Farmers Protest: सभी किसान संगठन एकजुट: 18 जनवरी को दिल्ली कूच का निर्णय, डल्लेवाल के अनशन पर चिंता

नरेन्‍द्र सहारण, पातड़ां : Farmers Protest: हाल ही में विभिन्न किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित की है। पातड़ां के श्री गुरु तेग बहादुर साहिब गुरुद्वारा में हुए एक महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम), किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर राजनीतिक) के प्रतिनिधियों ने मिलकर कई मुद्दों पर चर्चा की। यह बैठक लगभग तीन घंटे तक चली और इसके अंत में यह निर्णय लिया गया कि 18 जनवरी को दिल्ली कूच करने का कार्यक्रम तय किया जाएगा तथा इस संबंध में आंदोलन को आगे बढ़ाने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

डल्लेवाल की तबीयत अत्यंत गंभीर

 

बैठक का मुख्य उद्देश्य सभी संगठनों को एकजुट करना और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन को समाप्त करवाने के लिए कदम उठाना था। गौरतलब है कि डल्लेवाल की सेहत पिछले कुछ समय से गंभीर बनी हुई है और उनकी स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। डॉक्टरों ने हाल ही में जानकारी दी है कि उनकी तबीयत अत्यंत गंभीर है और उन्हें बोलने में भी परेशानी हो रही है।

बैठक में मौजूद 18 सदस्यों में से छह सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्य जोगिंदर सिंह उगराहां कर रहे थे। इसमें बीकेयू टिकैत के जनरल सेक्रेटरी युद्धवीर सिंह, ऑल इंडिया किसान सभा के कोषाध्यक्ष कृष्णा प्रसाद और अन्य किसान नेता शामिल थे।

प्रमुख मुद्दे और सहमति

 

बैठक में कुछ प्रमुख मुद्दों पर सहमति बनी

 

1. एमएसपी की कानूनी गारंटी: सभी किसान संगठनों ने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी को लागू किया जाए। यह मुद्दा लंबे समय से किसानों के लिए महत्वपूर्ण रहा है और इसकी कानूनी बुनियाद की मांग की जा रही है।

2. कर्ज माफी: इसके अलावा किसानों ने मांग की कि उन्हें कर्ज माफी और विभिन्न प्रकार के वित्तीय संकट से राहत प्रदान की जाए।

3. नई मंडीकरण नीति का बहिष्कार: खनौरी बॉर्डर पर नई मंडीकरण नीति का विरोध भी बैठक में व्यापक रूप से चर्चा का विषय रहा। किसानों ने इस नीति को लागू करने के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया और कहा कि इसे तुरंत बहिष्कृत किया जाना चाहिए।

4. एकजुटता की आवश्यकता: नेताओं ने भी एकजुट रहने और एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करने का संकल्प लिया। इस एकजुटता को मजबूत करने के लिए आगे कदम उठाए जाने का जोर दिया गया।

भविष्य की योजना

 

18 जनवरी को एक और बैठक पातड़ां के गुरुद्वारे में आयोजित की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस बैठक में सभी फोरम अपनी यूनियनों से चर्चा करेंगे और नए कदम उठाने की योजना बनाएंगे। यह बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि इसमें दिल्ली के करीब किसानों द्वारा किए जाने वाले घेराव का निर्णय लिया जाएगा।

डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति

 

इसी बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि उनकी अवस्था चिंता का विषय बनी हुई है। हाल के मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि डल्लेवाल के अंग शिथिल हो रहे हैं और उनके ब्लड प्रेशर तथा शुगर के स्तर सामान्य नहीं हैं। डॉक्टरों की एक टीम 24 घंटे उनकी निगरानी कर रही है, लेकिन उनकी लगातार बिगड़ती स्थिति ने सभी को चिंता में डाल दिया है।

किसान नेता डल्लेवाल के अनशन की स्थिति को लेकर सभी किसान संगठनों में गहरी चिंता है। डल्लेवाल के समर्थकों और संगठन के सदस्यों ने उनकी सेहत को प्राथमिकता देते हुए कहा कि यदि आवश्यकता पड़े तो वे सभी मिलकर उनकी आवाज उठाने के लिए तैयार हैं।

किसानों का समर्थन

 

इस बैठक के साथ ही हरियाणा के विभिन्न जिलों से किसानों का जत्था खनौरी मोर्चे पर पहुंच रहा है। सोनीपत और कैथल से आए किसानों ने कहा कि वे डल्लेवाल के संघर्ष और उनके संदेश को गांव-गांव तक पहुँचाने का प्रयास करेंगे। किसानों ने कहा कि उन्हें डल्लेवाल के आंदोलन में विश्वास है और वे सभी ताकत से उनके साथ खड़े रहेंगे।

नई उम्मीदें

 

किसान संगठनों की यह एकजुटता कुछ नई उम्मीदें लेकर आ रही है। 18 जनवरी को होने वाली बैठक में लिए जाने वाले निर्णय किसानों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। सभी किसान नेताओं ने एकजुटता के इस अभियान को लेकर दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। अगर किसान संगठनों की यह एकता जारी रहती है, तो यह आगामी दिनों में सरकार के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार कर सकती है। इस नयी राजनीतिक परिस्थिति में, किसान एक आवाज होकर अपने हक और अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ रहेंगे।

 

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