Ganesh Utsav: गणेश उत्सव की आज से शुरुआत, ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
मुंबई, बीएनएम न्यूजः आज गणेश चतुर्थी है। इस बार गणपति स्थापना पर सुमुख नाम का शुभ योग बन रहा है। ये गणेशजी का एक नाम भी है। इसके साथ पारिजात, बुधादित्य और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि इस चतुर्महा योग में गणपति स्थापना का शुभ फल और बढ़ जाएगा।
आज गणपति स्थापना और पूजा के लिए दिनभर में 3 शुभ मुहूर्त रहेंगे। मूर्ति स्थापना सूर्यास्त के पहले करने का विधान है। गणेश पुराण के मुताबिक गणपति का जन्म चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र में मध्याह्न काल में हुआ था। ये शुभ काल सुबह 11.20 से शुरू हो रहा है।
ग्रंथों के मुताबिक वैसे तो गणेशजी के कई रूप हैं, लेकिन भादो के महीने में आने वाली इस गणेश चतुर्थी पर सिद्धि विनायक रूप में गणेशजी को पूजने का विधान है। गणेशजी के इस रूप की पूजा भगवान विष्णु ने की और ये नाम भी दिया।
गणपति स्थापना के मुहूर्त
सुबह 8.0 से 9.30 बजे तक
दोपहर 11.20 से 1.40 तक
दोपहर 2.0 से 5.30 बजे तक
सिद्धि विनायक के पूजन का विधान
भगवान गणेश के इस मूर्ति में दायां दात टूटा और बायां वाला पूरा रहता है। नाग की जनेउ पहने , जांघ मोटी और घुटने बड़े होते है। दायां पैर मुड़ा हुआ और बांया पैर नीचे की ओर निकला होता है। एख हाथ आशीर्वाद देते हुए और दूसरे में अंकुश रहता है। एख हाथ में मोदक और दूसरे में रुद्राक्ष की माला होती है। सिर पर मुकुट, गले में हार पहने बैठी हुई मूर्ति लाल रंग की होती है। ये गणेश सुख और समृद्धि देते हैं। इनकी पूजा हर मांगलिक कार्यों से पहले होती है। जो हर काम का शुभ फल बढ़ा देते हैं। इसलिए इन्हें सिद्ध विनायक कहते हैं। इन्हें घर में पूजना चाहिए।
गणपति स्थापना की विधि
सूर्योदय से पहले स्नान कर साथ कपड़े पहने। जहां मूर्ति स्थापना करने हो वहां आसन लगाकर बैठे और गणपति स्थापना का संकल्प लें। अपने सामने चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर चावल रखें। तांबे के चौड़े बर्तन में चंदन या कुमकुम से स्वास्तिक बनाकर चावल पर रखें। इस पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
गणेश जी के पूजन में कौन से फूल और पत्ते इस्तेमाल करें
जाति, मल्लिका, कनेर, कमल, गुलाब चंपा, गेंदा मौलश्री (बहुल), दूर्वा, शमी, धतूरा, केला, बेर, मदार और बिल्पपत्र चढ़ाना चाहिए।
गणेश जी की पूजा विधि
घी का दीपक जलाकर दूध और पंचामृत से स्नान करवाएं।
अष्टगंध और लाल चंदन से गणेश जी को तिलक लगाएं।
फूल और बिल्वपत्र की माला पहनाएं, मिठाई का भोग लगाएं।
लौंग, इलायची, केशर, कपूर, सुपारी और कत्थे वाला पान चढ़ाएं।
इतनी सारी चीजों से पूजन न कर पाएं तो इसके लिए छोटी पूजा विधि
- चौकी पर स्वस्तिक बनाकर एक चुटकी चावल रखें।
- उस पर मौली लपेटी हुई सुपारी रखें। इन सुपारी गणेश की पूजा करें।
- इतना भी न हो पाए तो श्रद्धा से सिर्फ मोदक और दूर्वा चढ़ाकर प्रणाम करने से भी भगवान की कृपा मिलती है।
गणेश पूजा में इन बातों का विशेष ध्यान रखें
गणपति को तुलसी न चढ़ाएं
पूजा में नीले काले रंग के कपड़े न पहनें।
दूर्वा और मोदक के बिना पूजा अधूरी रहती है।
किसी वजह से गणेश स्थापना और पूजा न कर पाएं तो क्या करें
पूरे गणेशोत्सव में हर दिन गणपति के सिर्फ तीन मंत्र का जाप करने से भी पुण्य मिलता है। सुबह नहाने के बाद गणेशजी के मंत्रों को पढ़कर प्रणाम कर के ऑफिस-दुकान या किसी भी काम के लिए निकलना चाहिए।
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