Ghazipur News: पक्ष में फैसला आने पर सांसद अफजाल अंसारी बोले, भोले बाबा का दिन, सावन का दूसरा सोमवार…यह सब मेरे लिए शुभ साबित हुआ

गाजीपुर, बीएनएम न्यूज। इलाहाबाद हाई कोर्ट में सांसद अफजाल अंसारी गैंगस्टर मामले में फैसला अपने पक्ष में आने पर काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि मुझे राहत नहीं, इंसाफ मिला है। सच्चाई जनता के सामने आ गई। साजिश के तहत जो काला टीका लगाया गया था वो धुल गया। जिन लोगों ने न्याय के पक्ष में मेरा साथ दिया है, मैं उनका जीवन भर ऋणी रहूंगा। मेरी कोशिश होगी कि मंगलवार को सदन की कार्यवाही में शामिल हो जाऊं। हालांकि, मुझे सदन की कार्यवाही में शामिल होने से रोका नहीं गया था। लेकिन, फैसला सुरक्षित हो गया था तो मैंने सोचा की फैसला कराकर चलूं। पहले मीडिया के सवालों के कारण नजरें झुका लेता था। उन्होंने कहा कि आज सावन का महीना, सावन का दूसरा सोमवार, भोले बाबा का दिन…यह सब मेरे लिए शुभ साबित हुआ।

मुहम्मदाबाद स्थित फाटक पर जश्न का माहौल

घर पर शुभचिंतकों के साथ समय गुजारने और मीडिया से बातचीत के बाद सांसद दिल्ली सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए रवाना हो गए। वहीं सांसद के पक्ष में आने पर समर्थकों और शुभचिंतकों में जहां खुशी का माहौल है। सवा तीन बजे फैसला आते ही मुहम्मदाबाद स्थित फाटक पर जश्न का माहौल देखने को मिला। लोग एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे थे। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से फोर्स तैनात कर दी गई थी।

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गाजीपुर की जनता की है जीत

सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि सत्य पर विश्वास करता हूं। ये जीत गाजीपुर की जनता की है। दुआ, आशीर्वाद और साथ देने वालों का आज का दिन है। अफजाल अंसारी ने कहा कि मैंने जीवन भर डर का सामना करने का संकल्प लिया है। मुझे देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मुझे और सबको पहले से पता है कि दबाव देकर सजा कराई गई थी।

 

घाव भरने वाला रहा आज का दिन

अफजाल अंसारी ने कहा कि लोग यह कहते हैं कि 29 तारीख मेरे लिए काला दिन होता रहा है, जो अब झूठा साबित हो गया। उन्होंने बताया कि 29 नवंबर 2005 को पहली बार मैं किसी मामले में आरोपित किया गया। 29 दिसंबर 2006 को मेरे पिता सुभानुल्लाह अंसारी का निधन हुआ। 12 साल बाद 29 दिसंबर के ही दिन मां रजिया बेगम का निधन हो गया। मेरे जीवन में कठिन समय 29 अप्रैल 2003 को भी आया, जब गाजीपुर की कोर्ट से मुझे 4 वर्ष की सजा और 1 लाख जुर्माना की सजा सुनाई गई। इसके चलते चर्चा थी कि 29 जुलाई को फिर फैसला आ रहा है और ये काला दिन साबित हो सकता है, लेकिन सृष्टि के रचयिता ने मेरे पिछले सभी घाव भर दिए। आज सावन का महीना, सावन का दूसरा सोमवार, भोले बाबा का दिन…यह सब मेरे लिए शुभ साबित हुआ।

कौन हैं अफजाल अंसारी?

पांच बार के विधायक और तीसरी बार सांसद, अफजाल अंसारी की सबसे बड़ी पहचान है। अंसारी का परिवार बेहद संपन्न रहा है। उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी वर्ष 1926 से 1927 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के अध्यक्ष रहे। ये वही नाम है जो नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया के संस्थापकों में से एक थे। अफजाल और मुख्तार के पिता का नाम सुभानुल्लाह अंसारी, जो गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद नगर पालिका परिषद के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति मो. हामिद अंसारी अफजाल अंसारी के चचेरे भाई हैं।

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