टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI ने शुरू की जांच , कैश फॉर क्वेरी केस से जुड़ा है मामला
नई दिल्ली, एजेंसी: केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने लोकपाल के निर्देश पर TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। मामला कैश फॉर क्वेरी केस से जुड़ा है। दरअसल, TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद की आईडी और पासवर्ड बिजनेसमैन हीरानंदानी को देने का आरोप लगा था। इसके बाद जांच के लिए एथिक्स कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने 10 नवंबर को अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भेजकर लोकसभा सदस्यता खत्म करने की बात कही थी।
दरअसल कैश फॉर क्वेरी मामला उस समय सुर्खियों में आ गया था जब सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के एक पत्र का हवाला देते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद पर गंभीर आरोप लगाए थे और जांच की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि टीएमसी सांसद ने संसद में सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी।
बिजनेसमैन दर्शन ने हलफनामे में क्या-क्या कहा
आरोपी बिजनेसमैन दर्शन ने अपने हलफनामे में कहा कि कई मौकों पर उसकी महुआ मोइत्रा से मुलाकात हुई थी और वह टीएमसी सांसद से रोजाना से लेकर साप्ताहिक तौर पर बातचीत करता था। उसने हलफनामे में कहा कि उन्होंने एक सांसद के रूप में अपनी ईमेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें। मैं उनके प्रस्ताव के साथ गया… कुछ जानकारी मेरे साथ साझा की गई, जिसके आधार पर मैंने जरूरत पड़ने पर उनके संसदीय लॉगिन का उपयोग करके प्रश्नों का मसौदा तैयार किया और पोस्ट करना जारी रखा। दर्शन ने यह भी दावा किया कि टीएमसी नेता ने उनसे कई तरह की मदद मांगी। उन्होंने कहा कि कई बार मुझे लगा कि वह मेरा अनुचित फायदा उठा रही हैं और मुझ पर उन चीजों को करने के लिए दबाव डाल रही हैं, जो मैं नहीं चाहता था, लेकिन उपरोक्त कारणों से मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।
निशिकांत दुबे ने स्पीकर को लिखा था खत
दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ स्पीकर को खत लिखा था और आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा के संसद की लॉगइन आईडी से एक उद्योगपति को लॉगइन करने का पासवर्ड दिया गया। निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से धन लेने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक ‘जांच समिति’ गठित करने का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया था।