Haryana News: किसानों ने कांग्रेस सांसद जेपी को सौंपा ज्ञापन: संसद सत्र में किसानों के लिए निजी बिल लाने की मांग

नरेन्द्र सहारण, हिसार। Haryana News: हरियाणा में विधानसभा चुनाव करीब है। ऐसे में दबाव बनाने विभिन्न वर्गों की ओर से लामबंदी होने लगी है। इसी कड़ी में हरियाणा के हिसार में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने कांग्रेस सांसद जयप्रकाश उर्फ जेपी को मांगपत्र सौंपा है। सांसद से आगामी संसद सत्र में किसानों-मजदूरों की मांगों पर निजी बिल लाने की मांग की गई। जेपी ने किसानों से वादा किया कि वे संसद सत्र में किसानों-मजदूरों की मांगों को जोर-शोर से उठाएंगे।
किसान नेताओं ने रखी निजी बिल की मांग
किसान नेताओं ने सांसद जयप्रकाश से कहा कि यदि आप संसद में गंभीरतापूर्वक किसानों-मजदूरों के मुद्दों पर निजी बिल नहीं लाते हैं तो फिर हमें ये मानने पर मजबूर होना पड़ेगा कि किसानों-मजदूरों के मुद्दों पर आप गम्भीर नहीं हैं।
किसानों ने रखी अपनी बात
किसान नेता ने बताया कि 13 फरवरी से शुरू हुए दूसरे चरण के किसान आंदोलन के शुरुआती दिनों में केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की 4 दौर की वार्ता हुई लेकिन सभी वार्ता बेनतीजा रहीं। मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जा रहे किसानों के ऊपर हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा फायरिंग की गई। इस दौरान पुलिस द्वारा किसानों के ऊपर पैलेट गनों और जहरीली गैसों का इस्तेमाल किया गया।
हरियाणा पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में युवा किसान शुभकरण सिंह सिर में गोली लगने से शहीद हो गए। 5 किसानों की आंखों की रोशनी चली गयी। कई साथियों की जहरीली गैस के चपेट में आने से मौत हो गई एवं 433 किसान घायल हो गए।
ये किसान नेता रहे मौजूद
हिसार में सांसद जयप्रकाश को मांगपत्र सौंपने वाले में अभिमन्यु कोहाड़, गुरदास सिंह, राजू सहरावत, हर्षदीप गिल, दशरथ मलिक, राजेश किरमारा, जयपाल सिंधु, जंगी लोहान, शीलू लोहान, बलवान लोहान, बिंदर खोखा, सोनू सांगवान, गुड्डी नियांणा, सरोज नियांणा, जगबीर ढंढेरी, रेशम सिंह, मंजीत थुराना, देवेंद्र लौरा आदि शामिल रहे।
किसानों की ये है मांग
- लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को सजा एवं पीड़ित किसानों को न्याय दिया जाए। किसान आंदोलन के सभी मुकदमे रद किये जाएं।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में पुनः लागू किया जाए। भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति एवं मार्किट रेट से 4 गुना मुआवजा देने के प्रावधान को लागू किया जाए।
- पूरे देश के किसानों के लिए सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए और डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय किए जाएं।
- किसानों और मजदूरों की कर्ज मुक्त किया जाए।
- किसानों और खेत मजदूरों को 10000 रुपए महीना की पेंशन दी जाए।
- पीएम फसल बीमा योजना में सुधार किए जाएं, फसल में नुकसान होने पर एक एकड़ को यूनिट मानकर मुआवजा दिया जाए एवं प्रीमियम सरकार द्वारा भरा जाए।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2023 को रद किया जाए एवं खेती को प्रदूषण कानून से बाहर निकाला जाए।
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