Haryana Election 2024 : हरियाणा में आप के अलावा इन दलों के साथ गठबंधन कर सकती है कांग्रेस
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Election 2024 : हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब तक एकला चलो की रणनीति के तहत अकेले ही मैदान में ताल ठोक रही कांग्रेस ने आखिरकार अपनी रणनीति बदली है। पार्टी अब आप, सपा व माकपा जैसे सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि अभी स्थिति बहुत साफ नहीं है, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं, उनमें इन दलों के साथ जल्द ही गठबंधन अस्तित्व में आ सकता है। समझौते के तहत आप को पांच से सात सीटें तो सपा और माकपा को भी एक-एक सीटें दी जा सकती हैं। सीटों का फैसला हाल के लोकसभा चुनाव में इन दलों के प्रदर्शन के आधार पर तय किया जा सकता है।
राहुल गांधी ने विपक्षी एकजुटता पर जोर दिया
कांग्रेस के भीतर हरियाणा में गठबंधन को लेकर यह चर्चा उस तेज हुई है, जब पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक में खुद राहुल गांधी ने विपक्षी एकजुटता पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने हरियाणा में सहयोगी दलों के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से राय देने को कहा। सूत्रों की मानें तो इसके बाद पार्टी के भीतर इसे लेकर मंथन तेज हुआ है। आप, सपा और माकपा के साथ इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिनों में इन सभी दलों के साथ सीटों को लेकर तालमेल हो सकता है। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी व पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपक बाबरिया ने भी गठबंधन के संकेत दिए हैं। हालांकि उनका कहना था, अभी इस पर राय ली जा रही है। अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान का होगा। इस बीच आप के भीतर भी गठबंधन के मुद्दे पर हलचल दिखी है। आप सांसद संजय सिंह ने राहुल गांधी के सोच का स्वागत किया और कहा कि हमारी प्राथमिकता भाजपा को हराना है। हमारे हरियाणा प्रभारी संदीप पाठक व सुशील गुप्ता इस पर अंतिम निर्णय लेंगे।
दोनों ही दलों को एक-दूसरे की जरूरत
पार्टी सूत्रों की मानें तो मौजूदा समय में कांग्रेस और आप की जो स्थिति है, उनमें दोनों ही दलों को एक-दूसरे की जरूरत है। हरियाणा में कांग्रेस भले ही मजबूत है लेकिन आने वाले दिनों में दिल्ली विधानसभा के चुनाव हैं। जहां आप उससे ज्यादा मजबूत है। ऐसे में कांग्रेस का हरियाणा में जैसा रवैया होगा, वह उसे दिल्ली में भी देखना पड़ सकता है। कांग्रेस इस गठबंधन को गुजरात विधानसभा में भी आजमा सकती है, जहां वह लंबे समय से सत्ता से बाहर है। उसे वहां आप की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में आप ने वहां अपना एक वोट बैंक तैयार किया है। वैसे भी कांग्रेस का इन दिनों जोर यही है कि वह भाजपा के खिलाफ वोट बैंक को बिखरने से रोकें। यही वजह है कि पार्टी ने अपनी एकता चलो की रणनीति को बदला है।
हरियाणा में गठबंधन की सहमति की कोशिश तेज
दिल्ली-हरियाणा में गत लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन में चुनाव लड़ने के बाद अब हरियाणा विभानसभा चुनाव में भी यह कोशिश तेज हो गई है। इसे लेकर दो राउंड की बैठकें आप नेता व राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा और कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के बीच हो चुकी हैं। इस मुद्दे पर तीसरे राउंड की बैठक जल्द हो सकती है। आप 10 सीटों की मांग कर रही है जबकि कांग्रेस सात देने को तैयार है। इसी को लेकर दोनों के बीच बैठक होने वाली है। दोनों ही दल इस मुद्दे को जल्दी ही निपटाना चाहते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन बैठकों का जल्द निष्कर्ष निकल सकेगा। गत लोकसभा चुनाव में कुरूक्षेत्र की सीट आप के खाते में गई थी।
चुनाव में पूरी ताकत झोंकी
बता दें कि चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख एक अक्टूबर से बढ़ाकर पांच अक्टूबर कर दी है, जिसमें कहा गया है कि बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। हरियाणा में पांच अक्टूबर को चुनाव होने हैं और कांग्रेस भाजपा से सत्ता छीनने की कोशिश कर रही है ।आप भी हरियाणा में इस बार पूरी ताकत लगा रही है। यह पहली बार है कि आप ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंकी हुई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के चलते उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल,आप नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया,आप नेता संजय सिंह, संदीप पाठक के साथ साथ अन्य नेता भी हरियाणा में पूरा समय दे रहे हैं।
संजय सिंह ने किया स्वागत
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन की अटकलों पर आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया आई है। गठबंधन की संभावनाओं को लेकर आ रहीं बातों नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने स्वागत किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराना सभी विपक्षी दलों की प्राथमिकता है और गठबंधन के संबंध में कोई भी निर्णय आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की मंजूरी से लिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी आधिकारिक रुख आप के हरियाणा मामलों के प्रभारी संदीप पाठक और प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता की आरे से ही तय किया जाएगा। इस संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय केजरीवाल की मंजूरी के बाद हरियाणा में संगठनात्मक और चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े नेता लेंगे। वहीं, कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं से राय मांगी है और केवल वे ही जवाब दे सकते हैं। हमें मीडिया से इसके बारे में पता चला है। जहां तक गठबंधन की बात है तो फैसला अरविंद केजरीवाल के आने के बाद किया जाएगा।
फैसला हाईकमान करेगा
आम आदमी पार्टी के हरियाणा राज्य अध्यक्ष सुशील गुप्ता कहते हैं कि पार्टी बहुमत की सरकार बनाने के लिए, व्यवस्था परिवर्तन के लिए, भाजपा की अहंकारी और तानाशाही सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए संघर्ष कर रही है। हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में वह कहते हैं कि ये फैसला हाईकमान करेगा। मगर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेशानुसार हम सभी 90 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं।
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन