Bihar Politics: पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से दिया इस्तीफा, बोले- मेरे और मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई
पटना, BNM News: बिहार में हाजीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद पशुपति कुमार पारस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से अपना नाता तोड़ लिया है। उन्होंने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। एक हफ्ते पहले तक पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा कर रहे लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस ने एनडीए के सीट बंटवारे से नाराज होकर यह कदम उठाया है।
सोमवार को एनडीए ने बिहार की 40 सीटों का अपने घटक दलों में बंटवारा किया था। इसमें उनके भतीजे चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर पांच सीटें दी गईं। चिराग और पारस, दोनों हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे और यह मौका अंतत: दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग को दिया गया।
अपना ही टिकट कटने से नाराज पारस
एनडीए के घटक दलों की सोमवार को बैठक हुई और उसके बाद दिल्ली में ही बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने बिहार में सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड के राज्यसभा सांसद संजय झा के साथ सीटों का एलान किया। सीटों का एलान करते हुए तावड़े ने लोक जनशक्ति पार्टी का नाम लिया और पांच सीटें उसे दी। चूंकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) पहले से बता रही थी कि उनके नेता को हाजीपुर और पार्टी को पांच टिकट देने का वादा हुआ है, फिर यही हुआ ही तो पारस परेशान हो उठे।
इस्तीफा देने को मजबूर हुए पारस
पारस ने पिछले हफ्ते बिहार में संवाददाता सम्मेलन कर खुद ही कह भी दिया था कि सीटों पर उनसे किसी की बात नहीं हुई है। किसी का मतलब भाजपा से था। ऐसा माना जा रहा है कि पारस अलग पड़ने के बाद विकल्पहीन होकर इस्तीफा देने को मजबूर हुए। दरअसल, रामविलास पासवान के निधन के बाद जब चाचा-भतीजा में अनबन शुरू हुई तो मामला हाजीपुर सीट पर जाकर अटक गया। दोनों इस सीट पर अड़े और भाजपा ने अंतत: चिराग पासवान पर अपना हाथ रख दिया। इसी से पारस नाराज हो गए।
पशुपति पारस को लग गई थी भनक
पशुपति पारस भतीजे चिराग को बीजेपी से मिल रही तवज्जो से लगातार असहज महसूस कर रहे थे। कुछ दिन पहले उन्हें इस बात की भनक लग गई थी कि उनकी पार्टी को एनडीए में एक भी सीट नहीं मिलने जा रही है। इसके बाद पशुपति पारस ने पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि हम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करते हैं कि हमारे पांचों सांसदों पर विचार करें। हम सूची का इंतजार करेंगे।
‘ क्या थामेंगे INDIA ब्लॉक का हाथ?
पशुपति पारस ने काफी प्रयास किए कि उन्हें एनडीए गठबंधन में कुछ सीटें मिल जाए। इसके लिए उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा था,’अगर हमें उचित सम्मान नहीं दिया गया, तो हमारी पार्टी स्वतंत्र है और हमारे दरवाजे खुले हैं। हम कहीं भी जाने को तैयार रहेंगे।’ अब जब सीटों के बंटवारे का ऐलान हो चुका है तो उनकी नाराजगी भी खुलकर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि इस फैसले के बाद पशुपति पारस INDIA ब्लॉक के साथ जाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं।
इन 5 सीटों पर लड़ेगी चिराग की पार्टी
चिराग पासवान को इस बार 5 लोकसभा सीटें मिली हैं, जिनमें वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई शामिल हैं। हालांकि, फिलहाल इन पांचो सीटों से पशुपति पारस की पार्टी के नेता सांसद हैं। दरअसल रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में फूट पड़ गई थी। पार्टी में फूट पड़ने के बाद लोजपा के दो गुट हो गए, जिनमें एक गुट के मुखिया पशुपति पारस हैं और दूसरे गुट के मुखिया चिराग पासवान हैं। चिराग पासवान फिलहाल खुद जमुई से सांसद हैं। वहीं लोजपा के अन्य सांसदों की बात करें तो हाजीपुर सीट से पशुपति पारस, खगड़िया से महबूब अली कैसर, वैशाली से वीना देवी और समस्तीपुर से प्रिंस राज राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद हैं।
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