Delhi News: दिल्ली में बांग्लादेशी अप्रवासियों का रैकेट: फर्जी दस्तावेज और सेक्स रैकेट का खुलासा
नई दिल्ली: दिल्ली में बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई के बीच मंगलवार को एक बड़ा इमिग्रेशन रैकेट सामने आया। यह रैकेट फर्जी दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पहचान पत्र उपलब्ध कराने में जुटा था। इस गिरोह का खुलासा दक्षिण जिला पुलिस ने 20 अक्टूबर को संगम विहार में बांग्लादेशी नागरिक सेंटू शेख उर्फ राजा की हत्या की जांच के दौरान किया।
फर्जी दस्तावेज और सेक्स रैकेट का खेल
जांच में खुलासा हुआ कि सेंटू शेख न केवल फर्जी आधार कार्ड बनवाने का काम करता था, बल्कि बांग्लादेश से लड़कियों को बुलाकर देशभर में सेक्स रैकेट का संचालन भी करता था। उसने संगम विहार में आठ फ्लैट किराए पर ले रखे थे, जहां लड़कियों को ठहराया जाता था। यहां से वह उन्हें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के शहरों में भेजता था।
दिल्ली पुलिस को चकमा देने के लिए सेंटू ने दिल्ली में इस रैकेट का संचालन नहीं किया। उसने लड़कियों के लिए आधार कार्ड बनवाने के बाद उन्हें एनसीआर और अन्य राज्यों में भेज दिया। पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह ने बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध तरीके से भारत में दाखिल कराया है।
फर्जी दस्तावेजों का संगठित गिरोह
जांच के दौरान यह सामने आया कि बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में दाखिल कराने के लिए कई संगठित गिरोह काम कर रहे हैं। बांग्लादेश में बैठा गिरोह का सरगना अपने गुर्गों को वाट्सएप के जरिए बांग्लादेशी नागरिकों की जानकारी और फोटो भेजता है। ये गुर्गे फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें भारत में दाखिल कराते हैं।
सरगना, बांग्लादेशी नागरिकों को पहले असम के न्यू पोंगोई रेलवे स्टेशन बुलाता था। वहां से उन्हें न्यू जलपाईगुड़ी लाया जाता और दिल्ली की ट्रेनों में बिठा दिया जाता। दिल्ली पहुंचने के बाद सेंटू, फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर आधार कार्ड बनवाने का काम करता था।
संगम विहार में हत्या और जांच का दायरा
20 अक्टूबर को सेंटू शेख की हत्या के बाद पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया। सेंटू, बांग्लादेश में बैठे सरगना का एक मोहरा था, जो बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेज बनवाकर बांग्लादेशियों को भारत में प्रवेश कराता था। दिल्ली पुलिस ने असम, बंगाल और अन्य राज्यों में जांच का दायरा बढ़ा दिया है। पुलिस का मानना है कि सेंटू ने सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध तरीके से भारत में दाखिल कराया है।
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई और जांच
दक्षिण जिला के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि उपराज्यपाल के निर्देश पर बांग्लादेशियों की पहचान के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इंस्पेक्टर उमेश यादव के नेतृत्व में एक टीम इस रैकेट की जांच में जुटी है। पुलिस ने बंगाल में सेंटू की पत्नी के बारे में भी जांच शुरू की है।
सेंटू ने 2020 में दिल्ली आने के बाद बंगाल की एक युवती से शादी की थी। पुलिस की एक टीम यह पता लगाने में जुटी है कि वह महिला वास्तव में बंगाल की निवासी है या बांग्लादेश से आई है। अगर वह बांग्लादेश की पाई गई तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
40 वर्षों से चल रहा है घुसपैठ का कारोबार
जांच में यह भी पता चला है कि सेंटू का संपर्क एक ऐसे बांग्लादेशी व्यक्ति से हुआ था, जो पिछले 40 वर्षों से इस धंधे में शामिल है। यह व्यक्ति बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध तरीके से भारत में दाखिल कराने का काम करता है। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह लाखों बांग्लादेशियों को भारत में प्रवेश करा चुका है। इस नेटवर्क के गुर्गे दिल्ली समेत देश के विभिन्न शहरों में सक्रिय हैं।
पुलिस की आगे की योजना
दिल्ली पुलिस की एक टीम असम रवाना हो चुकी है, जहां से इस रैकेट की जड़ें फैली हुई हैं। पुलिस ने अब तक गिरोह के कई सदस्यों से पूछताछ की है। जांच में सामने आया कि यह रैकेट वाट्सएप का इस्तेमाल कर फर्जी दस्तावेज तैयार करता है।
दिल्ली पुलिस का मानना है कि इस गिरोह का नेटवर्क बहुत बड़ा है और यह विभिन्न शहरों में सक्रिय है। गिरोह के अन्य सदस्यों और उनकी कार्यप्रणाली को लेकर जांच की जा रही है।
फर्जी दस्तावेज और अवैध घुसपैठ
यह मामला दिल्ली में बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनकी पहचान बनाने के गहरे षड्यंत्र को उजागर करता है। पुलिस की जांच अभी जारी है और इस रैकेट के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। यह रैकेट न केवल देश की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि सामाजिक समस्याओं को भी बढ़ावा देता है।
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