया था, जिनमें से सभी शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए। विधायकों में पालम से भावना गौड़, कस्तूरबा नगर से मदन लाल, मादीपुर के पूर्व मंत्री गिरीश सोनी, जनकपुरी के राजेश ऋषि, बिजवासन के भूपेंद्र जून, महरौली के नरेश यादव, आदर्श नगर के पवन शर्मा, त्रिलोकपुरी के रोहित महरोलिया और राजेंद्र नगर के पूर्व विधायक विजेंद्र गर्ग शामिल हैं। इसके अलावा भाजपा में शामिल होने वाले पार्षदों में अजय राय और सुनील चड्ढा भी शामिल हैं।

शहर का विकास अवरुद्ध हो गया

 

भाजपा के दिल्ली प्रभारी बैजयंत जय पांडा ने विधायकों का स्वागत करते हुए कहा कि इस बार चुनाव से पहले कई विधायक और पार्षद आम आदमी पार्टी की दयनीय स्थिति से मुक्ति पा रहे हैं। उनका आरोप था कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों को झूठे वादों और गलत नीतियों के तहत धोखा दिया है, जिससे शहर का विकास अवरुद्ध हो गया है। जय पांडा ने कहा, “केजरीवाल के आस-पास के नेता और कार्यकर्ता उनके भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से निराश होकर अब पार्टी छोड़ रहे हैं।”

दिलचस्प बात यह है कि भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में से कई का यह कहना है कि उन्हें आम आदमी पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के कारण नाराज़गी थी। पिछले चुनावों में जीतकर आए थे और उन्होंने अपनी राजनीतिक पहचान बनाई थी। इस बार जब केजरीवाल ने उनके टिकट काटे, तो उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया और भाजपा का रुख किया।

नई शक्ति और संभावनाएं

 

इन नेताओं में से अधिकांश विधायक पिछले दो से तीन कार्यकालों से चुनावी राजनीति में सक्रिय रहे हैं, जिससे उनकी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अच्छी पहचान और समर्थन है। ऐसे में भाजपा में इनका शामिल होना, पार्टी के आगामी चुनावों के प्रत्याशियों को फायदेमंद साबित हो सकता है। दिल्ली में जहां विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरों पर है, ऐसे में ये विधायक भाजपा को नई शक्ति और संभावनाएं प्रदान कर सकते हैं।

आम आदमी पार्टी ने इस पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि यद्यपि कुछ विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं, फिर भी उनकी मूल सिद्धांतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “हम ऐसे नेताओं को खो रहे हैं जो कभी भी हमारी विचारधारा या समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते थे। हम ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ दिल्ली की सेवा करते रहेंगे।”

हालांकि, भाजपा के नेताओं ने यह भी कहा है कि आप की सरकार पिछले कुछ वर्षों में अपनी नीतियों के लिए लगातार आलोचना का सामना कर रही है। इससे न केवल उनके समर्थन में कमी आई है, बल्कि पार्टी के भीतर भी असंतोष का माहौल बन गया है। भाजपा का मानना है कि आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी को इस स्थिति का खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है।

महरौली के विधायक नरेश यादव, जो भाजपा में शामिल हुए हैं, उन पर कुरान शरीफ की बेअदबी का आरोप लगाया गया था, और उन्हें आम आदमी पार्टी से टिकट मिलने के बाद वापस लौटाना पड़ा था। यह कदम उनकी खुद की छवि को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन भाजपा ने उन्हें समर्थन प्रदान किया है। हालाँकि, यह मुद्दा चुनावी मौसम में काफी चर्चित रहेगा।

भाजपा में शामिल होकर ये विधायक दलीलों के साथ जनता के सामने पेश होंगे, यह साबित करने के लिए कि वह सिर्फ एक पार्टी के होकर नहीं, बल्कि दिल्ली के विकास के लिए काम कर रहे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी को अब अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा ताकि वे अपने स्थायी वोटर्स को बनाए रख सकें और नए वोटर्स को आकर्षित कर सकें।

कुल मिलाकर, यह बदलाव दिल्ली में राजनीतिक समीकरणों को बदलने का संकेत है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आम आदमी पार्टी अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने में सफल होगी या भाजपा इस नए जोड़ से लाभ उठाने में सफल होगी। राजनीति में होने वाले इन परिवर्तनों ने दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनावों को और भी दिलचस्प बना दिया है।

 

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