Haryana News: एजेंट ने कैथल के 6 युवाओं को रूस-यूक्रेन-युद्ध में धकेला, युद्ध में फंसे 5 युवाओं के परिजन हैं चिंतित

गांव मटौर निवासी रवि का फाइल फोटो। पौते के इंतजार में दादी।
नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के मटौर गांव निवासी 22 वर्षीय रवि मौण की रूस में मौत के बाद पूरे इलाके के लोग दुखी हैं। वहीं परिवार के लोग रवि के शव को रूस से लाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं। दूसरी ओर अभी भी गांव के 5 अन्य युवाओं का पता नहीं लग रहा है। पिछले साल ही इन 6 युवाओं को एजेंट ने अच्छी नौकरी का लालच देकर युद्धग्रस्त रूस भेज दिया था। वहां पर रूसी सेना में सफाई का काम पर इन्हें मिला, लेकिन बाद में परिजनों का कहना है कि इन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध में झोंक दिया गया। रवि के परिजनों ने भारत सरकार और प्रशासन से रवि का शव गांव लाने की गुहार लगाई है।
साहिल को पैर में गोली लगने की सूचना
इससे पहले इन युवकों को 10 दिन का प्रशिक्षण भी दिया गया था। मार्च महीने में रूस-यूक्रेन युद्ध में एक युवक साहिल के पैर में गोली लगने की सूचना परिजनों को हुई। वहां के एक अस्पताल में जब वह भर्ती था, तो गोली लगने का खुलासा मेडिकल रिपोर्ट से हुआ था। इसके बाद यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित भी हुआ।
परिजनों का कहना था कि साहिल को सामान लोड करने का काम दिया गया था, लेकिन कुछ दिन के प्रशिक्षण के बाद उसे जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उतार दिया। परेशान परिजनों ने सरकार से युवाओं को वापस स्वदेश लाने की गुहार लगाई। कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीति आरोप-प्रत्यारोप के भी दौर चले, लेकिन फिर शांत हो गया।
परिजनों को साहिल का इंतजार
मटौर निवासी साहिल के पिता बाग सिंह ने बताया कि उन्होंने बेटे साहिल को रोजगार की तलाश में खेती की जमीन का आधा एकड़ बेचकर बेटे साहिल को विदेश भेजा था, लेकिन एजेंट ने 10 लाख रुपये लेकर उनके बेटे को रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया। दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध में उसके बेटे को गोली लगी थी। बेटे की मेडिकल रिपोर्ट भी उन्हें मिली है। पहले साहिल को सामान लोड करने का काम दिया गया, लेकिन कुछ दिन का प्रशिक्षण देने के बाद उसे जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उतार दिया। उसका अभी तक कोई पता नहीं लग पाया है।
रवि का शव वापस लाने की गुहार
गौरतलब है कि रवि की मौत की पुष्टि मास्को (रूस) स्थित भारतीय दूतावास ने दो दिन पहले की थी। इसके बाद यह मुद्दा फिर से चर्चा में आया है। रवि के परिजनों ने सरकार से शव वापस गांव लाने की गुहार लगाई। उनके घर पर दुख व्यक्त करने वालों की भीड़ लगी है। मृतक रवि के दादा बचना राम से दुख के कारण कुछ बोला नहीं जा सका। उन्होंने रोते हुए कहा कि रवि तो चला गया है। रवि की दादी अपने पोते के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार करते हुए घर के दरवाजे पर बैठी आंसू बहा रही थीं।
मां की जगह भाई का लें डीएनए
रवि के परिजनों का कहना है कि वह रूस में ट्रांसपोर्ट का काम करने गया था, लेकिन उसे जबरन युद्ध में भेज दिया गया। उसे रूसी सेना की वर्दी में देखा गया था। रवि के साथ गए अन्य कई युवक अभी भी फंसे हुए है। उनकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। मृतक रवि के भाई अजय की दूतावास लंबे समय से बात चल रही थी।
दूतावास से किया अनुरोध
उसके भाई की दूतावास से चल रही पूछताछ के आधार पर यह खुलासा हुआ था। मृतक रवि के भाई अजय ने बताया कि दूतावास ने उन्हें कहा कि वे मृतक की मौत की पुष्टि के लिए उसकी मां का डीएनए टेस्ट करना चाहते हैं, लेकिन उनकी मां की मौत हो चुकी है। इसलिए उन्होंने दूतावास से अनुरोध किया कि वे उसकी मां के जगह उसका डीएनए टेस्ट कर सकते हैं।
अन्य युवाओं को वापस लाएं
अजय के अनुसार उसका भाई रवि रूस में 13 जनवरी को 2024 को ट्रांसपोर्ट में काम करने के लिए गया था। कुछ समय तक परिवार रवि के संपर्क में था, लेकिन इसके बाद उनके भाई को रूसी सीमा पर युद्ध के लिए भेज दिया गया है। कुछ दिन बाद वह रूसी सेना की वर्दी में देखा भी गया था। उन्होंने कहा कि 12 मार्च तक उसके भाई के साथ बातचीत भी हुई। इसके बाद पिछले छह महीने से न तो रवि से कोई बात हो पाई और न ही अन्य किसी युवक से कोई बात हुई। बताया कि भाई ने अंतिम बातचीत में बताया था कि सेना के लोगों ने उन्हें कहा कि या तो युद्ध को फ्रंट लाइन पर लड़ो नहीं तो उन्हें 10 साल की जेल होगी। उनकी केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग है कि उनके भाई का शव भारत मंगवाया जाए। साथ ही वहां फंसे हुए अन्य भारतीय युवाओं को भी बचाया जाए।
एजेंट ने युवाओं को युद्ध में धकेला
गांव मटौर निवासी युवक सोनू ने बताया कि एक एजेंट ने गांव के एक साथ 6 युवकों को रुपयों का लालच देकर युद्ध में धकेल दिया। मार्च महीने से लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। अभी तक केवल रवि की मौत की सूचना ही परिजनों को मिली है, जबकि अन्य 5 युवकों के बार में कोई जानकारी नहीं मिली है। इन युवाओं को गांव के एक एजेंट ने अधिक वेतन और अन्य लालच में रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे जानलेवा युद्ध में धकेल दिया था।
करनाल के हर्ष का वीडिया वायरल
आपको बता दें कि फरवरी महीने में एक्स (ट्विटर) पर कुछ दिन पहले रूसी सेना की वर्दी पहने करनाल के हर्ष ने वीडियो वायरल कर सरकार से सहायता की अपील की थी। हर्ष ने भी यह आरोप लगाया था कि उसे जबरदस्ती इस युद्ध में ढकेल दिया गया है। रवि के अलावा हरियाणा के अन्य युवा साहिल, बलदेव, राजेंद्र और अन्य दो युवक अभी भी वहां फंसे हुए हैं, जबकि मार्च महीने में रवि ने युद्ध के समय फोटो और वीडियो भेजी थी।
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