Haryana Election 2024: सैलजा की चुप्पी से हरियाणा कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं: टिकट वितरण और जातिगत टिप्पणी से नाराज; प्रचार में नहीं दिख रहीं
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana Election 2024: हरियाणा में कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा की चुप्पी पार्टी के लिए चिंता का कारण बन गई है। उनके समर्थक विधानसभा टिकट बंटवारे में प्राथमिकता न मिलने और लगातार हुड्डा गुट की टिप्पणियों से आहत हैं, जिससे सैलजा ने चुनावी गतिविधियों से दूरी बना ली है।
कुमारी सैलजा, जो अनुसूचित जाति से आती हैं, हरियाणा में कांग्रेस का महत्वपूर्ण दलित चेहरा मानी जाती हैं। उनकी चुप्पी से हुड्डा खेमे में हलचल मची हुई है, क्योंकि इसका कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का खतरा है। हरियाणा में 17 रिजर्व सीटों के अलावा सिरसा और फतेहाबाद में भी सैलजा का प्रभाव है, जिससे कुल 21 सीटों पर उनका वजन है। 12 सितंबर को कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की, और तभी से सैलजा ने चुप्पी साध रखी है।
हुड्डा खेमे से तनातनी
हरियाणा कांग्रेस में दो प्रमुख गुट हैं: एक भूपेंद्र हुड्डा का और दूसरा कुमारी सैलजा का। दोनों खेमों के बीच तनातनी साफ दिखाई दे रही है, जिसमें पोस्टर और बयानों में प्रतिस्पर्धा शामिल है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने सैलजा पर की गई टिप्पणी के खिलाफ खुलकर समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “सैलजा हमारे लिए सम्मानित नेता हैं, और उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की गलत टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
चुनाव से पहले कांग्रेस में सैलजा और हुड्डा के बीच का तनाव तब और बढ़ गया जब सैलजा ने “कांग्रेस संदेश यात्रा” की घोषणा की, जिसमें हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का फोटो शामिल नहीं था। इससे स्थिति और बिगड़ गई, लेकिन सैलजा ने बाद में एक नया पोस्टर जारी किया जिसमें दोनों नेताओं का फोटो जोड़ा गया। इस सब से साफ है कि कुमारी सैलजा की चुप्पी और उनकी नाराजगी कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है।
सैलजा के नाराज होने की तीन प्रमुख वजहें
टिकट वितरण में अनदेखी: कुमारी सैलजा ने 30 से 35 सीटें अपने समर्थकों के लिए मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने 90 में से 72 सीटें हुड्डा समर्थकों को दी। सैलजा खेमे को केवल 4 सीटें मिलीं, और उनके करीबी डॉ. अजय चौधरी को भी नारनौंद से टिकट नहीं मिल पाया।
जातिगत टिप्पणी: नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की। इस मामले ने तूल पकड़ा और दलित समाज में आक्रोश फैला। नारनौंद थाने में इस मामले में केस भी दर्ज हुआ।