Border Gavaskar Trophy 2024-25: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया का पहला टेस्ट मैच आज से, सीरीज की साख और डब्ल्यूटीसी फाइनल दांव पर

नई दिल्ली, बीएनएम न्‍यूज : Border Gavaskar Trophy: न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज में 0-3 की अप्रत्याशित हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम अब एक और बड़ी चुनौती के लिए तैयार है। नियमित कप्तान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व में भारतीय टीम शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में पहला टेस्ट खेलने उतरेगी। पांच मैचों की इस टेस्ट सीरीज का दांव सिर्फ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी तक सीमित नहीं है, बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल का रास्ता भी तय करेगा।

पर्थ टेस्ट का महत्व

 

सीरीज का पहला टेस्ट किसी भी टीम के लिए नींव का काम करता है, और यहां जीतने वाली टीम का पलड़ा बाकी मुकाबलों में भारी हो सकता है। भारतीय टीम के लिए यह मैच और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सीरीज का दूसरा टेस्ट गुलाबी गेंद (डे-नाइट टेस्ट) के रूप में एडिलेड ओवल में खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया ने अब तक एडिलेड में सात गुलाबी गेंद टेस्ट खेले हैं और सभी में जीत दर्ज की है। यदि भारत पर्थ में हारता है, तो एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के 2-0 से आगे होने की संभावना काफी बढ़ जाएगी। ऐसे में भारत के लिए सीरीज जीतना तो दूर, ड्रॉ कराना भी बेहद मुश्किल हो जाएगा।

भारत की मौजूदा स्थिति और चुनौतियां

 

हालांकि, भारतीय टीम ने पिछले दो दौरों (2018-19 और 2020-21) में ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया है, लेकिन इस बार हालात अलग हैं। न्यूजीलैंड से मिली हार ने टीम का आत्मविश्वास झकझोर दिया है। ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा फॉर्म और उनकी मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण को देखते हुए, भारतीय टीम फिलहाल बैकफुट पर नजर आ रही है।

तेज गेंदबाजी में असंतुलन

 

ऑस्ट्रेलिया के पास पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड जैसे अनुभवी और घातक तेज गेंदबाज हैं, जबकि भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण अपेक्षाकृत कमजोर दिख रहा है। भारतीय टीम में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप, हर्षित राणा, और नीतिश रेड्डी शामिल हैं। इनमें से भरोसेमंद विकल्प सिर्फ जसप्रीत बुमराह ही हैं। सिराज खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं, जबकि बाकी गेंदबाज पहली बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए हैं।

बल्लेबाजी की चुनौतियां

 

बल्लेबाजी में भी भारतीय टीम को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नियमित कप्तान रोहित शर्मा पहले टेस्ट से बाहर हैं। अभ्यास सत्र के दौरान चोटिल हुए शुभमन गिल का खेलना भी तय नहीं है। विराट कोहली की हालिया फॉर्म चिंताजनक है, जबकि केएल राहुल संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में बल्लेबाजी क्रम का भार युवाओं और अनुभवी खिलाड़ियों के सामंजस्य पर होगा।

डब्ल्यूटीसी फाइनल की कठिन डगर

 

न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज से पहले ऐसा लग रहा था कि भारत तीसरी बार डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाएगा। लेकिन न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार के बाद यह सपना धुंधला हो गया है। भारत को फाइनल में पहुंचने के लिए ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराना होगा, जो मौजूदा स्थिति में असंभव जैसा लग रहा है।

भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भी कहा है कि अब डब्ल्यूटीसी फाइनल की चर्चा बंद कर देनी चाहिए। टीम के लिए यह सीरीज ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में खुद को साबित करने और आत्मविश्वास को फिर से हासिल करने का एक जरिया हो सकती है।

ऑस्ट्रेलियाई टीम का आत्मविश्वास और संतुलन

 

ऑस्ट्रेलिया की टीम आत्मविश्वास से लबरेज है। उनके पास एक संतुलित और घातक गेंदबाजी आक्रमण के साथ मजबूत बल्लेबाजी क्रम भी है। मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, और उस्मान ख्वाजा उनकी बल्लेबाजी की रीढ़ हैं। इसके अलावा, नाथन लियोन और मिशेल मार्श जैसे ऑलराउंडरों का योगदान टीम को और खतरनाक बनाता है।

भारत की संभावनाएं और रणनीति

 

भारत को पर्थ टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में संतुलन दिखाना होगा। यशस्वी जायसवाल और देवदत्त पडिक्कल जैसे युवा खिलाड़ियों के पास खुद को साबित करने का मौका होगा। गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह को नेतृत्व करते हुए अन्य तेज गेंदबाजों को प्रोत्साहित करना होगा।

स्पिन विभाग में भारत के पास रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, जिनसे टीम को काफी उम्मीदें होंगी। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर स्पिनरों की भूमिका सीमित हो सकती है।

अब तक के रिकॉर्ड

दोनों टीमों के बीच अब तक कुल 107 टेस्ट खेले गए हैं। इनमें से

भारत ने 32 जीते हैं,
ऑस्ट्रेलिया ने 45,
29 मैच ड्रॉ रहे हैं,
जबकि एक टेस्ट टाई हुआ है।

हालांकि, भारतीय टीम ने हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने प्रदर्शन में सुधार किया है।

दोनों टीमों के स्क्वाड

भारत

 

जसप्रीत बुमराह (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, देवदत्त पडिक्कल, विराट कोहली, ऋषभ पंत, ध्रुव जुरैल, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, नीतिश रेड्डी, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, हर्षित राणा, प्रसिद्ध कृष्णा, अभिमन्यु ईश्वरन, वाशिंगटन सुंदर।

ऑस्ट्रेलिया

पैट कमिंस (कप्तान), स्कॉट बोलैंड, एलेक्स कैरी, जोश हेजलवुड, ट्रेविस हेड, जोश इंगलिस, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, नाथन लियोन, मिशेल मार्श, नाथन मैकस्वीनी, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क।

आत्मविश्वास और प्रतिष्ठा की लड़ाई

पर्थ टेस्ट भारत के लिए सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और प्रतिष्ठा की लड़ाई है। यह सीरीज न केवल टीम के सामर्थ्य को परखेगी, बल्कि यह भी तय करेगी कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य किस दिशा में जाएगा। जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व में भारतीय टीम को हर विभाग में बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा।

हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई टीम मजबूत स्थिति में है, लेकिन क्रिकेट में कुछ भी संभव है। अब देखना होगा कि क्या भारत इस चुनौती का सामना करते हुए अपनी स्थिति मजबूत कर पाता है या फिर ऑस्ट्रेलिया अपनी घरेलू पिचों पर एक और प्रभावशाली प्रदर्शन करता है।

 

You may have missed