Haryana News: हरियाणा में भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ अधिकारियों ने किया खेल, सरकार ने ऐसे अधिकारियों को किया चिन्हित

नायब सैनी।
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों ने जमकर खेल खेले। सत्तारूढ़ दल भाजपा को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने के इरादे से कुछ अधिकारी और कर्मचारी विपक्षी दलों के हाथों की कठपुतली बने रहे। ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों ने ना केवल हजारों कर्मचारियों की पेंशन रोक दी, बल्कि शहरी निकाय विभाग की ओर से दुकानों को बंद कराने के नोटिस तक निकाल दिए। इसके पीछे शरारत यही थी कि पेंशन नहीं आने से तंग लोग लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा के उम्मीदवारों के विरुद्ध मतदान कर सकें और इसका फायदा विपक्षी उम्मीदवारों को मिल जाए।
करीब 25 हजार लोगों की पेंशन रोकी गई
लोकसभा चुनाव के दौरान करीब 25 हजार लोगों की पेंशन रोकी गई, जो अब पकड़ में आ चुकी है। हजारों लोग ऐसे भी हैं, जिनके खातों में मार्च व अप्रैल माह की पेंशन नहीं डाली गई। ऐसे लोगों को यह संदेह बना रहा कि शायद उनकी पेंशन कट चुकी है। पेंशन के लिए लोग मारे-मारे फिरते रहे। कभी समाज कल्य़ाण विभाग के चक्कर काटे तो कभी बैंकों में धक्के खाए। लेकिन उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला। शहरी निकाय विभाग की ओर से सैकड़ों लोगों को उनकी दुकानें बंद कराने के नोटिस जारी कर दिए गए। इससे लोगों में डर पैदा हो गया। ऐसा कर विपक्षी दलों ने अपनी विचारधारा वाले इन कर्मचारियों के माध्यम से खेल करवाकर भाजपा को नुकसान पहुंचाने का पूरा प्रयास किया।
दुकानदारों को दुकानें बंद करने के नोटिस जारी किए
प्रदेश सरकार के संज्ञान में जब यह मामला आया तो ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को चिन्हित किया गया। चुनाव आयोग से पता कराया गया कि क्या आचार संहिता के दौरान दुकानदारों को दुकानें बंद करने के नोटिस जारी किए जा सकते हैं और पात्र लोगों की पहले से चली आ रही पेंशन रोकी जा सकती है। चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि पहले से मिलने वाली पेंशन यदि निरंतर पात्र लोगों के खातों में जाती रहे तो यह आचार संहिता के उल्लंघन में नहीं आती। इन कर्मचारियों ने बहाना यह बनाया कि आचार संहिता की वजह से लोगों की पेंशन रोकी गई है।
इन कर्मचारियों के विरुद्ध होगी कानूनी कार्रवाई
हरियाणा सरकार ने ऐसे सभी कर्मचारियों व अधिकारियों के बारे में राज्य चुनाव आयोग के पास जानकारी भेज दी है। इन कर्मचारियों के विरुद्ध अब कानूनी कार्रवाई की जा रही है। रोहतक व सिरसा में कांग्रेस पर बोगस वोटिंग कराने का आरोप लगाते हुए भी भाजपा की ओर से राज्य चुनाव आयोग को शिकायत भेजी गई है। करनाल, सिरसा व अंबाला में वामपंथी विचारधारा के लोगों द्वारा किसानों को बदनाम करने के इरादे से किसान आंदोलन के नाम पर झूठे आंदोलन खड़े किए गए। इस बारे में भी चुनाव आयोग को सूचित किया गया है। ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित करने का सिलसिला लगातार जारी है, जिनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई प्रस्तावित है।
मतदान का कम प्रतिशत भाजपा के हक में
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में इस बार पिछले चुनाव की अपेक्षा करीब चार प्रतिशत मतदान कम हुआ है। विश्लेषक इस कम मतदान को भाजपा के पक्ष में मानकर चल रहे हैं। उनकी दलील है कि यदि सरकार के विरुद्ध कोई रोष होता है तो मतदान का प्रतिशत बढ़ जाता है। हर किसी की अपनी-अपनी सोच होती है और अपना-अपना हिसाब होता है। हमारे पास जो रिपोर्ट है, उसके मुताबिक भाजपा राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें और करनाल विधानसभा सीट जीत रही है। रोहतक और सिरसा में जीत का अंतर थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन बाकी सीटों पर हम अच्छे अंतर से चुनाव जीत रहे हैं। मैं करीब 3 दर्जन बूथों पर गया। कांग्रेस के बूथों पर कोई एजेंट नहीं दिखा। इस चुनाव में कुछ कर्मचारियों ने विपक्षी दल खासकर कांग्रेस के इशारे पर भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए काम किया। ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है। कुछ के विरुद्ध राज्य चुनाव आयोग में शिकायत की गई है। चार जून को आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों से जवाब मांगेंगी।
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