राहुल गांधी का बड़ा दावा, चक्रव्यूह वाले भाषण के बाद मेरे खिलाफ ED की रेड की हो रही तैयारी
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि संसद में उनके ‘चक्रव्यूह’ भाषण के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनके खिलाफ छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। राहुल ने कहा कि वह खुली बांहों के साथ ईडी अधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा ‘जाहिर है, 2 में से 1 को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण अच्छा नहीं लगा। ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया है कि छापेमारी की तैयारी हो रही है। मैं ईडी का खुली बांहों से इंतजार कर रहा हूं। चाय और बिस्कुट मेरी तरफ से…’ इतना ही नहीं राहुल ने अपने इस पोस्ट में ईडी के आधिकारिक एक्स हैंडल को टैग भी किया है।
Apparently, 2 in 1 didn’t like my Chakravyuh speech. ED ‘insiders’ tell me a raid is being planned.
Waiting with open arms @dir_ed…..Chai and biscuits on me.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 1, 2024
क्या था ‘चक्रव्यूह’ भाषण
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर हिंदुस्तान को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसाने का आरोप लगाया था और कहा था कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा। उन्होंने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया था कि इस बजट में चंद पूंजीपतियों के एकाधिकार और लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने वाले राजनीतिक एकाधिकार को मबजूती प्रदान की गई है, जबकि युवाओं, किसानों तथा मध्य वर्ग को नजरअंदाज कर दिया गया है।
राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘21वीं सदी में एक और चक्रव्यूह तैयार किया गया है… जो अभिमन्यु के साथ हुआ, वही हिंदुस्तान के साथ किया जा रहा है।” उन्होंने दावा किया था कि जिस तरह से अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाया गया था उसी तरह हिंदुस्तान को फंसा दिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा।
राहुल गांधी के खिलाफ देश भर में दर्ज मामलों की सूची
- 2023: मोदी सरनेम मानहानि केस में सूरत की एक अदालत ने राहुल को 23 मार्च को 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?” राहुल के इस बयान को लेकर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था।
- 2019: राहुल गांधी को मानहानि के एक अन्य मामले में पटना की एक अदालत ने जमानत दे दी थी। यह मामला भी एक भाजपा नेता ने मोदी सरनेम को लेकर उनकी टिप्पणी के लिए दायर किया था।
- 2019: राहुल गांधी को अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक और उसके अध्यक्ष अजय पटेल की तरफ से दायर मानहानि केस में जमानत मिली थी। यह केस 2018 में दर्ज हुई थी। राहुल ने आरोप लगाया था कि बैंक नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद करेंसी नोटों की अदला-बदली के घोटाले में शामिल था।
- 2019: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यकर्ता की तरफ से दायर मानहानि मामले में राहुल को मुंबई की एक अदालत ने जमानत दे दी थी। यह मामला बेंगलुरु की पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को भाजपा-RSS विचारधारा से जोड़ने वाली उनकी टिप्पणी के लिए दर्ज किया गया था।
- 2016: गुवाहाटी की एक अदालत ने RSS की तरफ से दायर मानहानि मामले में राहुल को जमानत दे दी। मामला तब दर्ज किया गया था जब राहुल ने आरोप लगाया था कि RSS ने दिसंबर 2015 में उन्हें असम के बारपेटा सत्र में प्रवेश करने से रोका था।
- 2016: महाराष्ट्र के भिवंडी की एक अदालत ने RSS के एक कार्यकर्ता की तरफ से दायर मामले में राहुल को जमानत दे दी। राहुल ने कथित तौर पर कहा था कि RSS ने महात्मा गांधी की हत्या की। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि राहुल को अदालत में अपनी बात साबित करने के लिए मुकदमे का सामना करना होगा।
- 2015: राहुल नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर बाहर हैं। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ से दर्ज कराए मामले में उन्हें अपनी मां सोनिया गांधी के साथ दिसंबर 2015 में जमानत मिली थी। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी से लोन देने के नाम पर नेशनल हेराल्ड की दो हजार करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली।
राहुल के भाषण के दौरान सीतारमण सिर पकड़े नजर आईं
राहुल ने लोकसभा में कुल 46 मिनट भाषण दिया था। इसमें 4 बार अडाणी-अंबानी का नाम लिया, दो बार मुंह पर उंगली रखी। स्पीकर ने भाषण के दौरान राहुल को 4 बार टोका। राहुल ने जब हलवा सेरेमनी का पोस्टर लहराया, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर पकड़ लिया।
राहुल ने बजट की हलवा सेरेमनी का फोटो दिखाते हुए कहा कि इसमें एक भी आदिवासी, दलित या पिछड़ा अफसर नहीं दिख रहा है। 20 अफसरों ने बजट तैयार किया। आपने एक माइनॉरिटी और एक ओबीसी को रखा, बाकी को तो फोटो में आने ही नहीं दिया। देश में तकरीबन 73 फीसदी दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग हैं, लेकिन इनको कहीं जगह नहीं मिलती।
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