एमपी-यूपी बॉर्डर पर लगता है ‘गधा मेला’, नाम और दाम ऐसे कि सुनकर चौंक जाएंगे आप

चित्रकूट, BNM News: मध्य प्रदेश के चित्रकूट में दिवाली के अगले दिन गधों के मेले की शुरुआत हो गई। बताया जाता है कि ये मेला मुगल काल से मंदाकिनी नदी के किनारे लग रहा है। इस मेले में गधों को ख़रीदने और बेचने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं। इस मेले में काफी महंगे गधे मिल रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस मेले में 2 लाख तक के गधे भी हैं।

मेला आयोजन समिति के सदस्य रमेश कुमार पांडे ने बताया कि हर साल मंदाकिनी किनारे लगने वाले इस खास मेले में पांच हजार गधे इकट्ठा होते हैं। यहां जिनती भीड़ इनके खरीददारों की होती है, उससे दोगुना लोग इन्हें देखने आते हैं। मेले की व्यवस्था का जिम्मा नगर पंचायत उठाती है। मेला एमपी-यूपी बॉर्डर पर लगता है। इसका फायदा दोनों राज्यों को मिलता है। मेले में तीन तरह की नस्लों के खच्चर बिकते हैं। चित्रकूट प्रशासन को इस मेले से हर साल लाखों रुपये का राजस्व मिलता है। चित्रकूट में धनतेरस से दूज तक दीपदान उत्सव मनाया जाता है। इस बार इस उत्सव में शामिल होने के लिए पूरे देश तीन लाख श्रृद्धालु चित्रकूट पहुंचे हैं। दीपावली के बाद जमघट के दिन ‘गधा-मेला’ लगता है।

औरंगजेब शासनकाल से चली आ रही परंपरा

चित्रकूट में गधा मेले की परंपरा मुगल काल से चली आ रही है। इस पेंटिंग में औरंगजेब की सेना को दिखाया गया है। बिहार के पशु व्यापारी मो. दिलशाद बीते 15 साल से मेले में जानवरों को बेचते रहे हैं। दिलशाद कहते हैं कि ये गधा मेला 300 साल पुराना है और औरंगजेब के समय से लगता है।

अफगानिस्तान से अच्छी नस्ल के खच्चर और गधे मंगवाए थे

ऐसी मान्यता है कि औरंगजेब के करीबियों के पास जब घोड़ों की कमी होने लगी, तो उसने अफगानिस्तान से बिकने के लिए अच्छी नस्ल के खच्चर और गधे मंगवाए थे। उनकी खरीदी इसी चित्रकूट की बाजार से हुई थी। मुगल बादशाह ने अपनी सेना के बेड़े में भी इन्हें शामिल किया। दिलशाद मेले में सात पशुओं को लेकर आए हैं। इनमें सबसे महंगा गधा सलमान है, जिसकी कीमत 1.5 लाख है।

खास वजह से दिया जाता फिल्म स्टार्स का नाम

मंदाकिनी तट पर हर साल लगने वाले इस मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के पशु व्यापारी शामिल होते हैं। वहीं, इन जानवरों के खरीदार देशभर से आते हैं। यहां पहुंचे व्यापारियों ने बताया कि यहां गधों की पहचान फिल्मी कलाकारों के नाम से होती है। मेले में आने वाले व्यापारियों का मानना है कि बॉलीवुड कलाकारों का नाम देने से गधों की बिक्री बढ़ जाती है।

तीन दिन में दो करोड़ के गधे  बिकने की संभावना

व्यापारी मोइन ने बताया कि अच्छी नस्ल और बढ़िया कद-काठी वाले खच्चर का नाम सलमान रखा गया है। ज्यादा भार ढोने वाले गधों को ऋतिक और रणबीर का नाम दिया जाता है। फुर्तीले खच्चरों को शाहरुख के नाम से बुलाया जाता है। इस बार तीन दिन में दो करोड़ के गधे  बिकने की संभावना है।

दो  लाख में बिकता है ‘सलमान’, ‘ऋतिक’ की कीमत 70 हजार रुपए

हम बारी-बारी मेले में गधों की बोलियां लगा रहे लोगों के पास गए। यहां व्यापारियों ने हमें गधों और खच्चरों के अलग-अलग रेट बताएं।
  • सलमान  दो लाख रुपए
  • शाहरुख  90 हजार रुपए
  • ऋतिक   70  हजार रुपए
  • रणबीर    40 हजार रुपए
  • राजकुमार 30 हजार रुपए

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