Haryana News: जम्मू-कश्मीर में हरियाणा के कुलदीप कुमार बलिदान, CRPF के दल पर हुआ आतंकी हमला

शहीद कुलदीप कुमार।
नरेन्द्र सहारण, जींद/श्रीनगर । Haryana News: भारत माता के लिए हरियाणा का एक लाल बलिदान हो गया। जींद जिले के गांव निडानी निवासी सीआरपीएफ जवान जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के डुडू बसंतगढ़ इलाके में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। देर रात उनके शहीद होने की सूचना आने के बाद गांव निडानी में मातम छा गया। सूचना मिलते ही उनके घर पर गांव के लोगों का आना शुरू हो गया। कुलदीप मलिक (54) जल्द ही डीएसपी के पद पर पदोन्नत होने वाले थे। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद आतंकियों के हमले तेज हो गए हैं।
दोपहर बाद तीन बजे के बाद आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। इसमें सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसओजी के संयुक्त दल पर आतंकियों ने हमला कर दिया। इसमें जींद जिले के गांव निडानी निवासी इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक बलिदान हो गए।
जम्मू के उधमपुर जिले में आतंकवादियों द्वारा सीआरपीएफ़ और जम्मू-कश्मीर के गश्ती दल पर किए गए हमले में जींद के निड़ानी गाँव के वीर सपूत,सीआरपीएफ़ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक ने अपने प्राणों की आहुति दी।
उनका यह सर्वोच्च बलिदान देश कभी नहीं भूलेगा।मैं शहीद कुलदीप मलिक जी को विनम्र… pic.twitter.com/rHJGHYUFn7
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) August 20, 2024
नियमित गश्त के दौरान अंधाधुंध गोलीबारी
सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि उधमपुर के के चील इलाके में सीआरपीएफ की नियमित गश्त के दौरान आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर बलिदान हो गए। शहीद की पहचान कुलदीप के रूप में हुई है।
सीआरपीएफ उधमपुर में संपर्क का प्रयास
कुलदीप मलिक का परिवार फिलहाल बेटों के साथ दिल्ली में रहता है। उनके दो बेटे संजय और नवीन हैं। संजय रेलवे पुलिस दिल्ली में तैनात हैं। वहीं नवीन भारतीय सेना में तैनात हैं। कुलदीप के चचेरे भाई पूर्व जिला परिषद सदस्य अमित निडानी ने बताया कि फिलहाल परिवार के लोगों को इसकी सूचना नहीं मिली है। उनको इसकी सूचना मिल चुकी है। वह अभी सीआरपीएफ उधमपुर में संपर्क का प्रयास कर रहे हैं। संपर्क नहीं हो पाया है।
आतंकियों को मिली रही सीमापार और स्थानीय मदद
विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद आतंकी अपने नापाक मंसूबे को कामयाब करना चाहते हैं। सीमापार से मिल रही शह पर वे दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में खून-खराबा हो रहा है। इससे पहले 7 अगस्त को भी उधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। हालांकि, आतंकी पहाड़ी क्षेत्र में खराब मौसम और धुंध का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे थे।
माना जा रहा है कि उधमपुर के बसंतपुर के जंगलों में आतंकियों के कुछ ग्रुप बीते कुछ महीने से छिपे हैं। इन्हें सीमा पार से शह मिली है। स्थानीय लोग संदिग्ध देखे जाने की लगातार सूचना दे रहे हैं। घने जंगलों में बिना गाइड और मददगारों के छिपना संभव नहीं है। माना जा रहा है कि इन आतंकियों को कुछ स्थानीय लोगों के यहां शरण मिल रही है। मौजूदा समय में गुज्जर-बकरवालों के कई डेरे जंगलों और पहाड़ों पर रुके हुए हैं। इनको धमकाकर आतंकी अपने लिए खाने का इंतजाम कर लेते हैं। सुरक्षाबलों को उधमपुर के आसपास जंगलों में अप्रैल माह से इस क्षेत्र में आतंकियों की गतिविधियों के बारे में सूचना मिली हुई है।
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